भोपाल: पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मध्य प्रदेश विधानसभा सभाग्रह में विधायकों और नेताओं को जंगल सत्याग्रह फिल्म दिखाई. दिग्विजय सिंह ने इस फिल्म में कांग्रेस विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री और बीजेपी नेताओं को भी आमंत्रित किया था. हालांकि फिल्म देखने बीजेपी का एक भी नेता नहीं पहुंचा. उधर दिग्विजय सिंह ने कहा कि "द साबरमति और केरला एक्सप्रेस उनकी फिल्म थी. अगर उस फिल्म को देखने के लिए बीजेपी आमंत्रित करती तो वह फिल्म देखने जाते. उधर कांग्रेस ने सरकार से इस फिल्म को टैक्स फ्री करने की मांग की है."
नहीं पहुंचे बीजेपी नेता, दिग्गी बोले यह आदिवासियों की फिल्म
फिल्म को देखने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे सहित कई कांग्रेस विधायक और नेता पहुंचे. फिल्म को लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि "मध्यप्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति का आजादी की लड़ाई में सबसे बड़ा योगदान जंगल सत्याग्रह के रूप में रहा है. यह सत्याग्रह इसलिए हुआ था कि अंग्रेजों ने वन संपदा को लूटने के लिए 1927 में इंडियन फॉरेस्ट एक्ट लेकर आई थी. इसके विरोध में लोगों ने विरोध शुरू किया. इस एक्ट के बाद आदिवासियों के सूखी लकड़ी इकट्ठा करने, लकड़ियां काटने, वन संपदा को इकट्ठा करने पर रोक लगाते हुए अंग्रेजों ने जंगलों पर कब्जा कर लिया था.
#WATCH | Bhopal, Madhya Pradesh | On the film 'Jungle Satyagraha', Congress MP Digvijaya Singh says, " jungle satyagraha is a satyagraha of madhya pradesh where the british were taking away the rights of the tribals. a large number of youth and women did satyagraha against it and… pic.twitter.com/PNJW82tYpP
— ANI (@ANI) January 13, 2025
ओडिशा, महाराष्ट्र से लेकर मध्य प्रदेश तक जंगल सत्याग्रह हुआ था. दिग्विजय ने इस फिल्म को देखने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से लेकर तमाम बीजेपी नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन कोई भी बीजेपी नेता इसे देखने नहीं पहुंचा. इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि "यह फिल्म कांग्रेस की नहीं, बल्कि आदिवासियों की फिल्म है."
दिग्विजय सिंह बोले साबरमति देखने नहीं बुलाया
बीजेपी ने दिग्विजय सिंह द्वारा दिखाई जा रही फिल्म को लेकर सवाल किया कि दिग्विजय सिंह केरला एक्सप्रेस और साबरमति देखने नहीं गए. इसको लेकर दिग्विजय सिंह ने कहा कि "बीजेपी ने 'द साबरमति' देखने के लिए आमंत्रित नहीं किया. 'द साबरमति', 'केरला एक्सप्रेस' उनकी फिल्म है. यदि इसे देखने के लिए आमंत्रित करते तो जरूर जाता."
आज पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय दिग्विजय सिंह जी द्वारा आयोजित ‘जंगल सत्याग्रह’ फिल्म के प्रीमियर शो में पूरे कांग्रेस परिवार के साथ शामिल होने का अवसर मिला।@digvijaya_28 pic.twitter.com/FjEMNB7K3I
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) January 13, 2025
क्यों खास यह जंगल सत्याग्रह
फिल्म जंगल सत्याग्रह बैतूल अंचल के क्रांतिकारियों द्वारा अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ किए गए संघर्ष की कहानी है. इसमें अंचल के क्रांतिकारी आदिवासी नायक सरदार गंजन सिंह कोरकू, सरदान विष्णु सिंह गोंड, ठाकुर मोहकम सिंह, रामजी कोरकू और जुगरू गोंड के संघर्ष को दिखाया गया है. यह फिल्म बैतूल के जंगलों में साल 1930 में हुए जंगल सत्याग्रह की पृष्ठभूमि पर आधारित है. यह सत्याग्रह साल 1930 में घोड़ाडोगरी क्षेत्र में शुरू हुआ था और धीरे-धीरे बैतूल, बंजारी, छिंदवाड़ा, ओरछा, घुनघटी और हरदा के जंगलों फैल गया.
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इसमें आदिवासियों ने कंधे पर कंबल डालकर और लाठियां लेकर ब्रिटिश साम्राज्य से लोहा लिया. इस फिल्म में दो पूर्व विधायकों ने किरदार निभाए हैं. पूर्व मंत्री व विधायक सुखदेव पांसे और पूर्व विधायक धरमू सिंह सिरसार ने इसमें भूमिका निभाई है. पांसे ने बिहारीलाल पटेल की भूमिका निभाई. वहीं धरमू सिंह स्वतंत्रता सेनानी मोहकम सिंह के पिता की भूमिका अदा की.