पटना : 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस के दिन जदयू कार्यालय को कटोरा लेकर पहुंचे वित्त रहित शिक्षकों ने घेर लिया. बिहार के अलग-अलग जिलों से वित्त रहित शिक्षक पटना पहुंचे थे. वित्त रहित शिक्षकों का कहना था कि उन लोगों को अनुदान ना देकर वेतन दिया जाए. उन्हें 35 साल से वेतन नहीं मिला है. शिक्षकों का कहना है कि वे लोग धरना करते-करते थक गए हैं. अनुदान भी कई वर्षों से लंबित है.
पोस्टर के साथ-हाथ में कटोरा :कई तरह का पोस्टर और हाथ में कटोरा लिए वित्त रहित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से गुहार लगाते हुए कहा कि न्याय के साथ विकास में वित्त रहित शिक्षक छूट गया है. सरकार में हमारी बात नहीं मानी जा रही है. वित्त रहित शिक्षकों को बाद में पुलिस ने जेडीयू कार्यालय से हटा दिया. शिक्षकों के घेराव के कारण वीर चंद पटेल पथ पर काफी देर तक जाम की स्थिति बन गई.
''हम लोग गरीब हैं, भूखे हैं. हम लोग शिक्षा विभाग और नीतीश सरकार से कहना चाहते हैं कि शिक्षक दिवस के दिन हमारा परिवार भूखा है. हम चाहते हैं कि सीएम हमारी मांगों को पूरा करें, हमें वेतनमान देकर जदूय कार्यालय से विदा करें. मांग करते करते कुछ शिक्षक रिटायर्ड हो गए, तो कुछ दुनिया से भी चले गए.''- प्रदर्शनकारी वित्त रहित शिक्षक
'जो भी भीख मिलेगा उसको सरकार को देंगे' :शिक्षकों का कहना था कि, क्या वित्त रहित शिक्षकों को पैसा देने के लिए सरकार के कोष में धन नहीं है? जब तक शिक्षक भूखा रहेगा, ज्ञान का सागर सूखा रहेगा. वहीं कटोरा लेकर प्रदर्शन करने के सवाल पर शिक्षकों ने कहा कि वो लोग कटोरा लेकर पटना की सड़क पर खड़े हैं ताकि उन्हें जो भी भीख मिलेगा उसको वो सरकार को देंगे.