पटनाः BPSC 70वीं प्रीलिम्स परीक्षा शुक्रवार को प्रदेश के 912 परीक्षा केंद्रों पर संपन्न हो गयी. अभ्यर्थियों ने कहा कि इस बार परीक्षा में प्रश्न पत्र का लेवल पिछले बार की तुलना में आसान रहा. बीपीएससी के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी वैकेंसी है. इसमें सरकार के विभिन्न विभागों के लिए 2031 पद की रिक्तियां है.
कितना जाएगा कट ऑफ?: आयोग के अध्यक्ष परमार रवि मनु भाई ने बताया है कि "इस परीक्षा में 3.25 लाख अभ्यर्थी सम्मिलित हुए हैं." ऐसे में इन तमाम स्थितियों के बीच इस बार प्रीलिम्स परीक्षा का कट ऑफ कितना जाएगा जानते हैं शिक्षाविद क्या बता रहे हैं.?
एनसीईआरटी का अध्ययन कारगर: प्रदेश के जाने-माने शिक्षाविद और सिविल सर्विसेज परीक्षा की तैयारी करने वाले शिक्षक गुरु रहमान ने खास जानकारी दी. बताया कि परीक्षा की समाप्ति के बाद प्रश्न पत्र का उन्होंने गहन विश्लेषण किया है. इसमें उन्होंने पाया है कि आयोग द्वारा अब तक जो भी परीक्षा ली गई है, उन परीक्षाओं में 70वीं बीपीएससी प्रीलिम्स परीक्षा के प्रश्न पत्र सबसे सरल थे.
प्रश्न पत्र आसान: गुरु रहममान ने बताया कि प्रश्न आसान और बिना उलझे हुए थे. उन्होंने कहा कि वह दावे के साथ कह सकते हैं कि जिन बच्चों ने नाइंथ टेंथ की एनसीईआरटी और एससीईआरटी की किताबें गहराई से पढ़ी होगी उन्होंने सारे के सारे प्रश्नों का आंसर से दिया होगा. प्रश्न पत्र में करंट अफेयर्स के प्रश्न 6 महीना के प्रतियोगिता दर्पण से पूछे गए थे.
"आयोग दावा कर रहा है कि पेपर लीक नहीं हुआ है. प्रश्न पत्र भी आसान थे. ऐसे में 100 से कम किसी भी परिस्थिति में कट ऑफ जाने की संभावना नहीं है. जिस तरह का प्रश्न पूछा गया था वह किसी भी रूप में अधिकारी चुनने के लेवल के प्रश्न नहीं थे." -गुरु रहमान, शिक्षक
अनुमानित श्रेणी वार कट ऑफ
सामान्य | 100-102 |
सामान्य महिला | 92-95 |
ईडब्ल्यूएस | 94-97 |
एससी | 82-85 |
एसटी | 82-85 |
बीसी | 98-100 |
ईबीसी | 94-96 |
कट-ऑफ क्या होता है: सभी प्रतियोगिता परीक्षाओं में कट ऑफ तय किया जाता है. इस अर्थ है जरूरी न्यूनतम अंक जो परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों का चयन के लिए बनाया जाता है. कट ऑफ के बराबर या उससे अधिक लाने वाले अभ्यर्थियों का चयन किया जाता है. इससे कम अंक लाने वालों को फेल माना जाता है.
कैसे तय होता है कट ऑफ: कट ऑफ तय करने के कई कारण होते हैं. इसमें अभ्यर्थियों की संख्या, प्रश्न पत्र की कठिनाई और परीक्षार्थियों का औसत अंक के आधार पर कट ऑफ बनाया जाता है. मान लीजिए किसी श्रेणी में सीटों की संख्या 300 है. तो उस श्रेणी के टॉप 300 उम्मीदवारों में अंतिम उम्मीदवार के आधार पर कट ऑफ तय किया जाता है. अलग-अलग श्रेणी के लिए अलग-अलग कट ऑफ बनाया जाता है.
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