जबलपुर. जबलपुर के गोहलपुर में एक ऐसी बस्ती है जहां के लोग सरकार से शौचालय के लिए गुहार लगा रहे हैं. ये लोग कह रहे हैं कि बिजली, पानी, सड़क, सफाई और स्कूल यह सब बाद में देना कम से कम एक शौचालय दे दें, जिससे घर की बहू बेटियां निस्तार के लिए खुले में जानें मजबूर न हों और लोग उन्हें पत्थर न मारें. बता दें कि मुस्लिम बाहुल्य वाली ये बस्ती यहां सालों पहले बसी थी, जिसके बाद सरकार ने यहां के लोगों को विस्थापित कर पक्के घर दिए थे, लेकिन कुछ समय बाद ये बस्ती फिर बस गई.
खुले में शौच को मजबूर महिलाएं
वहीं गाजी नगर बस्ती में रहने वाले कहते हैं कि सरकार ने उन्हें घर नहीं दिए और अपने हाल पर छोड़ दिया. यहां रहने वाले मोहम्मद सफीक ने कहा, 'सबसे बड़ी समस्या घर की बहू बेटियों के शौचालय की है. पूरी बस्ती में लगभग डेढ़ सौ घर हैं और हजार से ज्यादा की आबादी है, लेकिन एक भी शौचालय नहीं है और इन सभी लोगों को खुले में शौच करने के लिए जाना पड़ता है. बड़े लोग तो पैसा देकर सुलभ शौचालय में चले जाते हैं, लेकिन महिलाएं और मोहल्ले की लड़कियां जब खुले में शौच के लिए जाती हैं तो लोग पत्थर मारते हैं.
हमारे साथ छुआछूत जैसा व्यवहार
यहां सड़क पर अपने टूटे झाड़ू से सफाई करती हुई रिजवाना से हमने पूछा कि आप सड़क की सफाई क्यों कर रही हो? तो रिजवाना ने कहा कि हमारे मोहल्ले में सफाई करने कोई नहीं आता. छोटी-छोटी गलियां हैं हम खुद ही साफ कर लेते हैं. बाकी लोगों के घरों का कचरा गाड़ी वाला बटोरता है लेकिन हमारे साथ छुआछूत वाला व्यवहार किया जाता है और कचरे वाले हमसे कचरा नहीं लेते. वहीं बस्ती में रहने वाली गीता ने बताया कि उनके राशन कार्ड हैं, पहचान पत्र हैं और मतदाता सूची में उनका नाम भी. लेकिन उनके बच्चों को आंगनवाड़ी नहीं मिलती.