अलवर: देशभर के प्रमुख लाल प्याज उत्पादन वाले जिलों में शामिल अलवर के प्याज उत्पादकों के लिए अच्छी खबर है. इस बार पेश किए जाने वाले राज्य बजट में अलवर को सेंटर फॉर एक्सीलेंस की सौगात मिल सकती है. इस उम्मीद की वजह है कि केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने अलवर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भेजा है. उम्मीद है कि राज्य सरकार की ओर से इस प्रस्ताव को आगामी बजट में शामिल कर घोषणा की जाएगी.
अलवर जिला लाल प्याज के उत्पादन में देश के प्रमुख जिलों में शामिल है. अलवर का लाल प्याज न केवल राजस्थान व दिल्ली की मंडियों में भेजा जाता है, बल्कि सरहद पार कई अन्य देशों तक अलवर का लाल प्याज अपनी पहचान बना चुका है. लाल प्याज की बढ़ती मांग का नतीजा है कि कि अलवर जिले के किसान अब परम्परागत खेती के साथ ही लाल प्याज की खेती की ओर मुड़ रहे हैं.
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प्रदेश में सबसे ज्यादा बुवाई अलवर में: इस साल प्रदेश में 30 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में लाल प्याज की बुवाई का लक्ष्य तय किया गया था, जिसमें अकेले अलवर जिले में 24 हजार 500 हैक्टेयर क्षेत्र में लाल प्याज की बुवाई की गई है. यानी प्रदेश में लाल प्याज की बुवाई के लक्ष्य की करीब तीन चौथाई बुवाई अलवर में होती है. इस बार अलवर जिले में करीब 6 लाख मीट्रिक टन लाल प्याज उत्पादन की उम्मीद है. वहीं 2023 में 4 लाख मीट्रिक टन लाल प्याज का उत्पादन अलवर जिले में हुआ था.
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इसलिए जरूरी है सेंटर फॉर एक्सीलेंट: अलवर जिला लाल प्याज के उत्पादन में देश में अग्रणी जिला होने के कारण यहां लाल प्याज की गुणवत्ता में सुधार की जरूरत है. कारण है कि अलवर जिले का लाल प्याज स्वाद में तीखा होने के कारण लोगों की पहली पसंद है, लेकिन इसमें नमी होने के कारण इसका ज्यादा लंबे समय तक भंडारण संभव नहीं हो पाता. इस कारण किसान लाल प्याज का भंडारण नहीं कर सकते और उन्हें फसल आने पर तुरंत ही मंडी में अपनी प्याज बेचनी पड़ती है, जिससे कई बार उन्हें भाव भी कम मिल पाते हैं.
अलवर के किसानों की लंबे समय से मांग रही कि यहां के लाल प्याज की गुणवत्ता में सुधार किया जाए, जिससे वे अपनी प्याज का भंडारण कर अच्छा भाव ले सकें. लाल प्याज की गुणवत्ता में सुधार के लिए अलवर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की जरूरत है. साथ ही इस सेंटर के माध्यम से खेती की नई तकनीक का उपयोग कर लाल प्याज के उत्पादन में वृद्धि की जा सके.
प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भिजवाया: केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री एवं अलवर सांसद भूपेन्द्र यादव ने बताया कि अलवर में लाल प्याज की गुणवत्ता में सुधार, खेती में नई तकनीक का उपयोग कर इसके उत्पादन में वृद्धि कर किसानों की आय बढ़ाने के लिए सेंटर फॉर एक्सीलेंस सेंटर खोलने का प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भिजवाया गया है. उम्मीद है कि आगामी बजट में राज्य सरकार की ओर से अलवर को यह सौगात मिल सकेगी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाने के लिए यह कदम कृषि क्षेत्र में विकास के लिए महत्वपूर्ण होगा. वहीं प्याज मंडी संरक्षक अभय सैनी (पप्पू भाई) ने बताया कि अलवर में सेंटर फॉर एक्सीलेंस खोलने की जरूरत है. यदि अलवर में यह सेंटर खुलता है, तो यहां के किसानों को खेती की नई तकनीक की जानकारी मिलेगी, लाल प्याज के उत्पादन में वृद्धि हो सकेगी और उनकी आय बढ़ सकेगी. केन्द्रीय मंत्री की ओर इसके लिए प्रयास किया जाना अच्छी बात है.