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संक्रांति पर जमकर खाएं तिल-गुड़ से बने लड्डू, दोनों कॉम्बिनेशन सेहत के लिए है बेहद फायदेमंद, एक्सपर्ट से जानें कैसे - BENEFITS OF SESAME AND JAGGERY

तिल और गुड का जायका जहां संक्रांति का मजा दोगुना कर देता है, वहीं सेहत के लिए भी यह काफी फायदेमंद होता है, जानें कैसे...

Health benefits of eating sesame and jaggery together
संक्रांति पर जमकर खाएं तिल-गुड़ से बने लड्डू (FREEPIK)
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By ETV Bharat Health Team

Published : Jan 11, 2025, 4:08 PM IST

मकर संक्रांति त्योहार भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है, उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी पर्व, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में पोंगल, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मकर संक्रांति, असम में भोगाली बिहू और पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है. देश में सभी त्योहारों पर खास पकवान बनाने और खाने की परंपरा है. ये पकवान ज्यादातर समय, काल और मौसम के मुताबिक होते है. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के मौके पर खास तौर से तिल और गुड़ के पकवान बनाने और खाने की परंपरा है. इस पर्व पर कहीं तिल-गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं, तो कहीं चक्की बनाकर तिल और गुड़ का सेवन किया जाता है. तिल और गुड़ के साथ-साथ गजक भी लोग खूब पसंद करते हैं.

तिल में मिलने वाले पोषक तत्व
वेबएमडी के मुताबिक, तिल (सेसमम इंडिकम) एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है. तिल में कई न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. तिल में ऐसे केमिकल्स भी पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने, घाव भरने में तेजी लाने और भोजन से चीनी के एब्जॉर्बशन की गति को लो करने में मदद कर सकते हैं. तिल के बीज प्रोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट के भी रिच सोर्स हैं. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, तांबा, लोहा, मैग्नीशियम आदि पाए जाने हैं, जो पोषक शरीर को कई तरीके से फायदा पहुंचाते हैं. इसका उपयोग खांसी , डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज और कई अन्य हेल्थ स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. तिल में पाया जाने वाला कॉपर आर्थराइटिस की समस्या में मदद करता है, मैग्नीशियम नाड़ी तथा रेस्पिरेटरी हेल्थ को बेहतर रखने में मदद करता है. वहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम माइग्रेन, पीएमएस, ऑस्टियोपोरोसिस और कोलोन कैंसर जैसी समस्या में सहायक साबित होती है.

गुड़ के फायदे
वेबएमडी के मुताबिक, गुड़ औषधीय गुणों का खान कहा जाता है. यह एक ऐसा सुपर फूड है, जिसका उपयोग लोग सर्दियों में ज्यादा करते हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप में शरीर को गर्मी पहुंचाता है. गुड़ में फास्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड,मैग्नीशियम, और आयरन जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं. गुड़ एक ट्रेडिशन स्वीटनर है जो आमतौर पर भारत अफ्रीका दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है. यह गन्ने के रस या ताड़ के रस के अर्क से बना एक नेचुरल स्वीटनर है, जिसे उबाला जाता है और फिर ब्लॉक या शंकु के साइज में जमाया जाता है. गुड़ को अक्सर रिफाइंड शुगर का एक हेल्दी ऑप्शन माना जाता है क्योंकि इसमें गन्ने या ताड़ के रस में पाए जाने वाले कुछ नेचुरल मिनरल्स और विटामिन होते हैं. इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रिफाइंड शुगर में मौजूद नहीं होते हैं. गुड़ को इसकी हाई शुगर कंटेंट के कारण एनर्जी का एक अच्छा सोर्स भी माना जाता है. गुड़ में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, तथा कैंसर और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के खतरे को कम करते हैं.

तिल और गुड़ एक साथ खाने के फायदे
हम सब मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ से बने पकवान तो खाते हैं, लेकिन इसका कारण क्या है, यह ज्यादातर लोग नहीं जानते. जानकार बताते हैं की मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का सेवन करने के पीछे कारण यह है कि इस पर्व पर ज्यादातर स्थानों पर सर्दी अपने चरम पर होती है. सर्दी के मौसम में शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी की ज्यादा आवश्यकता होती है. तिल तथा गुड़ दोनों की ही तासीर गर्म होती है और तिल में तेल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. तिल में मौजूद सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स गुड़ में मिलकर उसके गुणों को बढ़ा देता हैं. तिल और गुड़ को मिलाकर जो पकवान बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर को गर्मी पहुंचाते में मदद करते हैं. यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल और गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं.

तिल के लड्डू तथा गजक के फायदे

  • तिल और गुड़ से बने लड्डू या अन्य पकवान फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. तिल फेफड़ों में जहरीले पदार्थों यानि टॉक्सिनस के प्रभाव को लो करने का भी काम करता है.
  • तिल और गुड़ खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
  • तिल और गुड़ के लड्डू पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होते है. इसे खाने से एसिडिटी से राहत मिलती ही है, साथ ही कब्ज जैसी समस्या में भी आराम मिलता है. तिल के लड्डू भूख बढ़ाने में भी मददगार होते हैं.
  • तिल और गुड़ से बने लड्डू और चिक्कियों में भरपूर मात्रा में एनर्जी पायी जाती है. इनके सेवन से ना सिर्फ शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है, बल्कि बालों और स्किन में भी चमक आती है.
  • तिल के लड्डू खाने से शारीरिक ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ भी ठीक रहता है. इसे खाने से शरीर की कमजोरी खत्म होती है. साथ ही यह तनाव तथा अवसाद से निजात दिलाने में भी मददगार होता है.

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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मकर संक्रांति त्योहार भारत के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग नाम से मनाया जाता है, उत्तर प्रदेश में इसे खिचड़ी पर्व, गुजरात और राजस्थान में उत्तरायण पर्व, आंध्रप्रदेश और तमिलनाडु में पोंगल, महाराष्ट्र और तेलंगाना में मकर संक्रांति, असम में भोगाली बिहू और पंजाब में लोहड़ी के नाम से मनाया जाता है. देश में सभी त्योहारों पर खास पकवान बनाने और खाने की परंपरा है. ये पकवान ज्यादातर समय, काल और मौसम के मुताबिक होते है. इसी कड़ी में मकर संक्रांति के मौके पर खास तौर से तिल और गुड़ के पकवान बनाने और खाने की परंपरा है. इस पर्व पर कहीं तिल-गुड़ के स्वादिष्ट लड्डू बनाए जाते हैं, तो कहीं चक्की बनाकर तिल और गुड़ का सेवन किया जाता है. तिल और गुड़ के साथ-साथ गजक भी लोग खूब पसंद करते हैं.

तिल में मिलने वाले पोषक तत्व
वेबएमडी के मुताबिक, तिल (सेसमम इंडिकम) एशिया, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है. तिल में कई न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं. तिल में ऐसे केमिकल्स भी पाए जाते हैं, जो सूजन को कम करने, घाव भरने में तेजी लाने और भोजन से चीनी के एब्जॉर्बशन की गति को लो करने में मदद कर सकते हैं. तिल के बीज प्रोटीन, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट के भी रिच सोर्स हैं. इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, कार्बोहाइड्रेट्स, तांबा, लोहा, मैग्नीशियम आदि पाए जाने हैं, जो पोषक शरीर को कई तरीके से फायदा पहुंचाते हैं. इसका उपयोग खांसी , डायबिटीज, हाई कोलेस्ट्रॉल, हार्ट डिजीज और कई अन्य हेल्थ स्थितियों के लिए भी किया जाता है, लेकिन इन उपयोगों का समर्थन करने के लिए कोई अच्छा वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. तिल में पाया जाने वाला कॉपर आर्थराइटिस की समस्या में मदद करता है, मैग्नीशियम नाड़ी तथा रेस्पिरेटरी हेल्थ को बेहतर रखने में मदद करता है. वहीं, इसमें मौजूद कैल्शियम माइग्रेन, पीएमएस, ऑस्टियोपोरोसिस और कोलोन कैंसर जैसी समस्या में सहायक साबित होती है.

गुड़ के फायदे
वेबएमडी के मुताबिक, गुड़ औषधीय गुणों का खान कहा जाता है. यह एक ऐसा सुपर फूड है, जिसका उपयोग लोग सर्दियों में ज्यादा करते हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक रूप में शरीर को गर्मी पहुंचाता है. गुड़ में फास्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, फोलिक एसिड,मैग्नीशियम, और आयरन जैसे न्यूट्रिएंट्स पाए जाते हैं, जो हेल्थ के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं. गुड़ एक ट्रेडिशन स्वीटनर है जो आमतौर पर भारत अफ्रीका दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों और दक्षिण पूर्व एशिया में पाया जाता है. यह गन्ने के रस या ताड़ के रस के अर्क से बना एक नेचुरल स्वीटनर है, जिसे उबाला जाता है और फिर ब्लॉक या शंकु के साइज में जमाया जाता है. गुड़ को अक्सर रिफाइंड शुगर का एक हेल्दी ऑप्शन माना जाता है क्योंकि इसमें गन्ने या ताड़ के रस में पाए जाने वाले कुछ नेचुरल मिनरल्स और विटामिन होते हैं. इसमें आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो रिफाइंड शुगर में मौजूद नहीं होते हैं. गुड़ को इसकी हाई शुगर कंटेंट के कारण एनर्जी का एक अच्छा सोर्स भी माना जाता है. गुड़ में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो शरीर में हानिकारक फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं, तथा कैंसर और हृदय रोग जैसी दीर्घकालिक बीमारियों के खतरे को कम करते हैं.

तिल और गुड़ एक साथ खाने के फायदे
हम सब मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ से बने पकवान तो खाते हैं, लेकिन इसका कारण क्या है, यह ज्यादातर लोग नहीं जानते. जानकार बताते हैं की मकर संक्रांति पर तिल-गुड़ का सेवन करने के पीछे कारण यह है कि इस पर्व पर ज्यादातर स्थानों पर सर्दी अपने चरम पर होती है. सर्दी के मौसम में शरीर को प्राकृतिक रूप से गर्मी की ज्यादा आवश्यकता होती है. तिल तथा गुड़ दोनों की ही तासीर गर्म होती है और तिल में तेल प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. तिल में मौजूद सेसमीन एंटीऑक्सीडेंट्स गुड़ में मिलकर उसके गुणों को बढ़ा देता हैं. तिल और गुड़ को मिलाकर जो पकवान बनाए जाते हैं, वह सर्दी के मौसम में हमारे शरीर को गर्मी पहुंचाते में मदद करते हैं. यही कारण है कि मकर संक्रांति के अवसर पर तिल और गुड़ के व्यंजन प्रमुखता से खाए जाते हैं.

तिल के लड्डू तथा गजक के फायदे

  • तिल और गुड़ से बने लड्डू या अन्य पकवान फेफड़ों के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. तिल फेफड़ों में जहरीले पदार्थों यानि टॉक्सिनस के प्रभाव को लो करने का भी काम करता है.
  • तिल और गुड़ खाने से शरीर को भरपूर मात्रा में कैल्शियम मिलता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होता है.
  • तिल और गुड़ के लड्डू पाचन तंत्र के लिए बहुत फायदेमंद होते है. इसे खाने से एसिडिटी से राहत मिलती ही है, साथ ही कब्ज जैसी समस्या में भी आराम मिलता है. तिल के लड्डू भूख बढ़ाने में भी मददगार होते हैं.
  • तिल और गुड़ से बने लड्डू और चिक्कियों में भरपूर मात्रा में एनर्जी पायी जाती है. इनके सेवन से ना सिर्फ शरीर में खून की मात्रा बढ़ती है, बल्कि बालों और स्किन में भी चमक आती है.
  • तिल के लड्डू खाने से शारीरिक ही नहीं, बल्कि मेंटल हेल्थ भी ठीक रहता है. इसे खाने से शरीर की कमजोरी खत्म होती है. साथ ही यह तनाव तथा अवसाद से निजात दिलाने में भी मददगार होता है.

(डिस्क्लेमर: इस रिपोर्ट में आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी सामान्य जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान करते हैं. आपको इसके बारे में विस्तार से जानना चाहिए और इस विधि या प्रक्रिया को अपनाने से पहले अपने निजी चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए.)

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