मुंबई: केंद्र की मोदी सरकार देश की जनता को लगातार खुशखबरी दे रही है. पहले 12 लाख तक की इनकम को टैक्स फ्री कर दिया. उसके बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट कम करके बैंक कस्टमर्स की EMI कम करके खुशियां दीं. ताजा जानकारी के मुताबिक केंद्र एक और बड़ी खुशखबरी देने की तैयारी कर रहा है. जो आपको बड़ी राहत देगा. आइये जानते हैं.
बैंक डूबा तो बढ़ेगा इंश्योरेंस कवर
न्यूज एजेंसी पीटीआई की खबर के मुताबिक केंद्र सरकार बैंक में जमा राशि पर मिलने वाले इंश्योरेंस कवर को बढ़ाने की प्लानिंग कर रही है. अभी तक ये लिमिट 5 लाख रुपये तक है. सरकार इसको बढ़ाने का प्लान कर रही है. फायनेंस मिनिस्ट्री के अधिकारी से यह बात सामने आई है. वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू के अनुसार इस प्रस्ताव को बहुत जल्द मंजूरी मिलने जा रही है. इसका नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया जाएगा.
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अगर आज की तारीख में कोई बैंक डूबता है और आपके अकाउंट में कितनी भी राशि जमा हो, लेकिन आपको सिर्फ इंश्योरेंस कवर के नाम पर केवल 5 लाख ही मिलेंगे. बता दें, यह डिपाजिट इंश्योंरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉर्पोरेशन (डीआईसीजीसी) कानून के तहत इंश्योरेंस कवर मिलता है. अभी यह नहीं साफ हुआ है कि इस कवर को कितना बढ़ाया जाएगा. देश में कई बैंक डूब चुके हैं, जिनको लेकर हाहाकार मचा हुआ है. ताजा मामला मुंबई का न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का सामने आया है, जिस पर आरबीआई ने बैन लगाया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में एम नागराजू ने कहा कि बीमा बढ़ाने के मुद्दे पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है. जैसे ही सरकार मंजूरी देगी, हम इसे अधिसूचित कर देंगे. हालांकि, उन्होंने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के संकट पर बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि आरबीआई इस मामले से अवगत है. इससे पहले पीएमसी बैंक घोटाले के बाद, डीआईसीजीसी बीमा सीमा 2020 में 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई थी.
वहीं, आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र आरबीआई की निगरानी में अच्छी तरह विनियमित है और उन्होंने क्षेत्र की समग्र स्थिति को मजबूत बताया. उन्होंने कहा कि किसी एक इकाई में संकट आने से किसी को भी पूरे क्षेत्र पर संदेह नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि दोषी इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करना नियामक का काम है. रिपोर्टों के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 1.3 लाख जमाकर्ताओं को 90 प्रतिशत की पूरी रकम डीआईसीजीसी के अंतर्गत आएगी.
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