जयपुरःसुप्रीम कोर्ट ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में एसओजी की ओर से की गई आरोपियों की गिरफ्तारी की कार्रवाई को सही माना है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को जमानत से इनकार करते हुए उनकी एसएलपी खारिज कर दी. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पंकज मित्थल की खंडपीठ ने यह आदेश आरोपी सुभाष विश्नोई व अन्य की एसएलपी पर दिए.
यह कहा सुप्रीम कोर्ट नेः खंडपीठ ने कहा कि आरोपियों का अपराध एक व्यक्ति विशेष के खिलाफ न होकर पूरे समाज के खिलाफ है. आरोपियों ने लाखों प्रतिभाशाली लोगों की भावनाओं के साथ खेला है और ऐसे में उन्हें किसी भी तरह की राहत नहीं दे सकते. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एसओजी पहले आरोपियों को पूछताछ के लिए लाई थी और उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत होने पर उनकी गिरफ्तारी की गई. एसओजी ने गिरफ्तारी के 24 घंटे में आरोपियों को कोर्ट में पेश कर दिया और इसमें कानूनी प्रावधानों की अवहेलना नहीं हुई है.
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आरोपियों ने दी थी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौतीः हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को कहा है कि वह ट्रायल कोर्ट के समक्ष अपने पक्ष में साक्ष्य पेश कर सकते हैं और नियमित जमानत अर्जी लगा सकते हैं. मामले में आरोपी सुभाष बिश्नोई, राकेश भामू, मनीष बेनीवाल और दिनेश बिश्नोई, सुरेन्द्र कुमार व मालाराम ने दो एसएलपी के जरिए राजस्थान हाईकोर्ट के 8 मई 2024 के आदेश को चुनौती दी थी. इस आदेश में राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की अपील पर जयपुर मेट्रो-द्वितीय की सीएमएम कोर्ट का 11 ट्रेनी एसआई व एक कांस्टेबल सहित 12 आरोपियों की सशर्त रिहाई का निर्देश देने वाला 12 अप्रैल का आदेश रद्द कर दिया था.
आरोपियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा व सिद्धार्थ दवे ने राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को रद्द कर सीएमएम कोर्ट के आदेश को बहाल कर उन्हें जमानत देने का आग्रह किया था. इसके विरोध में राज्य सरकार के एएजी शिवमंगल शर्मा ने कहा कि एसओजी ने आरोपियों को गिरफ्तारी के 24 घंटे में ही कोर्ट में पेश कर दिया था और इससे पहले उन्हें पूछताछ के लिए ही बुलाया था. ऐसे में एसओजी की इस कार्रवाई को अवैध हिरासत में रखना नहीं मान सकते, इसलिए आरोपियों की एसएलपी खारिज की जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने एसएलपी को खारिज कर दिया.