कोलेस्ट्रॉल एक फैटी पदार्थ है, जिसे आपका लीवर बनाता है. दरअसल, आपका शरीर अपने कामकाज के लिए जरूरी कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन करता है. हालांकि, कोलेस्ट्रॉल कुछ खाद्य पदार्थों में भी पाया जाता है. रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (CDC) के अनुसार, कोलेस्ट्रॉल दो प्रकार के होते हैं, जिसमें एक होता है बैड कोलेस्ट्रॉल और दूसरा गुड कोलेस्ट्रॉल, खराब प्रकार के कोलेस्ट्रॉल, जिसे लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन (LDL) के रूप में जाना जाता है, इसका बहुत ज्यादा होना आपको कुछ हेल्थ कंडीशन के खतरे में डाल सकता है.
हालांकि, शरीर में LDL यानी खराब कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, आज के टाईम में एक आम समस्या माना जाने लगा है. विश्व भर में लगभग हर एज ग्रुप के लोगों में यह समस्या बहुत तेजी से अपना प्रभाव दिखा रहा है. ऐसे में आज इस खबर में जानें कि उम्र के हिसाब से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कितना होना चाहिए...
वयस्कों में कोलेस्ट्रॉल लेवल
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) विश्वसनीय स्रोत अनुशंसा करता है कि वयस्कों को 20 वर्ष की आयु से शुरू करके हर 4-6 साल में अपना कोलेस्ट्रॉल जांचना चाहिए. यह वह समय है जब कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ना शुरू हो सकता है.
अनुशंसित टोटल कोलेस्ट्रॉल का लेवल वयस्कों के लिए 200 मिलीग्राम प्रति डेसीलिटर (mg/dL)या इससे कम होना चाहिए. खराब या बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL या उससे लो होना चाहिए, HDL कोलेस्ट्रॉल या गुड कोलेस्ट्रॉल 60 mg/dL या फिर उससे ज्यादा और नॉन HDL कोलेस्ट्रॉल 130 mg/dL या उससे कम होना चाहिए. यदि इस रेंज में आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल नहीं है, तो आपको तुरंत एक अच्छे हार्ट डिजीज एक्सपर्ट से मिलना चाहिए. बता दें, रेगुलर जांच कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कंट्रोल करने में आपकी मदद कर सकता है. जर्नल ऑफ द अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (JACC) विश्वसनीय स्रोत में प्रकाशित रक्त कोलेस्ट्रॉल के प्रबंधन पर 2018 के दिशानिर्देशों के अनुसार, ये वयस्कों के लिए स्वीकार्य, सीमा रेखा और उच्च माप हैं.
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल लेवल
कई फैक्टर्स बच्चे में हाई कोलेस्ट्रॉल का कारण बन सकता है. जिनमें शामिल हैं फिजिकल एक्टिविटी, पोषक तत्वों से भरपूर आहार खाना, ज्यादा वजन होना और हाई कोलेस्ट्रॉल का पारिवारिक इतिहास होना. CDC के अनुसार, बच्चों को 9 से11 साल की आयु के बीच और फिर 17 से 21 साल की ऐज के बीच कोलेस्ट्रॉल की जांच जरूर करवाना चाहिए. वहीं, डायबिटीज या मोटापे जैसे हाई रिस्क वाले बच्चों को अधिक बार जांच करवाने की आवश्यकता हो सकती है.
बच्चों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर 170 mg/dL से लो होना चाहिए. कोलेस्ट्रॉल के अलग-अलग प्रकार होते हैं और इनके लेवल को भी अलग-अलग तरह से मेजर्ड जाता है. यदि किसी बच्चे का बैड या खराब कोलेस्ट्रॉल 130 mg/dL या उससे अधिक है, तो उसे डॉक्टर से दिखाने की सलाह दी जाती है. वहीं, अगर किसी बच्चे का ट्राइग्लिसराइड्स लेवल 200 mg/dL या उससे बहुत ज्यादा है, तो उसे डॉक्टर के पास जरूर ले जाएं, ध्यान रहें कि बच्चों में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने के लिए खान-पान और डाइट में बदलाव करना बेहद जरूरी है. इसके साथ ही बच्चों के लिए व्यायाम करना भी बेहद जरूर है.
महिलाओं में कोलेस्ट्रॉल लेवल
महिलाओं को आमतौर पर पुरुषों की तुलना में अधिक HDL(अच्छा) कोलेस्ट्रॉल की आवश्यकता होती है. महिलाओं में टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल 200 mg/dL या उससे कम होना चाहिए. HDL यानी गुड कोलेस्ट्रॉल 55 mg/dL या उससे अधिक होना बेहद जरूरी होता है. वहीं, LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल 100 mg/dL या उससे कम होना चाहिए . हार्ट हेल्थ का आकलन करने के लिए कोलेस्ट्रॉल के लेवल की जांच बहुत जरूरी होती है. खून जांच के दौरान कोलेस्ट्रॉल के लेवल को टोटल कोलेस्ट्रॉल लेवल बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल), और गुड कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) के लेवल के रूप में मापा जाता है. खून में कोलेस्ट्रॉल का ऑप्टिमम लेवल व्यक्ति की उम्र और लिंग के अनुसार भिन्न होता है.
कोलेस्ट्रॉल कैसे मापा जाता है?
एक हेल्थ केयर प्रोफेशनल आपके खून में कोलेस्ट्रॉल की कुल मात्रा को मापने के लिए लिपिड पैनल ब्लड टेस्ट का इस्तेमाल करेगा. इसे टोटल कोलेस्ट्रॉल के रूप में जाना जाता है, जिसमें तीन लिपिड होते हैं
- लो डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (LDL) आपके ब्लड फ्लो के माध्यम से कोलेस्ट्रॉल ले जाते हैं. LDL को खराब या बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि हाई अमाउंट आपके ब्लड वेसल्स में प्लेग बना सकती है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है.
- हाई डेंसिटी वाले लिपोप्रोटीन (HDL) आपको हार्ट डिजीज से बचाने में मदद करते हैं. HDL को अच्छा या गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है क्योंकि यह कोलेस्ट्रॉल को आपके लीवर में वापस ले जाता है, जिसे फिर आपके शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है.
- ट्राइग्लिसराइड्स एक अन्य प्रकार का फैट है जो आपके शरीर में जमा हो सकता है. वे कोलेस्ट्रॉल के निर्माण खंड हैं.
- ट्राइग्लिसराइड्स का हाई लेवल और HDL का लो लेवल हार्ट डिजीज के लिए आपके रिस्क को बढ़ाता है.
(डिस्क्लेमर: यहां आपको दी गई सभी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी और सलाह केवल आपकी जानकारी के लिए है. हम यह जानकारी वैज्ञानिक अनुसंधान, अध्ययन, चिकित्सा और स्वास्थ्य पेशेवर सलाह के आधार पर प्रदान कर रहे हैं. बेहतर होगा कि इन पर अमल करने से पहले आप अपने निजी डॉक्टर की सलाह ले लें.)