नई दिल्ली: क्षेत्रीय राजनीतिक दलों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 200 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा मिलने की घोषणा की है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स(एडीआर) के एक विश्लेषण में यह जानकारी सामने आई है. एडीआर के विश्लेषण के अनुसार झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) जननायक जनता पार्टी (जजपा) तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने चंदे से अपनी आय में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है.
रिपोर्ट में प्राप्त कुल चंदे में कुछ दलों का प्रभुत्व भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) को जानकारी देने में काफी देरी और चंदा देने वालों के विवरण के खुलासे में अंतराल पर प्रकाश डाला गया है. विश्लेषण किये गये 57 क्षेत्रीय दलों में से केवल 18 ने निर्धारित समय के भीतर निर्वाचन आयोग को अपनी चंदा रिपोर्ट प्रस्तुत की. अठाईस क्षेत्रीय दलों द्वारा घोषित कुल 2 119 चंदों का विश्लेषण किया गया जिनकी राशि 216.765 करोड़ रुपये थी.
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बीस हजार रुपये से अधिक का चंदा देने वाले लोगों को अपनी पहचान बताना अनिवार्य है. सत्रह अन्य दलों ने अपने विवरण प्रस्तुत करने में देरी की जिसमें दो से लेकर 164 दिन तक की देरी हुई. बीजू जनता दल (बीजद) और जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) समेत सात दलों ने वर्ष के लिए कोई चंदा नहीं घोषित किया.
रिपोर्ट में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में कुछ दलों के चंदे में उल्लेखनीय वृद्धि पर प्रकाश डाला गया. झामुमो में 3 685 प्रतिशत की जबरदस्त वृद्धि देखी गई जिसके बाद जजपा में 1 997 प्रतिशत और तेदेपा में 1 795 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
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हालांकि, समाजवादी पार्टी (सपा) और शिरोमणि अकाली दल (शिअद) जैसे दलों ने चंदे में तीव्र गिरावट दर्ज की है जिसमें क्रमशः 99.1 प्रतिशत और 89.1 प्रतिशत की कमी आई है. सर्वाधिक चंदा प्राप्त करने वालों की सूची में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) शीर्ष पर रही जिसने मात्र 47 चंदादाताओं से 154.03 करोड़ रुपये प्राप्त होने की घोषणा की उसके बाद वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को पांच चंदादाताओं से 16 करोड़ रुपये तथा तेदेपा को 11.92 करोड़ रुपये प्राप्त हुए.
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पांच दलों बीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, तेदेपा, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) को कुल घोषित चंदे का 90.56 प्रतिशत प्राप्त हु. एडीआर ने चंदे की जानकारी देने में पारदर्शिता को लेकर चिंता जताई. पांच क्षेत्रीय दलों ने 96.2 लाख रुपये के चंदे की घोषणा चंदादाताओं के स्थायी खाता संख्या (पैन) दिए बिना की.
कुल चंदे में नकद चंदे की हिस्सेदारी मात्र 0.099 प्रतिशत थी जो 43 चंदों से 21.45 लाख रुपये थी. राज्यों में केरल 9.09 लाख रुपये नकद चंदे के साथ पहले स्थान पर रहा जबकि दूसरे स्थान पर पश्चिम बंगाल रहा जहां 5.91 लाख रुपये का नकद चंदा मिला.
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कॉरपोरेट और व्यावसायिक संस्थाओं ने 169.2 करोड़ रुपये का चंदा दिया जो कुल चंदे का 78 प्रतिशत था जबकि अन्य चंदादाताओं ने 45.24 करोड़ रुपये का चंदा दिया. बीआरएस को 40 कॉरपोरेट चंदादाताओं से 138.97 करोड़ रुपये मिले जो क्षेत्रीय दलों में सबसे अधिक है.
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