ETV Bharat / bharat

व्यक्तिगत रंजिश...बदला लेने की साजिश! भुवनेश्वर में पुलिस मुखबिर की जघन्य हत्या आखिर क्यों हुई? - POLICE INFORMER MURDER CASE

पिछले हफ्ते 8 जनवरी को, पुलिस मुखबिर सहदेव की रसूलगढ़ इलाके के पास व्यस्त एनएच-16 पर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड के सिलसिले में पांच आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

भुवनेश्वर में सहदेव नायक हत्याकांड के सिलसिले में पांच आरोपी गिरफ्तार
भुवनेश्वर में सहदेव नायक हत्याकांड के सिलसिले में पांच आरोपी गिरफ्तार (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 13, 2025, 6:32 PM IST

भुवनेश्वर: भुवनेश्वर के रसूलगढ़ इलाके में पुलिस मुखबिर सहदेव नायक की दर्दनाक हत्याकांड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. खबर के मुताबिक, इस केस की जांच में कई परिवारों से जुड़ी बदला लेने और प्रतिद्वंद्विता की कड़वी कहानी निकलकर सामने आई है. गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने खौफनाक साजिश और सहदेव की हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा किया.

मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों लोग दो परिवारों से हैं. एक लिपिका नायक का और दूसरा लकी नायक का परिवार है. आरोपियों ने हमले की पूरी योजना बनाई और मौके की तलाश में थे. तीन दिनों तक उन्होंने सहदेव की हरकतों पर नजर रखी और मौका देखकर रसूलगढ़ रेलवे ओवरब्रिज पर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों ने हेलमेट पहनकर अपना भेष बदल लिया ताकि कोई उनका चेहरा न देख सके.

'सहदेव ने हमारी आजीविका छीन ली'
4 दिसंबर को ब्राउन शुगर की बरामदगी को लेकर आबकारी अधिकारियों ने लिपिका को गिरफ्तार किया था. उसका मानना है कि, सहदेव ने जानबूझकर उसकी गाड़ी में ब्राउन शुगर रखी थी और उसने आबकारी टीम को इस प्रतिबंधित पदार्थ के बारे में सूचना दी, जिसके कारण उसे जेल जाना पड़ा. इतना ही नहीं, सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाली लिपिका को तीन महीने पहले बीएमसी ने हटा दिया था.

खबर के मुताबिक, सहदेव सफाई कर्मचारी संघ का अध्यक्ष था. इस वजह से आरोपी ने सहदेव पर अपनी रोजी-रोटी छीनने का आरोप लगाया. उस घटना के बाद से लिपिका और उसका पति सहदेव से रंजिश रखते थे. हत्या से ठीक तीन दिन पहले 5 जनवरी को लिपिका जेल से छुटकर बाहर आई. पूछताछ में लिपिका ने पुलिस को बताया था कि, जेल से छुटने के बाद उसने सहदेव की हत्या करने की योजना बनाई थी. सिर्फ लिपिका का परिवार ही नहीं, बल्कि गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी लकी नायक और उसका पति राकेश नायक का भी सहदेव से रंजिश थी. खबर के मुताबिक, लकी भी पहले बीएमसी में सफाई कर्मचारी थी.

पिछले कुछ सालों में उसने अन्य सफाई कर्मचारियों का विश्वास जीत लिया था. वह इसके बाद 30 से 40 सफाई कर्मचारियों का नेतृत्व कर रही थी. जिसे सहदेव संघ का अध्यक्ष होने के नाते बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. धीरे-धीरे लकी को भी कर्मचारी पद से हटा दिया गया. उसी इलाके में रहने के बावजूद सहदेव ने अपने राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल कर उसे नौकरी से हटा दिया.

इससे पहले, लकी और उसके पिता पर खारवेल नगर पुलिस सीमा के अंतर्गत प्रेस क्लब के पास एक झुग्गी में कुछ बदमाशों ने हमला किया था. लकी ने आरोप लगाया कि हमले के पीछे सहदेव और उसके भतीजे का हाथ है. पुलिस ने उसके भतीजे को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सहदेव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जांच अधिकारी ने बताया कि, इन सभी घटनाओं ने लिपिका नायक और उसके पति लक्ष्मीधर नायक, लकी नायक और उसके पति राकेश नायक को साथ लाकर सहदेव को खत्म करने की साजिश रची.

ट्विन सिटी पुलिस कमिश्नर ने कहा कि, यह हत्या व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा है, लेकिन कानून लागू करने वाली एजेंसियों की मदद करने वाले लोगों के सामने आने वाले जोखिमों के कारण इसका सामाजिक प्रभाव बहुत बड़ा है. पुलिस ने सामुदायिक खेल, नृत्य कार्यक्रम और सामाजिक संपर्क कार्यक्रम आयोजित करके पुलिस और झुग्गीवासियों के बीच विश्वास बढ़ाने की पहल के रूप में 'बस्ती कु चाला' अभियान शुरू किया था.

अभियान का उद्देश्य कुछ निवासियों को पुलिस मित्र (पुलिस के मित्र) के रूप में शामिल करके अपराधों पर अंकुश लगाना था, जो स्थानीय आपराधिक गतिविधियों की जानकारी एकत्र करते थे और उसे पुलिस को देते थे। जल्द ही, इन मित्रों को अपराधियों द्वारा 'पुलिस मुखबिर' के रूप में लेबल किया गया. इस तरह सहदेव, जो एक 'पुलिस मित्र' था और झुग्गी-झोपड़ियों में अपराधों पर नजर रखने में अधिकारियों की मदद करता था, अपराधियों का निशाना बन गया, जो उसे अपने लिए खतरा मानते थे.

'पुलिस की मदद करने पर मेरे पति की हत्या कर दी गई'
इस बीच, सहदेव की पत्नी ने जान और अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की और आरोप लगाया कि कुछ अपराधी अभी भी फरार हैं. उन्होंने कहा, "हमारे इलाके में बड़े पैमाने पर ब्राउन शुगर की तस्करी की जाती है. इसका विरोध करने वाले की हत्या कर दी गई. पत्नी ने कहा कि, पुलिस की मदद करने पर उसके पति सहदेव की जान चली गई.

उन्होंने आशंका जताई कि, आज उन्होंने उसके पति को मारा है कल अपराधी उसे और उसके बच्चे की भी हत्या कर सकते हैं. उन्होंने अपने पति के लिए न्याय मांगते हुए सवाल किया, पुलिस मित्र बनकर मेरे पति को क्या मिला? सहदेव की पत्नी ने कहा कि, उन्होंने पुलिस सुरक्षा मांगी, लेकिन बदले में उन्हें कोई सहायता नहीं मिली.

पिछले हफ्ते 8 जनवरी को, कैपिटल पुलिस स्टेशन क्षेत्र के केदारपल्ली झुग्गी बस्ती के सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस मुखबिर सहदेव की रसूलगढ़ इलाके के पास व्यस्त एनएच-16 पर बेरहमी से हत्या कर दी गई, ठीक उसी समय जब शहर प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की तैयारी कर रहा था. पुलिस ने अब तक मुख्य साजिशकर्ताओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है. पुलिस ने यह भी बताया कि कैपिटल पीएस में सहदेव के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं.

ब्राउन शुगर के कारोबार पर कार्रवाई
साल 2023 में कमिश्नरेट पुलिस ने ब्राउन शुगर जब्ती के सिलसिले में 63 मामले दर्ज किए और 126 तस्करों को गिरफ्तार किया. कमिश्नरेट पुलिस ने बताया कि इस दौरान करीब 1.022 किलोग्राम ब्राउन शुगर और 1.72 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.

इसी तरह, 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 के बीच ब्राउन शुगर के कारोबार से जुड़े 95 लोगों की गिरफ्तारी के साथ 48 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2024 में पुलिस ने कुल 702 ग्राम प्रतिबंधित पदार्थ और 7.02 लाख रुपये नकद जब्त किए.

ये भी पढ़ें: ड्रग केस के आरोपी ने सरेआम पुलिस का सिर धड़ से अलग कर दिया, पांच गिरफ्तार

भुवनेश्वर: भुवनेश्वर के रसूलगढ़ इलाके में पुलिस मुखबिर सहदेव नायक की दर्दनाक हत्याकांड को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. खबर के मुताबिक, इस केस की जांच में कई परिवारों से जुड़ी बदला लेने और प्रतिद्वंद्विता की कड़वी कहानी निकलकर सामने आई है. गिरफ्तार किए गए पांचों आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस ने खौफनाक साजिश और सहदेव की हत्या के पीछे के कारणों का खुलासा किया.

मामले में गिरफ्तार किए गए पांचों लोग दो परिवारों से हैं. एक लिपिका नायक का और दूसरा लकी नायक का परिवार है. आरोपियों ने हमले की पूरी योजना बनाई और मौके की तलाश में थे. तीन दिनों तक उन्होंने सहदेव की हरकतों पर नजर रखी और मौका देखकर रसूलगढ़ रेलवे ओवरब्रिज पर उसकी हत्या कर दी. आरोपियों ने हेलमेट पहनकर अपना भेष बदल लिया ताकि कोई उनका चेहरा न देख सके.

'सहदेव ने हमारी आजीविका छीन ली'
4 दिसंबर को ब्राउन शुगर की बरामदगी को लेकर आबकारी अधिकारियों ने लिपिका को गिरफ्तार किया था. उसका मानना है कि, सहदेव ने जानबूझकर उसकी गाड़ी में ब्राउन शुगर रखी थी और उसने आबकारी टीम को इस प्रतिबंधित पदार्थ के बारे में सूचना दी, जिसके कारण उसे जेल जाना पड़ा. इतना ही नहीं, सफाईकर्मी के तौर पर काम करने वाली लिपिका को तीन महीने पहले बीएमसी ने हटा दिया था.

खबर के मुताबिक, सहदेव सफाई कर्मचारी संघ का अध्यक्ष था. इस वजह से आरोपी ने सहदेव पर अपनी रोजी-रोटी छीनने का आरोप लगाया. उस घटना के बाद से लिपिका और उसका पति सहदेव से रंजिश रखते थे. हत्या से ठीक तीन दिन पहले 5 जनवरी को लिपिका जेल से छुटकर बाहर आई. पूछताछ में लिपिका ने पुलिस को बताया था कि, जेल से छुटने के बाद उसने सहदेव की हत्या करने की योजना बनाई थी. सिर्फ लिपिका का परिवार ही नहीं, बल्कि गिरफ्तार किए गए अन्य आरोपी लकी नायक और उसका पति राकेश नायक का भी सहदेव से रंजिश थी. खबर के मुताबिक, लकी भी पहले बीएमसी में सफाई कर्मचारी थी.

पिछले कुछ सालों में उसने अन्य सफाई कर्मचारियों का विश्वास जीत लिया था. वह इसके बाद 30 से 40 सफाई कर्मचारियों का नेतृत्व कर रही थी. जिसे सहदेव संघ का अध्यक्ष होने के नाते बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था. धीरे-धीरे लकी को भी कर्मचारी पद से हटा दिया गया. उसी इलाके में रहने के बावजूद सहदेव ने अपने राजनीतिक संबंधों का इस्तेमाल कर उसे नौकरी से हटा दिया.

इससे पहले, लकी और उसके पिता पर खारवेल नगर पुलिस सीमा के अंतर्गत प्रेस क्लब के पास एक झुग्गी में कुछ बदमाशों ने हमला किया था. लकी ने आरोप लगाया कि हमले के पीछे सहदेव और उसके भतीजे का हाथ है. पुलिस ने उसके भतीजे को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन सहदेव के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. जांच अधिकारी ने बताया कि, इन सभी घटनाओं ने लिपिका नायक और उसके पति लक्ष्मीधर नायक, लकी नायक और उसके पति राकेश नायक को साथ लाकर सहदेव को खत्म करने की साजिश रची.

ट्विन सिटी पुलिस कमिश्नर ने कहा कि, यह हत्या व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा है, लेकिन कानून लागू करने वाली एजेंसियों की मदद करने वाले लोगों के सामने आने वाले जोखिमों के कारण इसका सामाजिक प्रभाव बहुत बड़ा है. पुलिस ने सामुदायिक खेल, नृत्य कार्यक्रम और सामाजिक संपर्क कार्यक्रम आयोजित करके पुलिस और झुग्गीवासियों के बीच विश्वास बढ़ाने की पहल के रूप में 'बस्ती कु चाला' अभियान शुरू किया था.

अभियान का उद्देश्य कुछ निवासियों को पुलिस मित्र (पुलिस के मित्र) के रूप में शामिल करके अपराधों पर अंकुश लगाना था, जो स्थानीय आपराधिक गतिविधियों की जानकारी एकत्र करते थे और उसे पुलिस को देते थे। जल्द ही, इन मित्रों को अपराधियों द्वारा 'पुलिस मुखबिर' के रूप में लेबल किया गया. इस तरह सहदेव, जो एक 'पुलिस मित्र' था और झुग्गी-झोपड़ियों में अपराधों पर नजर रखने में अधिकारियों की मदद करता था, अपराधियों का निशाना बन गया, जो उसे अपने लिए खतरा मानते थे.

'पुलिस की मदद करने पर मेरे पति की हत्या कर दी गई'
इस बीच, सहदेव की पत्नी ने जान और अपने बच्चे की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर की और आरोप लगाया कि कुछ अपराधी अभी भी फरार हैं. उन्होंने कहा, "हमारे इलाके में बड़े पैमाने पर ब्राउन शुगर की तस्करी की जाती है. इसका विरोध करने वाले की हत्या कर दी गई. पत्नी ने कहा कि, पुलिस की मदद करने पर उसके पति सहदेव की जान चली गई.

उन्होंने आशंका जताई कि, आज उन्होंने उसके पति को मारा है कल अपराधी उसे और उसके बच्चे की भी हत्या कर सकते हैं. उन्होंने अपने पति के लिए न्याय मांगते हुए सवाल किया, पुलिस मित्र बनकर मेरे पति को क्या मिला? सहदेव की पत्नी ने कहा कि, उन्होंने पुलिस सुरक्षा मांगी, लेकिन बदले में उन्हें कोई सहायता नहीं मिली.

पिछले हफ्ते 8 जनवरी को, कैपिटल पुलिस स्टेशन क्षेत्र के केदारपल्ली झुग्गी बस्ती के सामाजिक कार्यकर्ता और पुलिस मुखबिर सहदेव की रसूलगढ़ इलाके के पास व्यस्त एनएच-16 पर बेरहमी से हत्या कर दी गई, ठीक उसी समय जब शहर प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की तैयारी कर रहा था. पुलिस ने अब तक मुख्य साजिशकर्ताओं सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य संदिग्धों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चला रही है. पुलिस ने यह भी बताया कि कैपिटल पीएस में सहदेव के खिलाफ दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं.

ब्राउन शुगर के कारोबार पर कार्रवाई
साल 2023 में कमिश्नरेट पुलिस ने ब्राउन शुगर जब्ती के सिलसिले में 63 मामले दर्ज किए और 126 तस्करों को गिरफ्तार किया. कमिश्नरेट पुलिस ने बताया कि इस दौरान करीब 1.022 किलोग्राम ब्राउन शुगर और 1.72 लाख रुपये नकद बरामद किए गए.

इसी तरह, 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2024 के बीच ब्राउन शुगर के कारोबार से जुड़े 95 लोगों की गिरफ्तारी के साथ 48 मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2024 में पुलिस ने कुल 702 ग्राम प्रतिबंधित पदार्थ और 7.02 लाख रुपये नकद जब्त किए.

ये भी पढ़ें: ड्रग केस के आरोपी ने सरेआम पुलिस का सिर धड़ से अलग कर दिया, पांच गिरफ्तार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.