नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने धोखेबाजों के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. इसने इन्वेस्टमेंट पर मोटा रिटर्न देने के नाम पर चार लोगों से 2.38 करोड़ रुपए की ठगी की है. यह जालसाज गैंग ट्रेडिंग ऐप 'सीएचसी-एसईएस' के जरिए मोटा रिटर्न देने के लिए इन्वेस्टमेंट करने के लिए भोले-भाले लोगों के सामने अपने को शेयर मार्केट के एक्सपर्ट के रूप में पेश करता था. दिल्ली पुलिस की आईएफएसओ/स्पेशल सेल ने इस मामले में गिरोह के मास्टरमाइंड समेत कुल 9 लोगों को गिरफ्तार किया है.
मामले में ये खुलासा हुआ है कि गैंग ने 400 से ज्यादा फर्जी फर्में खोलीं हुई थी, जिनके नाम पर 400 से अधिक करंट अकाउंट भी खोले हुए था. इस फर्जीवाड़े का जाल दुबई तक फैला है. गिरोह से जुड़े बाकी सदस्योंं की तलाश की जा रही है. दिल्ली पुलिस के द्वारका जिले की स्पेशल सेल (आईएफएसओ) डीसीपी डॉ. हेमन्त तिवारी के मुताबिक, विशाल सोढ़ी, निवासी मोहन गार्डन, उत्तम नगर (नई दिल्ली) की ओर से आईएफएसओ (Intelligence Fusion & Strategic Operations) को 17 जनवरी, 2024 को शिकायत प्राप्त हुई थी.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि उनके साथ ट्रेडिंग ऐप सीएचसी-एसईएस के जरिए निवेश के बहाने धोखाधड़ी हुई है. इसके अलावा ट्रेडिंग ऐप सीएचसी-एसईएस की ओर से इसी तरह की धोखाधड़ी की शिकायत मनोज कुमार, राजबीर यादव और शैलेन्द्र कुमार से भी प्राप्त हुईं. इनकी तरफ से आरोप लगाए गए कि उनको व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ा गया था, जहां 'हाई रिटर्न के लिए ट्रेडिंग में निवेश कैसे करें' के बारे में ऑनलाइन ट्यूटोरियल दिए गए थे.
शिकायतकर्ताओं को उनके संबंधित बैंक खातों के माध्यम से 2.38 करोड़ रुपये की कई कंपनियों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया गया था. इन सब शिकायतों के आधार पर 16 फरवरी, 2024 को स्पेशल सेल थाना, नई दिल्ली में धारा 419/420/120बी आईपीसी और 66सी, 66डी आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और जांच शुरू की गई. जांच के दौरान पाया गया कि गैंग के पास 25 अलग-अलग बैंक अकाउंट्स हैं. इनमें शिकायतकर्ताओं को साइबर जालसाजों की ओर से ठगी गई राशि को इन्वेस्टमेंट में मोटा रिटर्न का प्रभोलन देने के नाम पर जमा करवाया गया था.
इस पूरे मामले की जांच का जिम्मा आईएफएसओ/स्पेशल सेल, द्वारका के एसीपी संजीव कुमार के निरीक्षण में इंस्पेक्टर सतीश कुमार के नेतृत्व में गठित टीम को सौंपा गया. जांच के दौरान एक आरोपी मुनीश शर्मा जो संदिग्ध मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहा था और उसने कथित जीमेल आईडी nkusinghrsom@gmail.com पर भी लॉग इन किया. यह कथित बैंक अकाउंट्स से जुड़ा था. टेक्नीकल सर्विलांस के आधार पर इसका पता लगाया गया और डिजिटल फ़ुटप्रिंट्स का पालन किया गया. इसके बाद टीम ने मुनीश के ठिकाने पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार कर लिया. इसके अलावा उसकी निशानदेही पर इस अपराध में सक्रिय 8 और सह-आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया.
डीसीपी के मुताबिक, मामले की जांच के दौरान पता चला कि आरोपी गौरव कुमार, मुनीश शर्मा, विकास बंसल और तुषार समाज के गरीब तबके के लोगों को अच्छी रकम और कमीशन का लालच देकर उनके नाम पर अकाउंट खोलने को राजी करते थे. उनके अकाउंट में जमा होने वाली राशि पर अच्छा कमीशन देने की पेशकश कर उनका भरोसा जीतते थे. आरोपी व्यक्तियों ने उनके आधार कार्ड, पैन कार्ड और अन्य केवाईसी दस्तावेज भी एकत्र किए और ऐसे लोगों के नाम पर फर्जी फर्में बनाईं.
इस मामले की जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी विकास बंसल और उसके सहयोगियों मनोज बंसल, तुषार गर्ग और अन्य ने 400 से अधिक फर्जी फर्में खोलीं और इन फर्मों से जुड़े 400 से अधिक चालू बैंक खाते भी खोले गए. आरोपी व्यक्ति इन बैंक खातों का उपयोग बड़े पैमाने पर ठगी गई रकम को निकालने के लिए करते थे. इसके अलावा इन फर्मों का उपयोग जीएसटी चोरी और अन्य उद्देश्यों के लिए भी किया जाता है. जांच के दौरान यह पाया गया कि उन्होंने रिंकू सिंह के नाम पर विकास कुंज, मोहन गार्डन, उत्तम नगर में पंजीकृत आरएस ट्रेडिंग और दिल्ली के नया बाजार, सदर बाजार में रचना के नाम पर पंजीकृत एएम सर्विसेज जैसी कथित फर्जी फर्में भी बनाई गईं.
उन्होंने आरएस ट्रेडिंग के नाम पर 11 चालू खाते और एएम सर्विसेज के नाम पर 1 चालू खाते भी खोले. दोनों फर्मों के चालू खातों का उपयोग शिकायतकर्ताओं से धोखाधड़ी की गई राशि एकत्र करने के लिए किया गया है. जांच पड़ताल के दौरान यह भी पता चला कि आरोपी व्यक्तियों ने इन फर्जी फर्मों को पंजीकृत करने के लिए दिल्ली में कई जगहों पर परिसर किराए पर लिए थे. इसके बाद उन्होंने साइबर धोखाधड़ी में इन बैंक खातों का इस्तेमाल करने के लिए इन खातों से जुड़े एटीएम कार्ड और मोबाइल सिम सहित इन बैंकिंग क्रेडेंशियल्स को दुबई में अपने काउंटरपार्टस को बेच दिया.
इस पूरे मामले में जिन 9 लोगों की गिरफ्तारी की गई है उसमें मुनीश शर्मा (37)पश्चिम विहार, गौरव शर्मा (34) इर्स्ट सागरपुर, परमजीत उर्फ पम्मी उर्फ रिंकू (27) निवासी थाना जाफरपुर (दिल्ली), राम कुमार रमन पुत्र (32) अर्जुन यादव निवासी विष्णु गार्डन तिलक नगर, विकास बंसल (52) निवासी विजय नगर , तुषार गर्ग (30) निवासी विजय नगर ,मनोज बंसल (50) निवासी प्रताप चंद बंसल निवासी सिकंद्राबाद, राजेश कुमार गोयल (57) निवासी ब्लॉक सी वसुंधरा (गाजियाबाद) और रचना (26) निवासी खजूरी खास (दिल्ली) प्रमुख रूप से शामिल हैं.
इस गोरखधंधे में संलिप्त बाकी सहयोगियों को गिरफ्तार करने के लिए अकाउंट्स आदि को भी खंगालने का काम किया जा रहा है. पुलिस टीम ने इन गिरफ्तार आरोपियों के कब्जे से 84 मोबाइल फ़ोन, 250 सिम कार्ड, 2 लैपटॉप, 4 चेक बुक, 5 मतदाता पहचान पत्र, 28 एटीएम कार्ड और कथित फर्म आरएस ट्रेडिंग की 1 बुकलेट भी बरामद की है.
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डीसीपी डॉ. हेमन्त तिवारी के मुताबिक इस गिरोह के मास्टरमाइंड मुनीश शर्मा (27) समेत 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस गिरोह से जुड़े अन्य सहयोगियों की तलाश भी की जा रही है जोकि अकाउंट डिटेल्स आदि का ब्यौरा लेने का काम करते थे. इन सभी की पता लगाने की कार्रवाई की जा रही है और कई जगहों पर लगातार छापेमारी भी की जा रही है. उन्होंने जनता से अपील भी कि वो कम समय में अधिक रिटर्न देने वाले फर्जी निवेश योजनाओं के झांसे में नहीं आए. साथ ही बगैर वेरिफाइड लिंक पर क्लिक नहीं करें और ना ही असत्यापित व्हाट्स ऐप ग्रुप के मैंबर बनें.
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