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दिल्ली के RML अस्पताल में 19 साल के युवक का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट, ब्रेन डेड युवक ने डोनेट किया था दिल - HEART TRANSPLANT IN RML HOSPITAL

दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल के डॉक्टरों ने एक अभूतपूर्व सर्जरी करके 19 साल के एक लड़के को नया जीवन दे दिया.

19 वर्षीय युवक का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट
19 वर्षीय युवक का सफल हार्ट ट्रांसप्लांट (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 9, 2025, 9:02 PM IST

Updated : Jan 10, 2025, 1:24 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के डॉक्टरों ने अस्पताल में दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट कर एक युवक को नया जीवन दिया है. यह हार्ट ट्रांसप्लांट 19 वर्षीय युवक का किया गया. युवक के हार्ट ट्रांसप्लांट की टीम में शामिल डॉक्टर पुनीत अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के एटा का रहने वाला युवक पिछले एक साल से आरएमएल अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था, लेकिन, दवाइयों ने असर करना बंद कर दिया था. इसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट ही एक विकल्प बचा था.

हार्ट खराब होकर धीमी गति से काम कर रहा था: अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पुनीत अग्रवाल ने आगे बताया कि मरीज का दाईं ओर का हार्ट राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी नाम की बीमारी के कारण खराब हो गया था और बहुत ही धीमी गति से काम कर रहा था. इसलिए मरीज में कार्डियक ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ी. मरीज को सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती एक ब्रेन डैड युवक का हार्ट डोनेट किया गया. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर के साथ गंगाराम अस्पताल से हृदय आया.

13 घंटे में पूरा किया यह ऑपरेशन: इस जटिल ऑपरेशन को आरएमएल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय ग्रोवर और प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र सिंह झाझरिया के नेतृत्व में डॉ. पलाश अय्यर, डॉ. पुनीत अग्रवाल, डॉ. रंजीत नाथ, डॉ जसविंदर कोहली के साथ करीब दर्जन भर स्टाफ ने 13 घंटे में पूरा किया. डॉक्टर पुनीत ने बताया कि मरीज अभी आईसीयू में है और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है. सफल हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज के परिवार ने दाता परिवार, अस्पताल प्रशासन और ट्रांसप्लांट टीम का आभार जताया.

मृत डोनर से मिला दिल: डॉ. ग्रोवर ने बताया कि युवक तीन महीने से हृदय के इंतजार में था. बुधवार को सर गंगाराम अस्पताल में एक 25 साल के व्यक्ति के ब्रेन डेड होने से उसकी मौत हो गई, जिसके बाद मृतक डोनर के किडनी और लिवर को उसी अस्पताल में एक मरीज को दिया गया और उसके दिल को आरएमएल अस्पताल को दिया गया. उन्होंने बताया कि यह दूसरी बार सफल हृदय प्रत्यारोपण किया गया है. इससे पहले दो साल पूर्व एक सफल प्रत्यारोपण किया गया था. यह उपलब्धि संस्थान के लिए मील का पत्थर है, जिसे आज फिर दोहराया गया है.

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नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल के डॉक्टरों ने अस्पताल में दूसरा हार्ट ट्रांसप्लांट कर एक युवक को नया जीवन दिया है. यह हार्ट ट्रांसप्लांट 19 वर्षीय युवक का किया गया. युवक के हार्ट ट्रांसप्लांट की टीम में शामिल डॉक्टर पुनीत अग्रवाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश के एटा का रहने वाला युवक पिछले एक साल से आरएमएल अस्पताल में अपना इलाज करा रहा था, लेकिन, दवाइयों ने असर करना बंद कर दिया था. इसके बाद हार्ट ट्रांसप्लांट ही एक विकल्प बचा था.

हार्ट खराब होकर धीमी गति से काम कर रहा था: अस्पताल के कार्डियोलॉजी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. पुनीत अग्रवाल ने आगे बताया कि मरीज का दाईं ओर का हार्ट राइट वेंट्रिकुलर कार्डियोमायोपैथी नाम की बीमारी के कारण खराब हो गया था और बहुत ही धीमी गति से काम कर रहा था. इसलिए मरीज में कार्डियक ट्रांसप्लांट की जरूरत पड़ी. मरीज को सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती एक ब्रेन डैड युवक का हार्ट डोनेट किया गया. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के सहयोग से ग्रीन कॉरिडोर के साथ गंगाराम अस्पताल से हृदय आया.

13 घंटे में पूरा किया यह ऑपरेशन: इस जटिल ऑपरेशन को आरएमएल के कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. विजय ग्रोवर और प्रोफेसर डॉ. नरेंद्र सिंह झाझरिया के नेतृत्व में डॉ. पलाश अय्यर, डॉ. पुनीत अग्रवाल, डॉ. रंजीत नाथ, डॉ जसविंदर कोहली के साथ करीब दर्जन भर स्टाफ ने 13 घंटे में पूरा किया. डॉक्टर पुनीत ने बताया कि मरीज अभी आईसीयू में है और उसकी तबीयत में सुधार हो रहा है. सफल हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद मरीज के परिवार ने दाता परिवार, अस्पताल प्रशासन और ट्रांसप्लांट टीम का आभार जताया.

मृत डोनर से मिला दिल: डॉ. ग्रोवर ने बताया कि युवक तीन महीने से हृदय के इंतजार में था. बुधवार को सर गंगाराम अस्पताल में एक 25 साल के व्यक्ति के ब्रेन डेड होने से उसकी मौत हो गई, जिसके बाद मृतक डोनर के किडनी और लिवर को उसी अस्पताल में एक मरीज को दिया गया और उसके दिल को आरएमएल अस्पताल को दिया गया. उन्होंने बताया कि यह दूसरी बार सफल हृदय प्रत्यारोपण किया गया है. इससे पहले दो साल पूर्व एक सफल प्रत्यारोपण किया गया था. यह उपलब्धि संस्थान के लिए मील का पत्थर है, जिसे आज फिर दोहराया गया है.

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Last Updated : Jan 10, 2025, 1:24 PM IST
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