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डिजिटल ठगों ने बैंक से उड़ा दिए 2.34 करोड़, RTGS ट्रांजैक्शन सिस्टम को बनाया निशाना - BDCC BANK DIGITAL HEIST

कर्नाटक के विजयनगर में साइबर ठगों ने एक बैंक के ही ट्रांजेक्शन सिस्टम को हैक कर लिया और 2.34 करोड़ की ठगी की.

BDCC BANK DIGITAL HEIST
BDCC Bank (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 25, 2025, 4:29 PM IST

विजयनगर/बेल्लारी: कर्नाटक के विजयनगर जिले में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसने डिजिटल बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. साइबर अपराधियों ने बल्लारी जिला सहकारी केंद्रीय (BDCC) बैंक को निशाना बनाते हुए 2.34 करोड़ रुपये की भारी रकम उड़ा ली. यह घटना तब उजागर हुई जब बैंक की कई शाखाओं ने रिपोर्ट की कि 10 जनवरी 2025 से ग्राहकों के खातों में ऑनलाइन जमा किए गए पैसे नहीं पहुंच रहे थे.

RTGS/NEFT प्रणाली को बनाया निशाना
पुलिस की जांच में पता चला कि अपराधियों ने बैंक की RTGS/NEFT लेनदेन प्रणाली को हैक करके इस चोरी को अंजाम दिया. प्रारंभिक जांच से यह जानकारी मिली कि 10 जनवरी को BDCC बैंक से IDBI बैंक में धन हस्तांतरण के दौरान XML फाइलों में हेरफेर करके खाता संख्या और IFSC कोड बदल दिए गए थे. यह एक सुनियोजित चाल थी, जिसमें अपराधियों ने सिस्टम में सेंध लगाकर लाभार्थी खातों की जानकारी बदल दी.

25 अलग-अलग खातों में गया धन
इस साइबर अपराध की एक और हैरान करने वाली बात यह रही कि हेरफेर करते समय लाभार्थियों के नाम नहीं बदले गए थे. इससे धोखाधड़ी को पकड़ना मुश्किल हो गया. लेकिन, चोरी की रकम को उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित 25 अलग-अलग खातों में जमा किया गया. जांच में यह भी पता चला कि 5 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन को अन्य खातों में ट्रांसफर किया गया. इस तरह, अपराधियों ने एक बड़ी रकम को कई खातों में बांट कर उसे ट्रैक करना मुश्किल बना दिया.

RTGS/NEFT सेवाएं निलंबित, पुलिस में शिकायत
घटना की गंभीरता को समझते हुए बैंक ने तुरंत अपनी RTGS/NEFT सेवाओं को निलंबित कर दिया. इसके बाद, होसापेटे टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, जांच को बल्लारी CEN (साइबर, आर्थिक, मादक पदार्थ) पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया.

साइबर ठगी के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. फिलहाल, पुलिस साइबर अपराधियों का पता लगाने और चुराए गए धन की रिकवरी के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. इस मामले की जांच में साइबर अपराध विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके.

एसपी की प्रतिक्रिया
बेल्लारी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हरिबाबू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक में 2.34 करोड़ रुपये की हैकिंग हुई है. "बैंक का एक्सएमएल फाइल हैक किया गया था और पैसा लूट लिया गया था." एसपी ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि लाभार्थियों के नाम नहीं बदले गए थे, लेकिन पैसा 25 लोगों के विभिन्न खातों में स्थानांतरित किया गया था. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि ये सभी 25 खाते उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में हैं. इन सभी खातों को अब फ्रीज कर दिया गया है और जांच जारी है.

यह भी पढ़ें- इलाज में मदद के नाम पर 54 लाख की ठगी, TDP का फर्जी NRI संयोजक गिरफ्तार

विजयनगर/बेल्लारी: कर्नाटक के विजयनगर जिले में एक सनसनीखेज साइबर ठगी का मामला सामने आया है, जिसने डिजिटल बैंकिंग प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं. साइबर अपराधियों ने बल्लारी जिला सहकारी केंद्रीय (BDCC) बैंक को निशाना बनाते हुए 2.34 करोड़ रुपये की भारी रकम उड़ा ली. यह घटना तब उजागर हुई जब बैंक की कई शाखाओं ने रिपोर्ट की कि 10 जनवरी 2025 से ग्राहकों के खातों में ऑनलाइन जमा किए गए पैसे नहीं पहुंच रहे थे.

RTGS/NEFT प्रणाली को बनाया निशाना
पुलिस की जांच में पता चला कि अपराधियों ने बैंक की RTGS/NEFT लेनदेन प्रणाली को हैक करके इस चोरी को अंजाम दिया. प्रारंभिक जांच से यह जानकारी मिली कि 10 जनवरी को BDCC बैंक से IDBI बैंक में धन हस्तांतरण के दौरान XML फाइलों में हेरफेर करके खाता संख्या और IFSC कोड बदल दिए गए थे. यह एक सुनियोजित चाल थी, जिसमें अपराधियों ने सिस्टम में सेंध लगाकर लाभार्थी खातों की जानकारी बदल दी.

25 अलग-अलग खातों में गया धन
इस साइबर अपराध की एक और हैरान करने वाली बात यह रही कि हेरफेर करते समय लाभार्थियों के नाम नहीं बदले गए थे. इससे धोखाधड़ी को पकड़ना मुश्किल हो गया. लेकिन, चोरी की रकम को उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित 25 अलग-अलग खातों में जमा किया गया. जांच में यह भी पता चला कि 5 लाख रुपये से अधिक के लेनदेन को अन्य खातों में ट्रांसफर किया गया. इस तरह, अपराधियों ने एक बड़ी रकम को कई खातों में बांट कर उसे ट्रैक करना मुश्किल बना दिया.

RTGS/NEFT सेवाएं निलंबित, पुलिस में शिकायत
घटना की गंभीरता को समझते हुए बैंक ने तुरंत अपनी RTGS/NEFT सेवाओं को निलंबित कर दिया. इसके बाद, होसापेटे टाउन पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई गई. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, जांच को बल्लारी CEN (साइबर, आर्थिक, मादक पदार्थ) पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया.

साइबर ठगी के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. फिलहाल, पुलिस साइबर अपराधियों का पता लगाने और चुराए गए धन की रिकवरी के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. इस मामले की जांच में साइबर अपराध विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़ा जा सके.

एसपी की प्रतिक्रिया
बेल्लारी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) हरिबाबू ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बैंक में 2.34 करोड़ रुपये की हैकिंग हुई है. "बैंक का एक्सएमएल फाइल हैक किया गया था और पैसा लूट लिया गया था." एसपी ने कहा। उन्होंने आगे कहा कि हालांकि लाभार्थियों के नाम नहीं बदले गए थे, लेकिन पैसा 25 लोगों के विभिन्न खातों में स्थानांतरित किया गया था. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि ये सभी 25 खाते उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों में हैं. इन सभी खातों को अब फ्रीज कर दिया गया है और जांच जारी है.

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