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ये हैं शिमला की पहली महिला ड्राइवर, नहीं मिला था परिवार का साथ, लोग करते थे ऐसे ऐसे कमेंट - TAXI DRIVER MEENAKSHI NEGI STORY

शिमला की टैक्सी ड्राइवर मीनाक्षी नेगी ने कई मुश्किलों का सामना करते हुए मुकाम हासिल किया और शिमला की पहली टैक्सी ड्राइवर बनी.

Shimla first Woman Taxi Driver Meenakshi Negi
हिमाचल की महिला टैक्सी ड्राइवर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 8:03 AM IST

Updated : Jan 24, 2025, 3:23 PM IST

शिमला:'किसी ने कहा तलाक हुआ होगा. तो कोई ने बोला कि विडो होगी. इतनी कामयाब कैसे हो गई'. पति ने ही गाड़ी चलाना सिखाया और कहा तुझे गाड़ी सिखा कर बहुत बड़ी गलती कर दी'.इतना कह कर मीनाक्षी की आंखें भर आई.'पांच महीने तक मेरे पति ने मुझसे बात नहीं की. पति ने बोला मुझे तेरी शक्ल तक नहीं देखनी. पीछे के दरवाजे से मैं पांच महीने तक घर के अंदर आती थी. हर कोई बस यही कहता था महिला है तो कामयाब कैसे नहीं होगी. महिला को देखकर तो मर्द दौड़े-दौड़े आते हैं. कितने लोगों के मुंह बंद करती. जितने मुंह उतनी बातें.'ये मीनाक्षी नेगी के संघर्ष की कहानी है. मीनाक्षी ने सब तानों और फब्तियों को नुकीले तीरों की तरह सहा और आज उन्हें शिमला की पहली महिला कैब ड्राइवर बनने का गौरव हासिल है.

पहाड़ों की लेडी ड्राइवर

कैब ड्राइवर बनने के सफर में मीनाक्षी की लड़ाई घर से ही शुरू हुई थी. मीनाक्षी का परिवार ये नहीं चाहता था कि वो कैब ड्राइवर न बनें, क्योंकि इस पेशे में पुरुषों का वर्चस्व है दूसरा समाज में इसे अच्छे नजरिए से भी नहीं देखा जाता है, लेकिन मीनाक्षी खुद से लड़ी, समाज से लड़ी, अपनों से लड़ी, सिर्फ अपनी एक अलग पहचान बनाने के लिए.

पहाड़ों की लेडी टैक्सी ड्राइवर की प्रेरणादायक कहानी (ETV Bharat)

बचपन से था गाड़ी चलाने का शौक

चेहरे पर आत्मविश्वास, आंखों में कुछ कर गुजरने का जुनून, करीब 42 साल की मीनाक्षी दो बेटियों की मां हैं और किन्नौर से संबंध रखती हैं, लेकिन शिमला में ही लंबे समय से रहती हैं. मीनाक्षी ने शिमला से ही ग्रेजुएशन की. उसके बाद मीनाक्षी प्राइवेट जॉब करने के लिए दिल्ली चली गई. मीनाक्षी की 24 साल की उम्र में शादी हो गई. शादी के बाद नौकरी छोड़नी पड़ी. कमाई का एक ही साधन था उनके पति. मीनाक्षी के पति सरकारी नौकरी करते हैं, लेकिन मीनाक्षी अपने पैरों पर खड़ी होना चाहती थीं और कुछ अलग करना चाहती थी, लेकिन उन्होंने ये कभी नहीं सोचा था कि वो व्यवसाय के रूप में गाड़ी चलाना चुनेंगी. मीनाक्षी बताती हैं कि मुझे बचपन से ही गाड़ी चलाने का बहुत शौक था. जब छोटी थी तो बस में सफर करते हुए सबसे आगे बैठती थीं. ड्राइवर को गाड़ी चलाते हुए देखती रहती थी, फिर शादी होने के बाद उनके पति ने ही उनको गाड़ी चलाना सिखाया.

मीनाक्षी नेगी (ETV Bharat)

आर्थिक संकट के बीच मीनाक्षी ने थामा टैक्सी का स्टेयरिंग

पति से गाड़ी सीखने के बाद शुरुआत में मीनाक्षी के पास एक निजी वाहन था, जिसमें वो अपने बच्चों को स्कूल छोड़ती थी. बाद में उन्होंने अपने बच्चों के साथ ही पड़ोस के बच्चों को भी कार से स्कूल छोड़ना शुरू किया इससे उनकी कुछ आय होने लगी, लेकिन कोरोना के बाद स्कूल बंद हो गए, जिसके बाद बच्चों का स्कूल छोड़ना बंद हो गया और उनके होने वाली आय भी बंद हो गई. इससे गाड़ी की किस्त के साथ बच्चों का खर्च भी परेशान करने लगा. मीनाक्षी ने महसूस किया कि जब वो ड्राइविंग कर लेती हैं तो क्यों नहीं ड्राइविंग को ही व्यवसाय बना लिया जाए.

शिमला की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर (ETV Bharat)

पति ने पांच महीने तक बात नहीं की

मीनाक्षी ने टैक्सी ड्राइवर बनने का सपना तो देख लिया था, लेकिन उनके लिए इसे पूरा करना पाना आसान नहीं था. सबसे पहले घर वालों ने ही विरोध किया. पति ने पांच महीने तक शक्ल तक नहीं देखी पतिने ही गाड़ी चलाना सिखाया और कहा तुझे गाड़ी सिखा कर बहुत बड़ी गलती कर दी. पांच महीने तक मेरे पति ने मुझसे बात नहीं की. पति ने बोला मुझे तेरी शक्ल तक नहीं देखनी. पीछे के दरवाजे से मैं पांच महीने तक घर के अंदर आती थी." इतना कह कर मीनाक्षी की आंखें भर आई.

शिमला की पहली महिला टैक्सी ड्राइवर (ETV Bharat)

'ये तो विडो होगी तभी कैब चला रही है'

घर से बगावत कर मीनाक्षी टैक्सी लेकर सड़क पर तो उतर तो गई थी, लेकिन लोगों की फब्तियों और ताने दिल और दिमाग में तीर की चुभते थे. मीनाक्षी कहती हैं कि, 'कोई कहता कि विडो होगी...किसी ने कहा महिला है तो कामयाब हो ही जाएगी. महिला को देखकर मर्द तो भागे आते हैं. कोई ड्राइविंग सीट पर महिला को देखकर गाड़ी में बैठता ही नहीं था. अगर वो खुद किसी को टैक्सी के लिए अप्रोच करती थी तो लोग बड़ी हैरानी से मेरी तरफ देखते थे. टैक्सी यूनियन का भी सहयोग नहीं मिलता था. जब सफलता मिली तो लोगों ने कहा कि इतनी कामयाब कैसे हो गई'

बेटियों की रोल मॉडल हैं मीनाक्षी

आज मीनाक्षी के पा अपनी चार गाड़िया हैं. अपनी मेहनत से कमाया हुआ आशियाना हैं. दो बेटियां है जिन्हें वो शिमला के नामी स्कूल में पढ़ा रही हैं. पति जो शुरुआत में मीनाक्षी के काम को बिल्कुल पसंद नहीं करते थे. वो आज मीनाक्षी पर गर्व महसूस करते हैं. मीनाक्षी अपने पति के साथ कंधे से कंधा मिलाकर घर के पूरे खर्च उठाती हैं. बेटियां अपनी मां को रोल मॉडल मानती हैं. दोनों बेटियां अपनी मां को महिला सशक्तिकरण की मिसाल बताती हैं. मीनाक्षी ने बताया कि, 'अब वो बुरा समय खत्म हो गया है. स्थितियां सुधर गई हैं. दूसरे टैक्सी ड्राइवर भी सहयोग करने लगे हैं. आज गर्व से काम कर रही हूं. शुरू में थोड़ी हिचकिचाहट हुई. ड्राइविंग पेशा पुरुष प्रधान है, फिर भी, मैंने टैक्सी चलाने का फैसला किया, ताकि मैं अपने परिवार को आय का एक अतिरिक्त स्रोत प्रदान कर सकूं’.

अपनी बेटियों की रोल मॉडल हैं मीनाक्षी नेगी (ETV Bharat)

बेटियां मानती हैं रोल मॉडल

मीनाक्षी की बेटी आलिया नेगी ने कहा कि, 'वो बहुत आगे बढ़ चुकी हैं. मां ने ये साबित कर दिया है कि महिलाएं पुरुषों से कम नहीं है और कोई भी काम कर सकती हैं. मेरी मां आज सिर्फ मेरे लिए ही नहीं अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणा हैं. मुझे अपनी मां पर गर्व है.'

रात को भी सड़कों पर बेखौफ दौड़ती है मीनाक्षी की टैक्सी

मीनाक्षी ने बताया कि शुरू में सवारियां भी पूछने के बाद दूसरे वाहन में चले जाती थी, लेकिन अब हौसले के साथ लोगों का भरोसा भी जीत लिया है. इसके दम पर शिमला ही नहीं बल्कि चंडीगढ़, दिल्ली तक टैक्सी की सेवाएं दे रही हैं. शिमला की सड़कों पर दिन ही नहीं बल्कि रात को भी टैक्सी सेवाएं प्रदान कर रही हैं. हिमाचल में महिलाएं सुरक्षित हैं, इसलिए रात में भी टैक्सी चलाने में डर नहीं लगता. लिफ्ट के पास से देर शाम तक सवारियां उठाती हूं. लोग अपने परिवारों को लाने ले जाने के लिए फोन कर बुलाते हैं.

पहाड़ी रास्तों में फर्राटे भरती है मीनाक्षी नेगी की टैक्सी (ETV Bharat)

'शिमला में महिला टैक्सी यूनियन बनानी है'

मीनाक्षी का कहना है कि वो भविष्य में शिमला में पहली महिला टैक्सी यूनियन स्थापित करना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि कई लड़कियां उनके संपर्क में हैं, जो ड्राइविंग को एक पेशे के रूप में अपनाना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि महिलाएं आत्मनिर्भर बनना चाहें तो मैं मदद करने को तैयार हूं. आज मीनाक्षी दूसरी महिलाओं को भी इस पेशे में आने के लिए प्रेरित कर रही हैं. शिमला में इस समय मीनाक्षी समेत 2 महिला कैब ड्राइवर्स हैं. दूसरी महिला कैब ड्राइवर भी मीनाक्षी के साथ ही काम करती हैं.

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Last Updated : Jan 24, 2025, 3:23 PM IST

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