नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सेंट्रल फोरेंसिक लाइंस लेबोरेटरी (CFSL) से लीक हुए ऑडियो टेप पर रिपोर्ट मांगी. इस टेप में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह की राज्य में चल रही जातीय हिंसा में कथित संलिप्तता का संकेत दिया गया है. टैप में कहा गया है, "राज्य धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है...".
बता दें कि मई 2023 में भड़की हिंसा के बाद से मणिपुर में 200 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. यह मामला भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की पीठ के समक्ष आया. जस्टिस खन्ना पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं.
सुनवाई की शुरुआत में CJI ने याचिकाकर्ता कुकी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स ट्रस्ट का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता प्रशांत भूषण से कहा कि राज्य धीरे-धीरे सामान्य स्थिति की ओर लौट रहा है और अदालत मामले को रोक सकती है. उन्होंने कहा, "दूसरा मुद्दा यह है कि क्या मणिपुर हाई कोर्ट को इस मामले की सुनवाई करनी चाहिए."
'अब कोई घटना नहीं हुई'
इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि अब कोई घटना नहीं हुई है. भूषण ने कहा कि ये टेप रिकॉर्डिंग जो सामने आई हैं, मणिपुर के सीएम की संलिप्तता को स्थापित करती हैं.सीजेआई ने कहा कि भूषण ने याचिका में केवल एक रिकॉर्डिंग का उल्लेख किया है. भूषण ने तर्क दिया कि उन्होंने टेप रिकॉर्डिंग की प्रतिलिपियां अटैच की हैं और कहा कि यह ट्रांसक्रिप्शन बहुत गंभीर हैं.
इसके बाद मेहता ने कहा कि एफआईआर अगस्त में दर्ज की गई थी और याचिका नवंबर2024 में दायर की गई थी. उन्होंनेकहा, "उन्होंने जो भी सप्लाई की है, उसे सीएफएसएल को भेज दिया गया है और उनकी रिपोर्ट का इंतजार है" मेहता ने कहा, "जिसने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर अपलोड किया है, हमने उनसे भी संपर्क किया है." उन्होंने कहा कि सरकार लैब रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
सीजेआई ने टेप की जांच करने को कहा
सीजेआई ने मेहता से टेप की जांच करने को कहा, जिसपर मेहता ने कहा, "याचिकाकर्ता का कुछ वैचारिक झुकाव है, अलगाववादी आदि... आपके द्वारा नियुक्त न्यायालय-समिति द्वारा रिपोर्ट दर्ज की गई है कि ये नागरिक समाज संगठन मामले को गर्म रखना चाहते हैं. ऐसा न हो." सीजेआई ने कहा कि न्यायालय सावधान है और शुरुआत में ही, हमने कहा था कि यह एक और मुद्दा नहीं बनना चाहिए... लेकिन साथ ही मुझे टेप की सामग्री और सत्यता भी नहीं पता है.
सीजेआई ने मेहता से कहा कि संबंधित प्राधिकारी को टेप रिकॉर्डिंग की सत्यता की पुष्टि करनी है और पूछा, कि एफएसएल रिपोर्ट कब आएगी? सीजेआई ने मेहता से कहा, "एक महीने में रिपोर्ट प्राप्त करें." मेहता ने कहा कि वह इसे प्राप्त करने का प्रयास करेंगे. भूषण ने कहा कि उन्होंने रिकॉर्डिंग को ट्रुथ लैब में भेजा था, और इस प्रयोगशाला में किसी भी सीएफएसएल की तुलना में कहीं अधिक विशेषज्ञता और विश्वसनीयता है.
भूषण ने कहा, “उच्च न्यायालयों और अन्य अदालतों ने ट्रुथ लैब से पूछा है…उनकी रिपोर्ट कहती है कि हां, ये उनकी (मणिपुर सीएम) आवाज है.” भूषण ने आगे कहा कि 93 प्रतिशत संभावना है कि यह मणिपुर सीएम की आवाज है. इसके बाद सीजेआई ने कहा अदालत छह सप्ताह बाद मामले की सुनवाई करेगी.
ऑडियो क्लिप की ट्रांसक्रिप्ट का हवाला
भूषण ने ऑडियो क्लिप की ट्रांसक्रिप्ट का हवाला देते हुए कहा कि सीएम कह रहे हैं कि उन्होंने मैतेई लोगों को शस्त्रागार से हथियार लूटने की अनुमति दी और उन्होंने उन्हें गिरफ्तार होने से बचाया, और यह कुछ मैतेई लोगों की बंद कमरे में हुई बैठक थी. भूषण ने कहा, "दुर्भाग्य से उनके फोन पर एक व्यक्ति ने इस पूरी बैठक को रिकॉर्ड कर लिया...".
सीजेआई ने जवाब दिया, "हमें रिपोर्ट दें... हम उनसे छह सप्ताह में पूछ रहे हैं और वे इसे दे देंगे." पीठ ने मामले को 24 मार्च, 2025 से शुरू होने वाले सप्ताह में सूचीबद्ध किया और आदेश में कहा, "यह बताया गया कि ऑडियो क्लिप को केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) में जांच के लिए भेजा गया था और रिपोर्ट सीलबंद कवर में पेश की जाएगी"
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