शिमला: हिमाचल प्रदेश में बजट सत्र से पहले आज और कल दो दिन विधायक प्राथिमकता की बैठकें आयोजित होंगी. विधायक प्राथमिकता की बैठक का विपक्ष ने बहिष्कार किया है. विपक्ष का आरोप है कि विधायक प्राथमिकता के तहत जो डीपीआर तैयार करने के लिए बोला जा रहा है, वो 2 सालों से नहीं बनी है. ऐसे में सरकार के इस रवैये को देखते हुए इस बैठक का बहिष्कार किया गया है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा, "आगामी वित्त वर्ष को लेकर विधायक अपने-अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं को बताता है, ताकि उसके लिए बजट का प्रावधान किया जा सके. हिमाचल में बीते दो सालों से कांग्रेस की सरकार है, लेकिन दो साल में जो विपक्ष के विधायकों ने प्राथमिकताएं दी थी, उसकी अभी तक डीपीआर नहीं बनाई गई है. कांग्रेस के विधायकों में से भी केवल उन्हीं विधायकों की डीपीआर मंजूर हो रही है, जो मुख्यमंत्री के करीबी हैं. ऐसे में विपक्ष के विधायकों ने बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और आगामी बजट सत्र में क्षेत्र के मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा."
'लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही सुक्खू सरकार'
जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू विधायकों के हक में बड़ी-बड़ी बातें करते थे, लेकिन अब सत्ता में आने के बाद विधायकों को सबसे ज्यादा नुकसान सुक्खू सरकार ने पहुंचाया है. ये सरकार विधायकों को अपमानित कर रही है. विपक्ष के विधायकों को विधानसभा क्षेत्र के किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बुलाया तक नहीं जाता है. सुक्खू सरकार लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है. ऐसे में विपक्ष के सभी विधायकों ने विधायक प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार करने का फैसला लिया है.
नेता प्रतिपक्ष जयराम ने ठाकुर ने कहा, "पूर्व की वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में हमेशा संबंधित क्षेत्र के विधायक को सरकारी कार्यक्रम में बोलने दिया जा था. चाहे फिर वो विधायक पक्ष का हो या विपक्ष का हो, उसके साथ कभी भेदभाव नहीं होता था, लेकिन वर्तमान प्रदेश सरकार ने सभी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का हनन कर दिया है."
'केंद्र पर फोड़ा जा रहा नाकामियों का ठीकरा'
जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार खुद कुछ नहीं कर पा रही है तो ऐसे में दूसरे पर दोष मढ़ने का काम किया जा रहा है. सुक्खू सरकार द्वारा केंद्र सरकार पर अपनी नाकामियों का ठीकरा फोड़ा जा रहा है. केंद्र सरकार से हिमाचल को पूरा सहयोग मिल रहा है. विशेष सहायता के तौर पर प्रदेश को केंद्र सरकार से एक हजार करोड़ मिल चुका है. 278 करोड़ की स्पेशल असिस्टेंट केंद्र सरकार से मिली, उसे प्रदेश सरकार ने HRTC, कर्मचारियों की सैलरी के लिए दिया है, जो कि उचित नहीं है. केंद्र सरकार की मदद से सुक्खू सरकार चल रही है. उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार केंद्र सरकार के पैसे का दुरूपयोग कर रही हैं. कांग्रेस सरकार आर्थिक बदहाली का रोना रो रही है, जबकि सीपीएस को बचाने के लिए कोर्ट में सरकार करोड़ों रुपयों का खर्च कर रही है. हिमाचल कोटे के आईएएस-आईपीएस नहीं लेने के फैसले से सरकार को कोई ज्यादा पैसे की बचत नहीं होगी.
रमेश धवाला को नसीहत
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने रमेश धवाला को संयम बरतने की नसीहत देते हुए कहा, "जब रमेश धवाला विधायक भी नहीं थे तब भी भाजपा सरकार ने उन्हें उचित पदों पर बैठाया. ऐसे में उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए. पार्टी प्लेटफार्म के बाहर इस तरह की बातें करना उचित नहीं है."