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क्या होली के बाद JDU में शामिल होंगे निशांत कुमार? सवाल- नीतीश कुमार तोड़ेंगे भीष्म प्रतिज्ञा - NITISH KUMAR SON NISHANT KUMAR

क्या बिहार में RJD-LJP-HAM के बाद JDU में भी परिवारवाद की एंट्री होगी. आगे जानिए क्या है पूरा माजरा?

Nitish Kumar son Nishant Kumar
नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 27, 2025, 9:06 PM IST

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीतिक पारी को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू है. नीतीश कुमार अब तक परिवार के सदस्यों को राजनीति से दूर रखते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं. परिवार के सदस्यों के साथ पार्टी के कई नेता भी चाहते हैं कि निशांत को पार्टी की कमान मिल जाए.

नीतीश के बेटे की JDU में होगी ताजपोशी ? : एक बार फिर से चर्चा है कि होली के बाद निशांत को लेकर कोई बड़ा फैसला जेडीयू में हो सकता है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि निशांत पढ़े लिखे हैं. राजनीति में आते हैं तो पार्टी हित में होगा और ट्रेनिंग तो उन्हें मिल ही चुकी है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

'पढ़े-लिखे लोग राजनीति में आते हैं तो अच्छी बात होगी' : नालंदा से आने वाले बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी श्रवण कुमार का कहना है कि निशांत कुमार पार्टी में आते हैं तो अच्छा ही होगा. पढ़े लिखे हैं और ऐसे लोगों को राजनीति में आना चाहिए. इतनी अच्छी सोच वाले अगर युवा राजनीति में आते हैं तो मैं समझता हूं कि समाज का भला ही होगा.

''मेरी जानकारी में नहीं है. हमसे मुलाकात भी कभी-कभी ही होती है. जनवरी में जरूर मुलाकात हुई थी. जब नीतीश कुमार के साथ हैं तो परिवार के सभी सदस्य पार्टी में हैं. वह बिहार की राजनीति को समझते हैं. बिहार की परिस्थितियों को समझते हैं.''- श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार सरकार

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का निशांत को लेकर बयान (ETV Bharat)

'सही समय पर सही फैसला होगा' : वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नीतीश कुमार के नजदीकियों में से एक वशिष्ठ नारायण सिंह का भी कहना है कि निशांत कुमार आते हैं तो यह पार्टी हित में होगा. हालांकि इस मामले में मुझे भी कोई जानकारी नहीं है. निशांत कुमार पढ़े लिखे हैं, इंजीनियर हैं और नीतीश कुमार के साथ रह रहे हैं तो राजनीतिक गुर भी सीख रहे होंगे. इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सही समय पर ही उनके बारे में सही फैसला होगा.

नीतीश कुमार की पारी अब तक बेदाग : राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि नीतीश कुमार की दो यूएसपी है. एक तो भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करना और दूसरा परिवारवाद से दूरी. बिहार के कई नेता भ्रष्टाचार में फंस चुके हैं, यह किसी से छिपा नहीं है. वैसे नीतीश कुमार की पारी अब तक बेदाग रही है. राजनीति में भी अपने परिवार के किसी सदस्य को उन्होंने एंट्री नहीं होने दी है.

क्या राजनीति में होगी निशांत की एंट्री (ETV Bharat)

''परिवार के सदस्य जरूर चाहते हैं कि निशांत राजनीति में आए. अब नीतीश कुमार अपनी भीष्म प्रतिज्ञा तोड़ लें तो अलग बात है. कर्पूरी ठाकुर भी अपने परिवार के किसी सदस्य को जीते जी राजनीति में आने नहीं दिए. हालांकि उनके निधन के बाद उनके बेटे आज केंद्र में मंत्री भी हैं.''- अरुण पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ

नीतीश के लिए की थी वोट देने की अपील : बता दें कि नए साल पर निशांत कुमार अपने दादा के राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गए थे. इस दौरान उन्होंने बयान दिया था कि मेरे पिताजी को वोट दीजिए फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए, क्योंकि उन्होंने अच्छा काम किया है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

जेडीयू के कई नेता चाहते हैं निशांत की भूमिका : वैसे निशांत कुमार राजनीति में अपनी दिलचस्पी नहीं होने की बात भी कहते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार उम्र के जिस दहलीज पर हैं उनके स्वास्थ्य को लेकर भी कई तरह के सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में जेडीयू को बचाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है. पार्टी के कई नेता चाहते हैं कि निशांत जेडीयू में अपनी भूमिका निभाएं.

नीतीश कुमार के ग्रीन सिग्नल का इंतजार : आधिकारिक रूप से अब तक इस मामले में कुछ भी बातें बाहर नहीं आई है. हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले निशांत को लेकर जेडीयू कोई बड़ा फैसला ले तो बड़ी बात नहीं होगी. वैसे ग्रीन सिग्नल नीतीश कुमार को ही देना है और उन पर परिवार और पार्टी का दबाव है.

Nitish Kumar Son
पिता नीतीश कुमार के साथ निशांत (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

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पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार की राजनीतिक पारी को लेकर एक बार फिर से चर्चा शुरू है. नीतीश कुमार अब तक परिवार के सदस्यों को राजनीति से दूर रखते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी को लेकर कयास लगाए जाते रहे हैं. परिवार के सदस्यों के साथ पार्टी के कई नेता भी चाहते हैं कि निशांत को पार्टी की कमान मिल जाए.

नीतीश के बेटे की JDU में होगी ताजपोशी ? : एक बार फिर से चर्चा है कि होली के बाद निशांत को लेकर कोई बड़ा फैसला जेडीयू में हो सकता है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कह रहे हैं कि निशांत पढ़े लिखे हैं. राजनीति में आते हैं तो पार्टी हित में होगा और ट्रेनिंग तो उन्हें मिल ही चुकी है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

'पढ़े-लिखे लोग राजनीति में आते हैं तो अच्छी बात होगी' : नालंदा से आने वाले बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री नीतीश कुमार के नजदीकी श्रवण कुमार का कहना है कि निशांत कुमार पार्टी में आते हैं तो अच्छा ही होगा. पढ़े लिखे हैं और ऐसे लोगों को राजनीति में आना चाहिए. इतनी अच्छी सोच वाले अगर युवा राजनीति में आते हैं तो मैं समझता हूं कि समाज का भला ही होगा.

''मेरी जानकारी में नहीं है. हमसे मुलाकात भी कभी-कभी ही होती है. जनवरी में जरूर मुलाकात हुई थी. जब नीतीश कुमार के साथ हैं तो परिवार के सभी सदस्य पार्टी में हैं. वह बिहार की राजनीति को समझते हैं. बिहार की परिस्थितियों को समझते हैं.''- श्रवण कुमार, मंत्री, बिहार सरकार

ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार का निशांत को लेकर बयान (ETV Bharat)

'सही समय पर सही फैसला होगा' : वहीं पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और नीतीश कुमार के नजदीकियों में से एक वशिष्ठ नारायण सिंह का भी कहना है कि निशांत कुमार आते हैं तो यह पार्टी हित में होगा. हालांकि इस मामले में मुझे भी कोई जानकारी नहीं है. निशांत कुमार पढ़े लिखे हैं, इंजीनियर हैं और नीतीश कुमार के साथ रह रहे हैं तो राजनीतिक गुर भी सीख रहे होंगे. इसमें कहीं कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन सही समय पर ही उनके बारे में सही फैसला होगा.

नीतीश कुमार की पारी अब तक बेदाग : राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण पांडे का कहना है कि नीतीश कुमार की दो यूएसपी है. एक तो भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करना और दूसरा परिवारवाद से दूरी. बिहार के कई नेता भ्रष्टाचार में फंस चुके हैं, यह किसी से छिपा नहीं है. वैसे नीतीश कुमार की पारी अब तक बेदाग रही है. राजनीति में भी अपने परिवार के किसी सदस्य को उन्होंने एंट्री नहीं होने दी है.

क्या राजनीति में होगी निशांत की एंट्री (ETV Bharat)

''परिवार के सदस्य जरूर चाहते हैं कि निशांत राजनीति में आए. अब नीतीश कुमार अपनी भीष्म प्रतिज्ञा तोड़ लें तो अलग बात है. कर्पूरी ठाकुर भी अपने परिवार के किसी सदस्य को जीते जी राजनीति में आने नहीं दिए. हालांकि उनके निधन के बाद उनके बेटे आज केंद्र में मंत्री भी हैं.''- अरुण पांडे, राजनीतिक विशेषज्ञ

नीतीश के लिए की थी वोट देने की अपील : बता दें कि नए साल पर निशांत कुमार अपने दादा के राजकीय समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ गए थे. इस दौरान उन्होंने बयान दिया था कि मेरे पिताजी को वोट दीजिए फिर से मुख्यमंत्री बनाने के लिए, क्योंकि उन्होंने अच्छा काम किया है.

ईटीवी भारत GFX.
ईटीवी भारत GFX. (ETV Bharat)

जेडीयू के कई नेता चाहते हैं निशांत की भूमिका : वैसे निशांत कुमार राजनीति में अपनी दिलचस्पी नहीं होने की बात भी कहते रहे हैं, लेकिन नीतीश कुमार उम्र के जिस दहलीज पर हैं उनके स्वास्थ्य को लेकर भी कई तरह के सवाल उठते रहे हैं. ऐसे में जेडीयू को बचाने की भी बड़ी जिम्मेदारी है. पार्टी के कई नेता चाहते हैं कि निशांत जेडीयू में अपनी भूमिका निभाएं.

नीतीश कुमार के ग्रीन सिग्नल का इंतजार : आधिकारिक रूप से अब तक इस मामले में कुछ भी बातें बाहर नहीं आई है. हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले निशांत को लेकर जेडीयू कोई बड़ा फैसला ले तो बड़ी बात नहीं होगी. वैसे ग्रीन सिग्नल नीतीश कुमार को ही देना है और उन पर परिवार और पार्टी का दबाव है.

Nitish Kumar Son
पिता नीतीश कुमार के साथ निशांत (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

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