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जोधपुर में ठेठ पारंपरिक खेलों का आयोजन, बच्चों और बड़ों से लेकर बुजुर्गों ने आजमाया हाथ - TRADITIONAL GAMES IN JODHPUR

शनिवार को जोधपुर में बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्गों ने गली-मोहल्ले और ठेठ पारंपरिक खेल खेले.

पारंपरिक खेलों का आयेाजन
पारंपरिक खेलों का आयेाजन (ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 11, 2025, 3:36 PM IST

Updated : Jan 11, 2025, 4:02 PM IST

जोधपुर : शहर के गौशाला मैदान का नजारा शनिवार को कुछ और ही देखने को मिला. आमतौर पर इस मैदान में बच्चे आधुनिक खेल खेलते नजर आते हैं, लेकिन शनिवार को यहां ठेठ पारंपरिक खेल खेलता हर वर्ग नजर आया. कान्वेंट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने यहां सतोलिया, ठीया लकड़ी, कमला झपट, कबड्डी, घी पाटिया और चरभर जैसे खेल खेले. इसका बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों ने जमकर आंनद उठाया. कार्यक्रम में शामिल हुए विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग यहां पहुंचे उन्होंने भी कबड्डी में हाथ आजमाया.

क्रिड़ा भारती के इस आयोजन की स्वागत समिति के संयोजक वरुण धानदिया ने बताया कि पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्रिड़ा भारती के तत्वावधान में जोधपुर में दो दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे, बड़े, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं और युवतियां शामिल हुई हैं. बच्चों ने अपने पारंपरिक खेल में हाथ आजमाकर काफी खुशी महसूस की है. इसके अलावा बुजुर्गों ने भी यहां प्रतियोगिताओं में भाग लिया. उन्होंने बताया कि आज शाम को सांस्कृति संध्या व सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा और समापन रविवार को होगा.

ठेठ पारंपरिक खेलों में हर वर्ग ने आजमाया हाथ (ETV Bharat Jodhpur)

पढे़ं. खेलो इंडिया राष्ट्रीय युवा खेलों की मेजबानी करेगा राजस्थान ! CM ने केंद्र सरकार से किया औपचारिक आग्रह

बचपन की यादें हुई ताजा : खेलों में भाग लेने आई कृतिका अग्रवाल ने कहा कि बरसों बाद लंगड़ी टांग जैसे खेल खेलने को मिला. हमारी बचपन की यादें ताजा हो गईं. विधि वैष्णव ने कहा कि आयोजनकर्ताओं को धन्यवाद है, जिन्होंने कभी गली में खेले जाने वाले खेलों को मैदान में आयोजित किया. मानसी गौड़ ने कहा कि वर्तमान में चल रहे खेलों से इतर यह आयोजन काफी आकर्षक हैं. शारिकिर शिक्षा महाविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही अर्चना ने बताया कि हमारे पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना जरूरी है. इससे शारीरिक व मानसिक विकास भी होता है. हमारे युवा मोबाइल में लगे रहते हैं उनको अपने खेलों की तरफ जाना चाहिए.

पारंपरिक खेलों का आयोजन
पारंपरिक खेलों का आयोजन (ETV Bharat Jodhpur)

जोधपुर : शहर के गौशाला मैदान का नजारा शनिवार को कुछ और ही देखने को मिला. आमतौर पर इस मैदान में बच्चे आधुनिक खेल खेलते नजर आते हैं, लेकिन शनिवार को यहां ठेठ पारंपरिक खेल खेलता हर वर्ग नजर आया. कान्वेंट स्कूल में पढ़ रहे बच्चों ने यहां सतोलिया, ठीया लकड़ी, कमला झपट, कबड्डी, घी पाटिया और चरभर जैसे खेल खेले. इसका बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों ने जमकर आंनद उठाया. कार्यक्रम में शामिल हुए विधानसभा में सरकार के मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग यहां पहुंचे उन्होंने भी कबड्डी में हाथ आजमाया.

क्रिड़ा भारती के इस आयोजन की स्वागत समिति के संयोजक वरुण धानदिया ने बताया कि पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से क्रिड़ा भारती के तत्वावधान में जोधपुर में दो दिवसीय खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं, जिसमें बड़ी संख्या में बच्चे, बड़े, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं और युवतियां शामिल हुई हैं. बच्चों ने अपने पारंपरिक खेल में हाथ आजमाकर काफी खुशी महसूस की है. इसके अलावा बुजुर्गों ने भी यहां प्रतियोगिताओं में भाग लिया. उन्होंने बताया कि आज शाम को सांस्कृति संध्या व सम्मान समारोह का आयोजन किया जाएगा और समापन रविवार को होगा.

ठेठ पारंपरिक खेलों में हर वर्ग ने आजमाया हाथ (ETV Bharat Jodhpur)

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बचपन की यादें हुई ताजा : खेलों में भाग लेने आई कृतिका अग्रवाल ने कहा कि बरसों बाद लंगड़ी टांग जैसे खेल खेलने को मिला. हमारी बचपन की यादें ताजा हो गईं. विधि वैष्णव ने कहा कि आयोजनकर्ताओं को धन्यवाद है, जिन्होंने कभी गली में खेले जाने वाले खेलों को मैदान में आयोजित किया. मानसी गौड़ ने कहा कि वर्तमान में चल रहे खेलों से इतर यह आयोजन काफी आकर्षक हैं. शारिकिर शिक्षा महाविद्यालय में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही अर्चना ने बताया कि हमारे पारंपरिक खेलों को बढ़ावा देना जरूरी है. इससे शारीरिक व मानसिक विकास भी होता है. हमारे युवा मोबाइल में लगे रहते हैं उनको अपने खेलों की तरफ जाना चाहिए.

पारंपरिक खेलों का आयोजन
पारंपरिक खेलों का आयोजन (ETV Bharat Jodhpur)
Last Updated : Jan 11, 2025, 4:02 PM IST
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