भोपाल। भोपाल शहर के वार्ड नंबर-78 स्थित कॉलोनियों में 4 साल से सीवेज लाइन चोक पड़ी है. इसलिए पानी ओवरफ्लो होकर गलियों में भर रहा है. पानी की निकासी के भी कोई इंतजाम नहीं हैं. गंदगी और बदबू की वजह से घरों में रहना दूभर हो गया है. ऐसे पानी भरे रास्ते से कौन आवाजाही कर सकता है. रात में तो कोई घर से निकलता तक नहीं है. बारिश भी शुरू हो गई है और अब यह गंदा पानी लोगों के घरों में भी घुसेगा. इस मामले को संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने नगर निगम आयुक्त से 3 सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है.
ग्वालियर में सड़कों पर गड्डे, हादसे बढ़े
ग्वालियर में पिछले एक सप्ताह से हो रही बारिश की वजह से सड़कों की हालत बहुत खराब हो गई है. इसकी वजह से सड़कों के गड्ढे नजर नहीं आते हैं, जोकि अब हादसों का कारण बनते जा रहे हैं. इस मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर व आयुक्त नगर निगम प्रतिवेदन 3 सप्ताह में मांगा है. उधर, बुरहानपुर जिले में ताप्ती नदी वर्षों से उपेक्षित है. इसमें शहर के सीवरेज सहित कारखानों का पानी सीधे मिल रहा है. रोजाना 10 से 12 एमएलडी गंदा पानी नदी में जा रहा है. जिले में बीते बुधवार से जलस्त्रोतों के संरक्षण का अभियान शुरू हुआ है. लेकिन इसमें भी ताप्ती नदी के शुद्धिकरण के लिए कोई प्रयास नहीं है. आयोग ने कलेक्टर एवं जिला प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी से प्रतिवेदन एक माह में मांगा है।
कलेक्टर श्योपुर से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी
श्योपुर जिले में अलसुबह कलेक्टर बंगले पर पहुंचे कनापुर गांव के लोगों ने बंगले के बाहर धरना दिया. ग्रामीण कलेक्टर से मिलना चाहते थे पर कर्मचारियों ने उन्हें मिलने देने के बजाय उनकी समस्या कलेक्टर तक पहुंचा दी. ग्रामीणों ने बताया कि आम रास्ते में गांव के दबंगों ने मिट्टी डालकर रास्ता बंद कर दिया है. रास्ता बंद करने से आवागमन बंद होने के साथ पानी की निकासी भी बंद हो गई है. इससे बारिश के कारण पूरी बस्ती में पानी भर गया तथा जनजीवन अस्तव्यस्त हो रहा है. आयोग ने कलेक्टर श्योपुर से 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है.