ETV Bharat / state

सेंट्रल जेल से 14 खूंखार कैदी ऐसे हुए गायब, खोज-खोजकर थक गई जबलपुर पुलिस - JABALPUR JAIL 14 PRISONERS MISSING

हत्या, लूट, डकैती जैसे संगीन जुर्म में सजा काट रहे 14 कैदी सेंट्रल जेल से आज भी चल रहे फरार, किसी का कोई सुराग नहीं.

jabalpur jail prisoners missing
पैरोल से फरार हुए 14 कैदी (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 13, 2025, 4:44 PM IST

Updated : Jan 13, 2025, 4:56 PM IST

जबलपुर : जेल से भागना कैदियों के लिए सरल नहीं है लेकिन जबलपुर सेंट्रल जेल से 14 खूंखार कैदी फरार हैं. हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर मामलों के 14 कैदी जो पैरोल पर छूटे, तो फिर दोबारा कभी वापस नहीं लौटे. और तो और मध्य प्रदेश पुलिस भी इन्हें ढूंढ़ ढ़ूढकर थक गई है पर आज भी इन 14 कैदियों का कोई सुराग नहीं है. इनमें से कुछ कैदी तो बीते 28 साल से जेल से फरार हैं.

28 सालों में 49 कैदी हुए फरार

दरअसल, सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर में 28 सालों में ऐसे 49 कैदी पैरोल जंप करते हुए फरार हो गए थे. इनमें से 35 कैदियों को पुलिस ने पकड़ भी लिया है, लेकिन 14 कैदी आज भी फरार हैं. केंद्रीय जेल के जेलर मदन कमलेश ने बताया, '' जेल में आजीवन कारावास के कैदी का व्यवहार यदि अच्छा रहता है तो जेल नियम कैदियों को पैरोल का अधिकार देते हैं. पैरोल में आजीवन कारावास में बंद कैदी किसी जरूरी काम के लिए कुछ समय जेल से बाहर आ सकता है.''

14 कैदियों को आज भी खोज रही जबलपुर पुलिस (Etv Bharat)

कैसे पैरोल पर जाते हैं कैदी?

पैरोल की प्रक्रिया कैदी के आवेदन से शुरू होती है. कैदी अपना आवेदन जेल प्रशासन को देता है, जेल प्रशासन इसे स्थानीय कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचाता है. प्रशासन इस बात को सुनिश्चित करता है कि जेल में बंद कैदी के बाहर निकलने से जिस क्षेत्र में वह रहेगा वहां कोई अशांति पैदा नहीं होगी. इसके बाद जिला प्रशासन कैदी को पैरोल देने की अनुमति देता है. यदि जिला प्रशासन अनुमति नहीं देता तो जेल विभाग के डीजी के पास पैरोल की अनुमति के लिए अपील जाती है.

अच्छे आचरण से बढ़ती है कैदी की पैरोल

जेल डीजी द्वारा भी कैदी को पैरोल दिया जा सकता है लेकिन इस पेरोल के दौरान कैदी को रोज स्थानीय पुलिस थाने में हाजिरी देनी होती है. इसके साथ ही कैदी को दो जमानतदार तैयार करने पड़ते हैं, जिसके आधार पर कैदी को पैरोल दिया जा रहा है. यदि किसी कैदी का व्यवहार अच्छा होता है और पैरोल के दौरान भी उसने सभी नियमों का पालन सही ढंग से किया है तो हर साल पैरोल की अवधि थोड़ी-थोड़ी बढ़ती है. जेल प्रशासन यदि कैदी के व्यवहार को देखकर पूरी तरह संतुष्ट रहता है तो कैदी के पास खुली जेल में जाने का भी अवसर होता है.

14 Prisoners absconded jbp jail
सेंट्रल जेल जबलपुर (Etv Bharat)

पैरोल से ही फरार हुए सेंट्रल जेल के कैदी

पैरोल जेल की सामान्य प्रक्रिया है लेकिन इसमें एक जोखिम यह भी रहता है कि पैरोल पर निकला हुआ कैदी फरार भी हो जाता है. जबलपुर जेल के जेलर मदन कमलेश बताते हैं, '' बीते 28 सालों में जबलपुर सेंट्रल जेल से निकले हुए 49 कैदी फरार हो चुके हैं. इनमें से 35 कैदियों को तो पुलिस पड़कर वापस जेल पहुंच चुकी है लेकिन अभी भी 14 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें पुलिस नहीं पकड़ पाई. इनमें ज्यादातर आजीवन कारावास के बंदी हैं. यानी इन कैदियों ने हत्या जैसे गंभीर अपराध किए थे इसलिए इन्हें आजीवन कारावास हुआ था. बाद में ये पैरोल पर निकले और फरार हो गए.''

कैदियों को लगातार खोजती है पुलिस

इनमें से कुछ कैदी तो जबलपुर के ही हैं लेकिन इसके बावजूद जबलपुर पुलिस इन कैदियों को नहीं पकड़ पाई और यह अभी भी फरार हैं. जबलपुर के पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने कहा, '' पुलिस लगातार फरार कैदियों को पकड़ने के लिए सतर्कता बनाए रखती है लेकिन जेल से भागा हुआ बदमाश और अधिक सतर्क हो जाता है इसलिए उन्हें पकड़ने में थोड़ी समस्या होती है.''

यह भी पढ़ें-

जबलपुर : जेल से भागना कैदियों के लिए सरल नहीं है लेकिन जबलपुर सेंट्रल जेल से 14 खूंखार कैदी फरार हैं. हत्या, लूट, डकैती जैसे गंभीर मामलों के 14 कैदी जो पैरोल पर छूटे, तो फिर दोबारा कभी वापस नहीं लौटे. और तो और मध्य प्रदेश पुलिस भी इन्हें ढूंढ़ ढ़ूढकर थक गई है पर आज भी इन 14 कैदियों का कोई सुराग नहीं है. इनमें से कुछ कैदी तो बीते 28 साल से जेल से फरार हैं.

28 सालों में 49 कैदी हुए फरार

दरअसल, सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल जबलपुर में 28 सालों में ऐसे 49 कैदी पैरोल जंप करते हुए फरार हो गए थे. इनमें से 35 कैदियों को पुलिस ने पकड़ भी लिया है, लेकिन 14 कैदी आज भी फरार हैं. केंद्रीय जेल के जेलर मदन कमलेश ने बताया, '' जेल में आजीवन कारावास के कैदी का व्यवहार यदि अच्छा रहता है तो जेल नियम कैदियों को पैरोल का अधिकार देते हैं. पैरोल में आजीवन कारावास में बंद कैदी किसी जरूरी काम के लिए कुछ समय जेल से बाहर आ सकता है.''

14 कैदियों को आज भी खोज रही जबलपुर पुलिस (Etv Bharat)

कैसे पैरोल पर जाते हैं कैदी?

पैरोल की प्रक्रिया कैदी के आवेदन से शुरू होती है. कैदी अपना आवेदन जेल प्रशासन को देता है, जेल प्रशासन इसे स्थानीय कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचाता है. प्रशासन इस बात को सुनिश्चित करता है कि जेल में बंद कैदी के बाहर निकलने से जिस क्षेत्र में वह रहेगा वहां कोई अशांति पैदा नहीं होगी. इसके बाद जिला प्रशासन कैदी को पैरोल देने की अनुमति देता है. यदि जिला प्रशासन अनुमति नहीं देता तो जेल विभाग के डीजी के पास पैरोल की अनुमति के लिए अपील जाती है.

अच्छे आचरण से बढ़ती है कैदी की पैरोल

जेल डीजी द्वारा भी कैदी को पैरोल दिया जा सकता है लेकिन इस पेरोल के दौरान कैदी को रोज स्थानीय पुलिस थाने में हाजिरी देनी होती है. इसके साथ ही कैदी को दो जमानतदार तैयार करने पड़ते हैं, जिसके आधार पर कैदी को पैरोल दिया जा रहा है. यदि किसी कैदी का व्यवहार अच्छा होता है और पैरोल के दौरान भी उसने सभी नियमों का पालन सही ढंग से किया है तो हर साल पैरोल की अवधि थोड़ी-थोड़ी बढ़ती है. जेल प्रशासन यदि कैदी के व्यवहार को देखकर पूरी तरह संतुष्ट रहता है तो कैदी के पास खुली जेल में जाने का भी अवसर होता है.

14 Prisoners absconded jbp jail
सेंट्रल जेल जबलपुर (Etv Bharat)

पैरोल से ही फरार हुए सेंट्रल जेल के कैदी

पैरोल जेल की सामान्य प्रक्रिया है लेकिन इसमें एक जोखिम यह भी रहता है कि पैरोल पर निकला हुआ कैदी फरार भी हो जाता है. जबलपुर जेल के जेलर मदन कमलेश बताते हैं, '' बीते 28 सालों में जबलपुर सेंट्रल जेल से निकले हुए 49 कैदी फरार हो चुके हैं. इनमें से 35 कैदियों को तो पुलिस पड़कर वापस जेल पहुंच चुकी है लेकिन अभी भी 14 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें पुलिस नहीं पकड़ पाई. इनमें ज्यादातर आजीवन कारावास के बंदी हैं. यानी इन कैदियों ने हत्या जैसे गंभीर अपराध किए थे इसलिए इन्हें आजीवन कारावास हुआ था. बाद में ये पैरोल पर निकले और फरार हो गए.''

कैदियों को लगातार खोजती है पुलिस

इनमें से कुछ कैदी तो जबलपुर के ही हैं लेकिन इसके बावजूद जबलपुर पुलिस इन कैदियों को नहीं पकड़ पाई और यह अभी भी फरार हैं. जबलपुर के पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने कहा, '' पुलिस लगातार फरार कैदियों को पकड़ने के लिए सतर्कता बनाए रखती है लेकिन जेल से भागा हुआ बदमाश और अधिक सतर्क हो जाता है इसलिए उन्हें पकड़ने में थोड़ी समस्या होती है.''

यह भी पढ़ें-

Last Updated : Jan 13, 2025, 4:56 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.