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कर्नाटक सरकार जल्द लागू करेगी जाति जनगणना रिपोर्ट: मुख्यमंत्री सिद्धारमैया - KARNATAKA CM SIDDARAMAIAH

लगभग एक दशक पहले की गई जाति जनगणना लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के कड़े विरोध के कारण ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है.

siddaramaiah
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 18, 2025, 10:43 PM IST

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को लागू करेगी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार जातीय जनगणना की रिपोर्ट को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने पिछड़े समुदायों और संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक में कहा कि किसी को भी इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. सिद्धारमैया ने कहा कि गरीबों, शोषित वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाना उनकी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है.

'सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को लागू करेगी सरकार'
सीएम ने मंगलवार को कहा, "उनकी सरकार जाति जनगणना के नाम से प्रचलित सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को लागू करेगी और किसी को इसके लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए." सिद्धारमैया ने कहा, "हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रस्तुत जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और इसे आने वाले दिनों में लागू किया जाएगा"

'वैज्ञानिक तरीके से की गई है जाति जनगणना'
मुख्यमंत्री ने पिछड़े समुदायों के सदस्यों द्वारा जाति जनगणना रिपोर्ट को लागू करने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जाति जनगणना वैज्ञानिक तरीके से की गई है. इससे हमें सभी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को समझने और उसके अनुसार कार्यक्रम शुरू करने में मदद मिलेगी."

पिछड़ा वर्ग आयोग को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपे हुए एक साल हो गया है, लेकिन लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के कड़े विरोध के कारण इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, "कुछ लोग कुछ गलतफहमियों के कारण जाति जनगणना रिपोर्ट का विरोध कर रहे हैं."

इस बीच खानाबदोश जनजातियों के लिए विशेष दर्जे की मांग के जवाब में मुख्यमंत्री ने खानाबदोश आयोग के गठन से जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डाला, लेकिन आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को संबोधित किया जाएगा. उन्होंने वादा किया कि आगामी बजट खानाबदोश समुदायों की जरूरतों को पूरा करेगा और वित्तीय व्यवहार्यता को ध्यान में रखते हुए सबसे पिछड़े वर्गों पर ध्यान केंद्रित करेगा.

यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी ने महाकुंभ को बताया 'मृत्यु कुंभ', बढ़ा विवाद

बेंगलुरु: कर्नाटक सरकार सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को लागू करेगी. कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार जातीय जनगणना की रिपोर्ट को लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है.

उन्होंने पिछड़े समुदायों और संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व बैठक में कहा कि किसी को भी इस पर कोई संदेह नहीं होना चाहिए. सिद्धारमैया ने कहा कि गरीबों, शोषित वर्गों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाना उनकी सरकार का प्राथमिक लक्ष्य है.

'सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को लागू करेगी सरकार'
सीएम ने मंगलवार को कहा, "उनकी सरकार जाति जनगणना के नाम से प्रचलित सामाजिक-आर्थिक सर्वे रिपोर्ट को लागू करेगी और किसी को इसके लेकर कोई संदेह नहीं होना चाहिए." सिद्धारमैया ने कहा, "हमारी सरकार ने पिछड़ा वर्ग आयोग द्वारा प्रस्तुत जाति जनगणना रिपोर्ट को स्वीकार कर लिया है और इसे आने वाले दिनों में लागू किया जाएगा"

'वैज्ञानिक तरीके से की गई है जाति जनगणना'
मुख्यमंत्री ने पिछड़े समुदायों के सदस्यों द्वारा जाति जनगणना रिपोर्ट को लागू करने की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "जाति जनगणना वैज्ञानिक तरीके से की गई है. इससे हमें सभी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति को समझने और उसके अनुसार कार्यक्रम शुरू करने में मदद मिलेगी."

पिछड़ा वर्ग आयोग को राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपे हुए एक साल हो गया है, लेकिन लिंगायत और वोक्कालिगा समुदायों के कड़े विरोध के कारण इसे अभी तक लागू नहीं किया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा, "कुछ लोग कुछ गलतफहमियों के कारण जाति जनगणना रिपोर्ट का विरोध कर रहे हैं."

इस बीच खानाबदोश जनजातियों के लिए विशेष दर्जे की मांग के जवाब में मुख्यमंत्री ने खानाबदोश आयोग के गठन से जुड़ी चुनौतियों पर प्रकाश डाला, लेकिन आश्वासन दिया कि इस मुद्दे को संबोधित किया जाएगा. उन्होंने वादा किया कि आगामी बजट खानाबदोश समुदायों की जरूरतों को पूरा करेगा और वित्तीय व्यवहार्यता को ध्यान में रखते हुए सबसे पिछड़े वर्गों पर ध्यान केंद्रित करेगा.

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