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विश्वनाथ कार्तिकेय: 16 साल की उम्र, 20 से अधिक चोटी फतह की, अब माउंट एवरेस्ट पर नजर - YOUNG MOUNTAINEERING

हैदराबाद के युवा पर्वतारोही विश्वनाथ कार्तिकेय इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दोनों में नाम दर्ज करा चुके हैं.

hyderabad young mountaineering Vishwanath Karthikeya who climb more than 20 peaks eyes on Mount Everest
विश्वनाथ कार्तिकेय (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 20, 2025, 7:05 PM IST

हैदराबाद: तेलंगाना के विश्वनाथ कार्तिकेय ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में ही छह महाद्वीपों की 20 से अधिक चोटियां फतह की हैं. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दोनों में नाम दर्ज कराने के बाद अब उनकी नजर माउंट एवरेस्ट फतह करने पर है. कार्तिकेय का लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के लोगों की सूची अपना नाम दर्ज कराना है.

विश्वनाथ कार्तिकेय के लिए पर्वतारोहण सिर्फ एक शौक नहीं था. उनकी बहन ने उन्हें प्रेरित किया. हैदराबाद के बालानगर इलाके में रहने वाले और 11वीं के छात्र कार्तिकेय ने पर्वतारोहण तब शुरू किया, जब उनकी बहन उन्हें उत्तराखंड के माउंट रुदुगाइरा (Rudugaira) ले गईं. इस साहसिक यात्रा के बाद वह पर्वतारोहण को लेकर जुनूनी हो गए.

कार्तिकेय ने ये चोटियां फतह कीं

वर्ष 2020 में अपनी पर्वतारोहण यात्रा शुरू करने के बाद से कार्तिकेय ने कई ऊंची पर्वत चोटियों पर विजय हासिल की है:

  • डेनाली पर्वत चोटी (उत्तरी अमेरिका)
  • एल्ब्रुस पर्वत चोटी (यूरोप) - जहां उन्होंने 15 अगस्त, 2022 को 24 घंटे के भीतर पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ से तिरंगा फहराया
  • कोसियस्ज़को पर्वत चोटी (ऑस्ट्रेलिया)
  • माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका)
  • विंसन मैसिफ (अंटार्कटिका)
  • कांग यात्से I और कांग यात्से II (भारत)
  • फ्रेंडशिप पीक (भारत)
  • आइलैंड पीक (नेपाल)

छह महाद्वीपों के 20 से अधिक पर्वत शिखरों पर विजय प्राप्त करने के साथ कार्तिकेय ने मात्र चार वर्षों के भीतर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लिया है.

एवरेस्ट फतह का सपना
कार्तिकेय का सपना अब माउंट एवरेस्ट फतह पर है. अगर वह सफल होते हैं, तो वह सात शिखर (सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची पर्वत चोटियां) को पूरा करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन जाएंगे और मालवथ पूर्णा के बाद एवरेस्ट पर चढ़ने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन जाएंगे.

कार्तिकेय कहते हैं, "जब से मैंने पहली बार किसी पर्वत पर कदम रखा है, तब से एवरेस्ट पर चढ़ाई करना मेरा सपना रहा है. मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं और अपने देश को गौरवान्वित करना चाहता हूं."

वेटलिफ्टर भी हैं कार्तिकेय

कार्तिकेय की उपलब्धियां पर्वतारोहण तक ही सीमित नहीं हैं. कार्तिकेय वेटलिफ्टर और उभरते मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जो तनाव प्रबंधन, आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता पर स्कूलों और कॉलेजों में स्पीच देते हैं.

कार्तिकेय की मां लक्ष्मी कहती हैं, "वह अपनी पढ़ाई और अपने जुनून को पूरी लगन के साथ करता है. सही प्रेरणा के साथ, बच्चे सचमुच महान उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं."

देश की सेवा करना चाहते हैं कार्तिकेय
कार्तिकेय का लक्ष्य भविष्य में तीनों सशस्त्र बलों में शामिल होना और देश की सेवा करना है. वह कहते हैं, "पहाड़ों ने मुझे अनुशासन, धैर्य और दृढ़ संकल्प की शक्ति सिखाई है. मैं इन सीखों को आगे ले जाना चाहता हूं और अपने देश की सेवा करना चाहता हूं."

विश्वनाथ कार्तिकेय वर्तमान में एवरेस्ट की कठिन चढ़ाई के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. उनकी यह यात्रा इस बात का शानदार उदाहरण है कि कैसे जुनून, दृढ़ता और परिवार का समर्थन एक बच्चे को अकल्पनीय ऊंचाइयों को छूने में मदद कर सकता है.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना के बाद NDA शासित राज्य ने मुस्लिम कर्मचारियों की दी राहत, रमजान के महीने में वर्किंग आवर में दी छूट

हैदराबाद: तेलंगाना के विश्वनाथ कार्तिकेय ने मात्र 16 वर्ष की उम्र में ही छह महाद्वीपों की 20 से अधिक चोटियां फतह की हैं. इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स दोनों में नाम दर्ज कराने के बाद अब उनकी नजर माउंट एवरेस्ट फतह करने पर है. कार्तिकेय का लक्ष्य दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़ने वाले सबसे कम उम्र के लोगों की सूची अपना नाम दर्ज कराना है.

विश्वनाथ कार्तिकेय के लिए पर्वतारोहण सिर्फ एक शौक नहीं था. उनकी बहन ने उन्हें प्रेरित किया. हैदराबाद के बालानगर इलाके में रहने वाले और 11वीं के छात्र कार्तिकेय ने पर्वतारोहण तब शुरू किया, जब उनकी बहन उन्हें उत्तराखंड के माउंट रुदुगाइरा (Rudugaira) ले गईं. इस साहसिक यात्रा के बाद वह पर्वतारोहण को लेकर जुनूनी हो गए.

कार्तिकेय ने ये चोटियां फतह कीं

वर्ष 2020 में अपनी पर्वतारोहण यात्रा शुरू करने के बाद से कार्तिकेय ने कई ऊंची पर्वत चोटियों पर विजय हासिल की है:

  • डेनाली पर्वत चोटी (उत्तरी अमेरिका)
  • एल्ब्रुस पर्वत चोटी (यूरोप) - जहां उन्होंने 15 अगस्त, 2022 को 24 घंटे के भीतर पूर्व और पश्चिम दोनों तरफ से तिरंगा फहराया
  • कोसियस्ज़को पर्वत चोटी (ऑस्ट्रेलिया)
  • माउंट किलिमंजारो (अफ्रीका)
  • विंसन मैसिफ (अंटार्कटिका)
  • कांग यात्से I और कांग यात्से II (भारत)
  • फ्रेंडशिप पीक (भारत)
  • आइलैंड पीक (नेपाल)

छह महाद्वीपों के 20 से अधिक पर्वत शिखरों पर विजय प्राप्त करने के साथ कार्तिकेय ने मात्र चार वर्षों के भीतर इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज करा लिया है.

एवरेस्ट फतह का सपना
कार्तिकेय का सपना अब माउंट एवरेस्ट फतह पर है. अगर वह सफल होते हैं, तो वह सात शिखर (सात महाद्वीपों की सबसे ऊंची पर्वत चोटियां) को पूरा करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय बन जाएंगे और मालवथ पूर्णा के बाद एवरेस्ट पर चढ़ने वाले दूसरे सबसे कम उम्र के व्यक्ति बन जाएंगे.

कार्तिकेय कहते हैं, "जब से मैंने पहली बार किसी पर्वत पर कदम रखा है, तब से एवरेस्ट पर चढ़ाई करना मेरा सपना रहा है. मैं कड़ी मेहनत कर रहा हूं और अपने देश को गौरवान्वित करना चाहता हूं."

वेटलिफ्टर भी हैं कार्तिकेय

कार्तिकेय की उपलब्धियां पर्वतारोहण तक ही सीमित नहीं हैं. कार्तिकेय वेटलिफ्टर और उभरते मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं, जो तनाव प्रबंधन, आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता पर स्कूलों और कॉलेजों में स्पीच देते हैं.

कार्तिकेय की मां लक्ष्मी कहती हैं, "वह अपनी पढ़ाई और अपने जुनून को पूरी लगन के साथ करता है. सही प्रेरणा के साथ, बच्चे सचमुच महान उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं."

देश की सेवा करना चाहते हैं कार्तिकेय
कार्तिकेय का लक्ष्य भविष्य में तीनों सशस्त्र बलों में शामिल होना और देश की सेवा करना है. वह कहते हैं, "पहाड़ों ने मुझे अनुशासन, धैर्य और दृढ़ संकल्प की शक्ति सिखाई है. मैं इन सीखों को आगे ले जाना चाहता हूं और अपने देश की सेवा करना चाहता हूं."

विश्वनाथ कार्तिकेय वर्तमान में एवरेस्ट की कठिन चढ़ाई के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं. उनकी यह यात्रा इस बात का शानदार उदाहरण है कि कैसे जुनून, दृढ़ता और परिवार का समर्थन एक बच्चे को अकल्पनीय ऊंचाइयों को छूने में मदद कर सकता है.

यह भी पढ़ें- तेलंगाना के बाद NDA शासित राज्य ने मुस्लिम कर्मचारियों की दी राहत, रमजान के महीने में वर्किंग आवर में दी छूट

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