ETV Bharat / state

सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा, दुर्लभ पक्षियों को देख पक्षी प्रेमी रोमांचित - SAMBHAR LAKE

सर्दियों में सांभर झील में प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं. इनमें लेजर और ग्रेटर फ्लेमिंगो के अलावा कई तरह की बतख और वीडर्स भी शामिल हैं.

RAJASTHAN ECO TOURISM,  RAJASTHAN TOURISM
सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 6 hours ago

Updated : 4 hours ago

जयपुर. खारे पानी की विश्व प्रसिद्ध सांभर झील सर्दियों में प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह बन रही है. आमतौर पर यहां बड़ी संख्या में लेजर और ग्रेटर फ्लेमिंगो सर्दियों में आसानी से देखे जाते हैं. लेकिन इस बार ग्रेट व्हाइट पेलिकन का एक झुंड कई दिनों से सांभर झील में डेरा डाले हुए है. सुदूर प्रदेशों से करीब पांच हजार किलोमीटर का सफर तय करके सांभर झील को अपना आशियाना बनाए दुर्लभ प्रजाति के इन पक्षियों को देखकर बर्ड वॉचर्स रोमांचित हैं.

इसके साथ ही डालमीशियन पेलिकन भी यहां देखे जा रहे हैं. सांभर झील में प्रवासी पक्षियों का दीदार करने आने वाले पक्षी प्रेमी दुर्लभ प्रजाति के पेलिकन को अपने कैमरे में कैद कर रोमांच का अनुभव कर रहे हैं. पक्षी विज्ञानी आशा शर्मा ने बताया कि यह पहला मौका है जब पेलिकन का एक बड़ा झुंड सांभर झील में देखा जा रहा है. ग्रेट व्हाइट पेलिकन को लुप्त प्रजातियों की आईयूसीएन लाल सूची में चिंताजनक प्रजातियों के रूप में दर्ज किया गया है. इसके मायने यह हैं कि यह दुर्लभ प्रजाति के पक्षी हैं. प्राकृतिक आवास की कमी के कारण इनकी तेजी से कम होती संख्या पर भी चिंता जाहिर कर रहे हैं.

सांभर झील: प्रवासी पक्षियों का नया ठिकाना (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: सर्दी बढ़ी तो गुलाबी आभा वाले फ्लेमिंगो से गुलजार हुई सांभर झील, हजारों किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचे 'पावणे'

सांभर में पक्षियों के प्रवास का खास पैटर्न : पक्षी विज्ञानी डॉ. आशा शर्मा ने बताया कि सांभर झील में प्रवासी पक्षियों के प्रवास का एक खास पैटर्न देखा गया है. कई पक्षी अक्टूबर-नवंबर से लेकर मार्च तक सांभर में प्रवास करते हैं, जबकि कई प्रवासी पक्षी अपने सफर के दौरान आगे बढ़ते हुए कुछ समय सांभर झील में बिताते हैं. इसे पैसेज माइग्रेशन कहा जाता है. सर्दी का मौसम खत्म होने के बाद अपने मूल क्षेत्र में लौटने के दौरान भी कई पक्षी सांभर झील में रुकते हैं. आमतौर पर सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का पैसेज माइग्रेशन ही रिकॉर्ड किया जाता है, लेकिन इस बार इनका एक बड़ा झुंड पिछले कई दिनों से यहां आने वाले बर्ड वॉचर्स को आकर्षित कर रहा है.

RAJASTHAN ECO TOURISM,  RAJASTHAN TOURISM
सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा (ETV Bharat)

नलियासर झील में बनाया ठिकाना : सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियों को अपने कैमरे में कैद करने वाले पक्षी विशेषज्ञ गौरव दाधीच का कहना है कि सर्दियों में सुदूर सर्द प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी देश के अलग-अलग हिस्सों में आते हैं. अब सांभर झील कई प्रजातियों के पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह बन रही है. इनमें लेजर और ग्रेटर फ्लेमिंगो की बड़ी तादाद है. ग्रेट व्हाइट पेलिकन आमतौर पर अपने सफर के दौरान कुछ समय सांभर झील में गुजारते हैं, लेकिन इस बार इनका एक बड़ा झुंड लंबे समय समय से सांभर के पास नलियासर इलाके में डेरा डाले हुए है.

प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह सांभर झील
प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह सांभर झील (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

सर्दियों में भोजन की तलाश में आते हैं पेलिकन : उनका कहना है कि पेलिकन (Pelican) मुख्य रूप से लंबी दूरी का प्रवासी पक्षी है, जो आमतौर पर यूरोप, एशिया, और मध्य एशिया से सर्दियों में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवास करते हैं. जहां उन्हें प्राकृतिक आवास और प्रचुर मात्रा में भोजन मिलता है. राजस्थान में भी कई इलाके पेलिकन की पसंदीदा जगह हैं. राजस्थान में भरतपुर, चंदलाई झील, कोटा, सरिस्का, छतरपुर और बरवाड़ा में पेलिकन देखे जाते रहे हैं. अब सांभर झील भी पेलिकन की पसंदीदा आरामगाह की सूची में शामिल हो रहा है.

इको टूरिज्म का उभरता केंद्र
इको टूरिज्म का उभरता केंद्र (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: सांभर फेस्टिवल 24 जनवरी से, पांच दिन पर्यटकों से गुलजार होगी सांभर झील, कच्छ महोत्सव की तर्ज पर होगा आयोजन

मछलियां होती हैं पसंदीदा आहार : उन्होंने बताया कि आमतौर पर ग्रेट व्हाइट पेलिकन समुद्र तटों, झीलों और अन्य जलाशयों के पास रहते हैं. इनकी चोंच अन्य पक्षियों की तुलना में लंबी होती है, जो इन्हें अन्य पक्षियों से अलग पहचान देती है. इनकी लंबी चोंच गहरे पानी से मछलियां पकड़ने में भी सहायक होती है. ये समूह में उड़ान भरते हैं और समूह में ही अपना आहार तलाशते हैं. मछलियां इनका प्रमुख आहार होती हैं. आमतौर पर पेलिकन बड़े झुंड में हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं.

सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा
सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है सांभर: सर्दियों में प्रवासी पक्षियों की बहुतायत के कारण सांभर झील एक नई ऑफ बीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है. इसके साथ ही यहां ईको टूरिज्म और डिवोशनल टूरिज्म की भी पर्याप्त संभावनाएं हैं. पक्षी प्रेमी लगातार सांभर झील को प्रोटेक्टेड एरिया घोषित करने की मांग उठा रहे हैं, ताकि इसे एक नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जा सके और यहां आने वाले लाखों प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाया जा सके.

जयपुर. खारे पानी की विश्व प्रसिद्ध सांभर झील सर्दियों में प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह बन रही है. आमतौर पर यहां बड़ी संख्या में लेजर और ग्रेटर फ्लेमिंगो सर्दियों में आसानी से देखे जाते हैं. लेकिन इस बार ग्रेट व्हाइट पेलिकन का एक झुंड कई दिनों से सांभर झील में डेरा डाले हुए है. सुदूर प्रदेशों से करीब पांच हजार किलोमीटर का सफर तय करके सांभर झील को अपना आशियाना बनाए दुर्लभ प्रजाति के इन पक्षियों को देखकर बर्ड वॉचर्स रोमांचित हैं.

इसके साथ ही डालमीशियन पेलिकन भी यहां देखे जा रहे हैं. सांभर झील में प्रवासी पक्षियों का दीदार करने आने वाले पक्षी प्रेमी दुर्लभ प्रजाति के पेलिकन को अपने कैमरे में कैद कर रोमांच का अनुभव कर रहे हैं. पक्षी विज्ञानी आशा शर्मा ने बताया कि यह पहला मौका है जब पेलिकन का एक बड़ा झुंड सांभर झील में देखा जा रहा है. ग्रेट व्हाइट पेलिकन को लुप्त प्रजातियों की आईयूसीएन लाल सूची में चिंताजनक प्रजातियों के रूप में दर्ज किया गया है. इसके मायने यह हैं कि यह दुर्लभ प्रजाति के पक्षी हैं. प्राकृतिक आवास की कमी के कारण इनकी तेजी से कम होती संख्या पर भी चिंता जाहिर कर रहे हैं.

सांभर झील: प्रवासी पक्षियों का नया ठिकाना (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: सर्दी बढ़ी तो गुलाबी आभा वाले फ्लेमिंगो से गुलजार हुई सांभर झील, हजारों किलोमीटर का सफर तय कर पहुंचे 'पावणे'

सांभर में पक्षियों के प्रवास का खास पैटर्न : पक्षी विज्ञानी डॉ. आशा शर्मा ने बताया कि सांभर झील में प्रवासी पक्षियों के प्रवास का एक खास पैटर्न देखा गया है. कई पक्षी अक्टूबर-नवंबर से लेकर मार्च तक सांभर में प्रवास करते हैं, जबकि कई प्रवासी पक्षी अपने सफर के दौरान आगे बढ़ते हुए कुछ समय सांभर झील में बिताते हैं. इसे पैसेज माइग्रेशन कहा जाता है. सर्दी का मौसम खत्म होने के बाद अपने मूल क्षेत्र में लौटने के दौरान भी कई पक्षी सांभर झील में रुकते हैं. आमतौर पर सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का पैसेज माइग्रेशन ही रिकॉर्ड किया जाता है, लेकिन इस बार इनका एक बड़ा झुंड पिछले कई दिनों से यहां आने वाले बर्ड वॉचर्स को आकर्षित कर रहा है.

RAJASTHAN ECO TOURISM,  RAJASTHAN TOURISM
सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा (ETV Bharat)

नलियासर झील में बनाया ठिकाना : सांभर झील में प्रवासी पक्षियों की अठखेलियों को अपने कैमरे में कैद करने वाले पक्षी विशेषज्ञ गौरव दाधीच का कहना है कि सर्दियों में सुदूर सर्द प्रदेशों से बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी देश के अलग-अलग हिस्सों में आते हैं. अब सांभर झील कई प्रजातियों के पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह बन रही है. इनमें लेजर और ग्रेटर फ्लेमिंगो की बड़ी तादाद है. ग्रेट व्हाइट पेलिकन आमतौर पर अपने सफर के दौरान कुछ समय सांभर झील में गुजारते हैं, लेकिन इस बार इनका एक बड़ा झुंड लंबे समय समय से सांभर के पास नलियासर इलाके में डेरा डाले हुए है.

प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह सांभर झील
प्रवासी पक्षियों की पसंदीदा आरामगाह सांभर झील (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

सर्दियों में भोजन की तलाश में आते हैं पेलिकन : उनका कहना है कि पेलिकन (Pelican) मुख्य रूप से लंबी दूरी का प्रवासी पक्षी है, जो आमतौर पर यूरोप, एशिया, और मध्य एशिया से सर्दियों में देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवास करते हैं. जहां उन्हें प्राकृतिक आवास और प्रचुर मात्रा में भोजन मिलता है. राजस्थान में भी कई इलाके पेलिकन की पसंदीदा जगह हैं. राजस्थान में भरतपुर, चंदलाई झील, कोटा, सरिस्का, छतरपुर और बरवाड़ा में पेलिकन देखे जाते रहे हैं. अब सांभर झील भी पेलिकन की पसंदीदा आरामगाह की सूची में शामिल हो रहा है.

इको टूरिज्म का उभरता केंद्र
इको टूरिज्म का उभरता केंद्र (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: सांभर फेस्टिवल 24 जनवरी से, पांच दिन पर्यटकों से गुलजार होगी सांभर झील, कच्छ महोत्सव की तर्ज पर होगा आयोजन

मछलियां होती हैं पसंदीदा आहार : उन्होंने बताया कि आमतौर पर ग्रेट व्हाइट पेलिकन समुद्र तटों, झीलों और अन्य जलाशयों के पास रहते हैं. इनकी चोंच अन्य पक्षियों की तुलना में लंबी होती है, जो इन्हें अन्य पक्षियों से अलग पहचान देती है. इनकी लंबी चोंच गहरे पानी से मछलियां पकड़ने में भी सहायक होती है. ये समूह में उड़ान भरते हैं और समूह में ही अपना आहार तलाशते हैं. मछलियां इनका प्रमुख आहार होती हैं. आमतौर पर पेलिकन बड़े झुंड में हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं.

सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा
सांभर झील में ग्रेट व्हाइट पेलिकन का डेरा (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन बन रहा है सांभर: सर्दियों में प्रवासी पक्षियों की बहुतायत के कारण सांभर झील एक नई ऑफ बीट टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में उभर रहा है. इसके साथ ही यहां ईको टूरिज्म और डिवोशनल टूरिज्म की भी पर्याप्त संभावनाएं हैं. पक्षी प्रेमी लगातार सांभर झील को प्रोटेक्टेड एरिया घोषित करने की मांग उठा रहे हैं, ताकि इसे एक नई टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित किया जा सके और यहां आने वाले लाखों प्रवासी पक्षियों को सुरक्षित माहौल मुहैया करवाया जा सके.

Last Updated : 4 hours ago
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.