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जब देव आनंद के साथ शूटिंग के वक्त मुसीबत में फंसी हेमा मालिनी, जानें रोचक किस्सा

देव आनंद की पुण्यतिथि पर पढ़िए बिहार से जुड़ा रोचक किस्सा. जब शूटिंग के वक्त मुसीबत में फंस गई थी हेमा मालिनी.

Dev Anand Death Anniversary
नालंदा में जॉनी मेरे नाम की शूटिंग (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 17 hours ago

नालंदा: देव साहब, इसी नाम से उनके फैंस उन्हें जानते थे. हिंदी सिनेमा के स्टाइलिश एक्टर देव आनंद की आज पुण्यतिथि है. 13 साल पहले आज ही के दिन (3 दिसंबर 2011) उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था. हिंदी सिनेमा के रोमांटिक अभिनेता से जुड़े कई किस्से हैं. बिहार से जुड़ा भी एक किस्सा हैं, जो लोग कम ही जानते हैं.

देव आनंद साहब को नहीं भूल सकता बिहार : बात 1970 की हैं, यानी आज से 54 साल पहले देव आनंद साहब की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' रिलीज हुई थी. इस फिल्म में मुख्य किरदार में देवानंद और अभिनेत्री हेमा मालिनी थी. यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही. फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से बिहार की यादें भी जुड़ी हुई हैं. फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में मौसम खराब होने की वजह से 10 दिनों तक फिल्म के क्रू को यहां रूकना पड़ा था.

Dev Anand Death Anniversary
स्काई ट्राली पर शूट करना था (ETV Bharat)

नालंदा के खंडहर में हुई थी 'ओ मेरे राजा' की शूटिंग : इस फिल्म का एक गाना 'ओ मेरे राजा, खफा न होना, देर से आई, दूर से आई, वादा तो निभाया, इंतजार के इक-इक पल का बदला लूंगा. ऐसा भी क्या..' की शूटिंग प्राचीन नालंदा विवि के भग्नावशेष (खंडहर), नालंदा रेलवे स्टेशन और राजगीर के विश्व शांति स्तूप को जाने वाले रज्जू मार्ग के रोप-वे पर हुई थी.

Dev Anand Death Anniversary
नालंदा के खंडहर में हुई थी ओ मेरे राजा की शूटिंग (ETV Bharat)

मौसम खराब था, इसलिए 10 दिन में हुई शूटिंग : आज भी नालंदा में लोग बड़े गर्व से उन दिनों की चर्चा करते हैं. नालंदा के सूरजपुर गांव निवासी अमरेंद्र सिंह, आज 70 वर्ष के हैं, शूटिंग के वक्त उनकी उम्र 16 वर्ष थी. वे शहर में हैंडीक्राफ्ट्स की दुकान चलाते थे. अमरेंद्र उन दिनों को याद कर बताते हैं कि ठंड का मौसम था. सिर्फ 5 दिन के लिए शूटिंग की इजाजत मिली थी. लेकिन मौसम खराब था. इसलिए 'ओ मेरे राजा की शूटिंग' में 10 दिन लग गए.

Dev Anand Death Anniversary
अमरेंद्र सिंह निवासी नालंदा (ETV Bharat)

''उन दिनों आसपास के गांव और जिले से लोग शूटिंग देखने पहुंचे थे. उन दिनों 20 पैसा नालंदा खंडहर का किराया था. लेकिन जैसे ही फिल्म का गाने की शूटिंग खत्म हुई, किराया बढ़कर 50 पैसे कर दिया गया. आज इसका 40 रुपए किराया है, जबकि विदेशी सैलानियों के लिए यह 600 रुपए है.'' - अमरेंद्र सिंह, निवासी, नालंदा

'देव साहब की एक झलक के लिए पागल हो रहे थे लोग' : नालंदा शहर के मुजफ्फरपुर गांव निवासी चंदू मिस्त्री (74 वर्ष) बताते हैं, उस समय वे साल साल के थे. गार्डनर अटेंडर के तौर पर काम करते थे. अब रिटायर्ड हो चुके हैं. चंदू बताते हैं कि ''उन उस काफी देव आनंद साहब को देखने के लिए काफी भीड़ थी. शूटिंग के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी सुरक्षा थी. बड़े, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं भी शूटिंग देखने पहुंची थी. लोग उन्हें देखने के लिए पागल हो रहे थे''

Dev Anand Death Anniversary
मुजफ्फरपुर गांव निवासी चंदू मिस्त्री (ETV Bharat)

'उस दिन देव आनंद की एक झलक देखी थी' : नालंदा शहर में चाय और समोसे की दुकान चलाने वाले धुरी लाल (78 वर्ष) बताते हैं कि, लोगों से पता चला कि देव आनंद और हेमा मालिनी की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' का एक गाना यहां शूट किया गया था. उस दिन बहुत भीड़ था, दूर से देव आनंद साहब की एक झलक देखने को मिली. हमारे शहरे में फिल्म की शूटिंग हुई थी. इसलिए जब फिल्म रिलीज हुई तो सिनेमा हॉल में दो-तीन बार जाकर देखा.

Dev Anand Death Anniversary
धुरी लाल दुकानदार नालंदा (ETV Bharat)

''उस दिन दुकान छोड़कर शूटिंग देखने चले गए. देखा कि देव आनंद ब्रीफ़केस (बैग) लेकर नीचे उतर रहे हैं और पुलिस उनके पीछे दौड़ रही है. शूटिंग का तीसरा दिन था. काफी भीड़ देव आनंद और हेमा मालिनी को देखने आती थी. इस कारण मेरे दुकान के चाय समोसे भी काफी बिकते थे.'' - धुरी लाल, दुकानदार, नालंदा

हेमा मालिनी न्यूकमर थीं : फिल्म की एकट्रेस को बहुत कम लोग जानते थे. इसलिए लोग सिर्फ देव साहब की एक झलक देखना चाहते थे. हेमा मालिनी न्यूकमर थीं, इसलिए ज्यादातर लोग उन्हें नहीं जानते थे. 'जॉनी मेरा नाम' में देव आनंद और हेमा मालिनी ने पहली बार साथ में काम किया था. फिल्म समीक्षक बताते हैं कि साल 1970 में रिलीज इस फिल्म ने सबसे ज्यादा कमाई की थी. 1970 में देव आनंद 47 साल के थे, जबकि हेमा मालिनी 22 साल की थीं.

'स्काई ट्राली पर शूट करना था, मैं डरी हुई थीं' : पिछले साल (06 अक्टूबर 2023) राजस्थान के जयपुर शहर में एक कार्यक्रम के दौरान खुद हेमा मालिनी ने भी इस फिल्म से जुड़ी यादें शेयर की थीं. उन्होंने कहा था, बिहार के नालंदा में मैं और देव आनंद साहब ओ मेरे राजा फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. ओ मेरे राजा' गाने की शूटिंग के दौरान एक सीन राजगीर में रोप वे (स्काई ट्राली) पर करना था. मैं डरी हुई थीं.

''ओ मेरे राजा गाने का यह सीन मेरे लिए काफी मुश्किल था. मुझे उनकी गोद में बैठना पड़ा. मैं अजीब (अनकम्फर्टेबल) महसूस कर रही थी. जब शूटिंग शुरू हुई तो लाइट चली गई. मैं डर गई. वे (देव आनंद) मेरा डर खत्म करने के लिए चुटकुले सुनाते रहे. काफी देर बाद रोप-वे ठीक हुआ और शूटिंग कर ली गई.'' - हेमा मालिनी, एक्ट्रेस

उस साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म - फिल्म समीक्षक : फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम कहते हैं कि, उस दौर में दिलीप कुमार, राज कपूर और देवानंद तीन महान कलाकार थे. 60-70 के दशक में देव आनंद युवाओं के लिए आइकॉन हुआ करते थे. वे आधुनिकता के लिए जाने जाते थे. वे उस दौर के युवाओं से कनेक्ट कर रहे थे. फिल्म के जरिए उस समय से आगे की कहानी कह रहे थे. यहीं कारण है कि 1970 में जॉनी मेरा नाम बनी थी. यह फिल्म उस साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी.

Dev Anand Death Anniversary
विनोद अनुपम फिल्म समीक्षक (ETV Bharat)

''उस समय न इंटरनेट था. न कंप्यूटर था. लेकिन उन्हें नालंदा के खंडहर और राजगीर के बारे में जानकारी थी. यहां आकर उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण फिल्म का गाना शूट किया. मेरा मानना है कि यह बिहार की जो संस्कृति थी, उससे वो पूरी तरह रूबरू थे. उन्हें पता था कि नालंदा जाएंगे तो उनकी फिल्म के लिए यह यूएसपी होगी.'' - विनोद अनुपम, फिल्म समीक्षक

शूटिंग के बीच जेपी से मिले थे देव साहब : बिहार के नालंदा में 'जॉनी मेरा नाम' की शूटिंग 10 दिनों तक चली थी. ऐसे में एक दिन शूटिंग से समय निकालकर देव आनंद, जयप्रकाश से मिलने पहुंच गए थे. फिल्म से जुड़े लोग बताते हैं कि इस दोनों दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई थी. देव आनंद के बारे में एक बात कम लोग जानते है कि उन्होंने एक पॉलिटिकल पार्टी (नेशनल पार्टी) बनाई थी.

Dev Anand Death Anniversary
राजगीर का शांति स्तूप (ETV Bharat)

88 साल की उम्र, दुनिया को कहा अलविदा : 03 दिसंबर, 2011, लंदन के दा वॉशिंगटन मेयफेर होटल से देव आनंद के फैंस के लिए रुला देने वाली खबर आई कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. इस खबर से देश में सन्नाटा छा गया. 1946 में उनकी पहली फिल्म 'हम एक हैं' और उनकी मौत के कुछ महीने बाद उनकी आखिरी फिल्म चार्जशीट रिलीज हुई थी.

'जॉनी मेरा नाम' क्राइम, एक्शन फिल्म : विजय आनंद (देव आनंद के छोटे भाई) ने 'जॉनी मेरा नाम' का निर्देशन किया था. गुलशन राय फिल्म के निर्माता थे. यह क्राइम और एक्शन फिल्म थी. फिल्म में प्रेमनाथ, जीवन, आई एस जौहर, पद्मा खन्ना और इफ्तिखार प्रमुख भूमिला में थे. फिल्म में देव आनंद और प्राण भाई के रोल में थे, जो बचपन में बिछड़ जाते हैं.

ये भी पढ़ें : Death Anniversary: देव आनंद ने किया था इस ऐतिहासिक फैसले का विरोध, जानें पूरा किस्सा

ये भी पढ़ें : ये है वो फिल्म जिसमें देव आनंद ने पहना था काला कोट, जानें क्यों कोर्ट को करना पड़ गया था बैन

नोट : इस Story से जुड़े कुछ तथ्यों को देव आनंद की बायोग्राफी 'सदाबहार आनंद, देव आनंद' से लिया गया है.

नालंदा: देव साहब, इसी नाम से उनके फैंस उन्हें जानते थे. हिंदी सिनेमा के स्टाइलिश एक्टर देव आनंद की आज पुण्यतिथि है. 13 साल पहले आज ही के दिन (3 दिसंबर 2011) उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा था. हिंदी सिनेमा के रोमांटिक अभिनेता से जुड़े कई किस्से हैं. बिहार से जुड़ा भी एक किस्सा हैं, जो लोग कम ही जानते हैं.

देव आनंद साहब को नहीं भूल सकता बिहार : बात 1970 की हैं, यानी आज से 54 साल पहले देव आनंद साहब की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' रिलीज हुई थी. इस फिल्म में मुख्य किरदार में देवानंद और अभिनेत्री हेमा मालिनी थी. यह फिल्म ब्लॉकबस्टर रही. फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' से बिहार की यादें भी जुड़ी हुई हैं. फिल्म की शूटिंग के सिलसिले में मौसम खराब होने की वजह से 10 दिनों तक फिल्म के क्रू को यहां रूकना पड़ा था.

Dev Anand Death Anniversary
स्काई ट्राली पर शूट करना था (ETV Bharat)

नालंदा के खंडहर में हुई थी 'ओ मेरे राजा' की शूटिंग : इस फिल्म का एक गाना 'ओ मेरे राजा, खफा न होना, देर से आई, दूर से आई, वादा तो निभाया, इंतजार के इक-इक पल का बदला लूंगा. ऐसा भी क्या..' की शूटिंग प्राचीन नालंदा विवि के भग्नावशेष (खंडहर), नालंदा रेलवे स्टेशन और राजगीर के विश्व शांति स्तूप को जाने वाले रज्जू मार्ग के रोप-वे पर हुई थी.

Dev Anand Death Anniversary
नालंदा के खंडहर में हुई थी ओ मेरे राजा की शूटिंग (ETV Bharat)

मौसम खराब था, इसलिए 10 दिन में हुई शूटिंग : आज भी नालंदा में लोग बड़े गर्व से उन दिनों की चर्चा करते हैं. नालंदा के सूरजपुर गांव निवासी अमरेंद्र सिंह, आज 70 वर्ष के हैं, शूटिंग के वक्त उनकी उम्र 16 वर्ष थी. वे शहर में हैंडीक्राफ्ट्स की दुकान चलाते थे. अमरेंद्र उन दिनों को याद कर बताते हैं कि ठंड का मौसम था. सिर्फ 5 दिन के लिए शूटिंग की इजाजत मिली थी. लेकिन मौसम खराब था. इसलिए 'ओ मेरे राजा की शूटिंग' में 10 दिन लग गए.

Dev Anand Death Anniversary
अमरेंद्र सिंह निवासी नालंदा (ETV Bharat)

''उन दिनों आसपास के गांव और जिले से लोग शूटिंग देखने पहुंचे थे. उन दिनों 20 पैसा नालंदा खंडहर का किराया था. लेकिन जैसे ही फिल्म का गाने की शूटिंग खत्म हुई, किराया बढ़कर 50 पैसे कर दिया गया. आज इसका 40 रुपए किराया है, जबकि विदेशी सैलानियों के लिए यह 600 रुपए है.'' - अमरेंद्र सिंह, निवासी, नालंदा

'देव साहब की एक झलक के लिए पागल हो रहे थे लोग' : नालंदा शहर के मुजफ्फरपुर गांव निवासी चंदू मिस्त्री (74 वर्ष) बताते हैं, उस समय वे साल साल के थे. गार्डनर अटेंडर के तौर पर काम करते थे. अब रिटायर्ड हो चुके हैं. चंदू बताते हैं कि ''उन उस काफी देव आनंद साहब को देखने के लिए काफी भीड़ थी. शूटिंग के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कड़ी सुरक्षा थी. बड़े, बूढ़े, बच्चे और महिलाएं भी शूटिंग देखने पहुंची थी. लोग उन्हें देखने के लिए पागल हो रहे थे''

Dev Anand Death Anniversary
मुजफ्फरपुर गांव निवासी चंदू मिस्त्री (ETV Bharat)

'उस दिन देव आनंद की एक झलक देखी थी' : नालंदा शहर में चाय और समोसे की दुकान चलाने वाले धुरी लाल (78 वर्ष) बताते हैं कि, लोगों से पता चला कि देव आनंद और हेमा मालिनी की फिल्म 'जॉनी मेरा नाम' का एक गाना यहां शूट किया गया था. उस दिन बहुत भीड़ था, दूर से देव आनंद साहब की एक झलक देखने को मिली. हमारे शहरे में फिल्म की शूटिंग हुई थी. इसलिए जब फिल्म रिलीज हुई तो सिनेमा हॉल में दो-तीन बार जाकर देखा.

Dev Anand Death Anniversary
धुरी लाल दुकानदार नालंदा (ETV Bharat)

''उस दिन दुकान छोड़कर शूटिंग देखने चले गए. देखा कि देव आनंद ब्रीफ़केस (बैग) लेकर नीचे उतर रहे हैं और पुलिस उनके पीछे दौड़ रही है. शूटिंग का तीसरा दिन था. काफी भीड़ देव आनंद और हेमा मालिनी को देखने आती थी. इस कारण मेरे दुकान के चाय समोसे भी काफी बिकते थे.'' - धुरी लाल, दुकानदार, नालंदा

हेमा मालिनी न्यूकमर थीं : फिल्म की एकट्रेस को बहुत कम लोग जानते थे. इसलिए लोग सिर्फ देव साहब की एक झलक देखना चाहते थे. हेमा मालिनी न्यूकमर थीं, इसलिए ज्यादातर लोग उन्हें नहीं जानते थे. 'जॉनी मेरा नाम' में देव आनंद और हेमा मालिनी ने पहली बार साथ में काम किया था. फिल्म समीक्षक बताते हैं कि साल 1970 में रिलीज इस फिल्म ने सबसे ज्यादा कमाई की थी. 1970 में देव आनंद 47 साल के थे, जबकि हेमा मालिनी 22 साल की थीं.

'स्काई ट्राली पर शूट करना था, मैं डरी हुई थीं' : पिछले साल (06 अक्टूबर 2023) राजस्थान के जयपुर शहर में एक कार्यक्रम के दौरान खुद हेमा मालिनी ने भी इस फिल्म से जुड़ी यादें शेयर की थीं. उन्होंने कहा था, बिहार के नालंदा में मैं और देव आनंद साहब ओ मेरे राजा फिल्म की शूटिंग कर रहे थे. ओ मेरे राजा' गाने की शूटिंग के दौरान एक सीन राजगीर में रोप वे (स्काई ट्राली) पर करना था. मैं डरी हुई थीं.

''ओ मेरे राजा गाने का यह सीन मेरे लिए काफी मुश्किल था. मुझे उनकी गोद में बैठना पड़ा. मैं अजीब (अनकम्फर्टेबल) महसूस कर रही थी. जब शूटिंग शुरू हुई तो लाइट चली गई. मैं डर गई. वे (देव आनंद) मेरा डर खत्म करने के लिए चुटकुले सुनाते रहे. काफी देर बाद रोप-वे ठीक हुआ और शूटिंग कर ली गई.'' - हेमा मालिनी, एक्ट्रेस

उस साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म - फिल्म समीक्षक : फिल्म समीक्षक विनोद अनुपम कहते हैं कि, उस दौर में दिलीप कुमार, राज कपूर और देवानंद तीन महान कलाकार थे. 60-70 के दशक में देव आनंद युवाओं के लिए आइकॉन हुआ करते थे. वे आधुनिकता के लिए जाने जाते थे. वे उस दौर के युवाओं से कनेक्ट कर रहे थे. फिल्म के जरिए उस समय से आगे की कहानी कह रहे थे. यहीं कारण है कि 1970 में जॉनी मेरा नाम बनी थी. यह फिल्म उस साल की ब्लॉकबस्टर फिल्म थी.

Dev Anand Death Anniversary
विनोद अनुपम फिल्म समीक्षक (ETV Bharat)

''उस समय न इंटरनेट था. न कंप्यूटर था. लेकिन उन्हें नालंदा के खंडहर और राजगीर के बारे में जानकारी थी. यहां आकर उन्होंने सबसे महत्वपूर्ण फिल्म का गाना शूट किया. मेरा मानना है कि यह बिहार की जो संस्कृति थी, उससे वो पूरी तरह रूबरू थे. उन्हें पता था कि नालंदा जाएंगे तो उनकी फिल्म के लिए यह यूएसपी होगी.'' - विनोद अनुपम, फिल्म समीक्षक

शूटिंग के बीच जेपी से मिले थे देव साहब : बिहार के नालंदा में 'जॉनी मेरा नाम' की शूटिंग 10 दिनों तक चली थी. ऐसे में एक दिन शूटिंग से समय निकालकर देव आनंद, जयप्रकाश से मिलने पहुंच गए थे. फिल्म से जुड़े लोग बताते हैं कि इस दोनों दोनों के बीच काफी देर तक बातचीत हुई थी. देव आनंद के बारे में एक बात कम लोग जानते है कि उन्होंने एक पॉलिटिकल पार्टी (नेशनल पार्टी) बनाई थी.

Dev Anand Death Anniversary
राजगीर का शांति स्तूप (ETV Bharat)

88 साल की उम्र, दुनिया को कहा अलविदा : 03 दिसंबर, 2011, लंदन के दा वॉशिंगटन मेयफेर होटल से देव आनंद के फैंस के लिए रुला देने वाली खबर आई कि दिल का दौरा पड़ने से उनका निधन हो गया. इस खबर से देश में सन्नाटा छा गया. 1946 में उनकी पहली फिल्म 'हम एक हैं' और उनकी मौत के कुछ महीने बाद उनकी आखिरी फिल्म चार्जशीट रिलीज हुई थी.

'जॉनी मेरा नाम' क्राइम, एक्शन फिल्म : विजय आनंद (देव आनंद के छोटे भाई) ने 'जॉनी मेरा नाम' का निर्देशन किया था. गुलशन राय फिल्म के निर्माता थे. यह क्राइम और एक्शन फिल्म थी. फिल्म में प्रेमनाथ, जीवन, आई एस जौहर, पद्मा खन्ना और इफ्तिखार प्रमुख भूमिला में थे. फिल्म में देव आनंद और प्राण भाई के रोल में थे, जो बचपन में बिछड़ जाते हैं.

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नोट : इस Story से जुड़े कुछ तथ्यों को देव आनंद की बायोग्राफी 'सदाबहार आनंद, देव आनंद' से लिया गया है.

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