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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, रेलवे से मांगा जवाब - NEW DELHI RAILWAY STATION STAMPEDE

दिल्ली हाईकोर्ट ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर रेलवे से जवाब मांगा.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामला
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़ मामला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 19, 2025, 4:41 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के संबंध में रेलवे से जवाब मांगा है, जिसके परिणामस्वरूप 18 लोगों की जान चली गई थी. चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने अधिकतम यात्रियों और प्लेटफार्म टिकट तय करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे को नोटिस जारी किया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.

हाईकोर्ट ने रेलवे से कहा कि आप अधिकतम यात्रियों और प्लेटफार्म टिकट की बिक्री तय करने पर विचार करें. कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया कि वे ऐसे भगदड़ से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराएं. सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसे एक प्रतिकूल तरीके से नहीं लिया जाए, रेलवे नियमों का पालन करने के लिए बाध्य है.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हादसे के दिन अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई थी. उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिया कि याचिका में उठाए गए सवालों पर रेलवे उच्च स्तर पर विचार करेगा. तब कोर्ट ने कहा कि याचिका केवल हालिया भगदड़ से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि रेलवे कंपार्टमेंट के अंदर यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफार्म टिकट के कानूनी प्रावधानों से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने कहा कि अगर कानूनी प्रावधानों को लागू किया गया होता तो शायद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की नौबत नहीं आती.

बता दें, याचिका लॉ छात्रों के एक समूह ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आदित्य त्रिवेदी और शुभी पास्टर ने कहा कि रेलवे प्रशासन ने रेलवे एक्ट की धारा 57 और 147 का उल्लंघन किया है. धारा 57 में कहा गया है कि रेलवे प्रशासन को हर रेलवे कंपार्टमेंट में यात्रियों की अधिकतम संख्या तय करनी होगी. धारा 147 के तहत किसी व्यक्ति के पास यात्री टिकट नहीं होने की स्थिति में प्लेटफार्म टिकट उपलब्ध कराने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया है कि प्रयागराज कुंभ के लिए रेलवे को इन नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.

ये भी पढ़ें:

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  4. नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर क्यों मची भगदड़, कहां थे रेलवे अफसर?, ये गलतियां बचा सकती थी 18 जिंदगियां

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर एक जनहित याचिका (पीआईएल) के संबंध में रेलवे से जवाब मांगा है, जिसके परिणामस्वरूप 18 लोगों की जान चली गई थी. चीफ जस्टिस डीके उपाध्याय की अध्यक्षता वाली बेंच ने अधिकतम यात्रियों और प्लेटफार्म टिकट तय करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए रेलवे को नोटिस जारी किया. अब इस मामले की अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.

हाईकोर्ट ने रेलवे से कहा कि आप अधिकतम यात्रियों और प्लेटफार्म टिकट की बिक्री तय करने पर विचार करें. कोर्ट ने रेलवे को निर्देश दिया कि वे ऐसे भगदड़ से निपटने के लिए उठाए गए कदमों से अवगत कराएं. सुनवाई के दौरान रेलवे की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि इसे एक प्रतिकूल तरीके से नहीं लिया जाए, रेलवे नियमों का पालन करने के लिए बाध्य है.

सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हादसे के दिन अप्रत्याशित स्थिति पैदा हो गई थी. उन्होंने कोर्ट को भरोसा दिया कि याचिका में उठाए गए सवालों पर रेलवे उच्च स्तर पर विचार करेगा. तब कोर्ट ने कहा कि याचिका केवल हालिया भगदड़ से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि रेलवे कंपार्टमेंट के अंदर यात्रियों की अधिकतम संख्या और प्लेटफार्म टिकट के कानूनी प्रावधानों से जुड़ा हुआ है. कोर्ट ने कहा कि अगर कानूनी प्रावधानों को लागू किया गया होता तो शायद नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ की नौबत नहीं आती.

बता दें, याचिका लॉ छात्रों के एक समूह ने दायर किया है. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील आदित्य त्रिवेदी और शुभी पास्टर ने कहा कि रेलवे प्रशासन ने रेलवे एक्ट की धारा 57 और 147 का उल्लंघन किया है. धारा 57 में कहा गया है कि रेलवे प्रशासन को हर रेलवे कंपार्टमेंट में यात्रियों की अधिकतम संख्या तय करनी होगी. धारा 147 के तहत किसी व्यक्ति के पास यात्री टिकट नहीं होने की स्थिति में प्लेटफार्म टिकट उपलब्ध कराने का प्रावधान है. याचिका में कहा गया है कि प्रयागराज कुंभ के लिए रेलवे को इन नियमों का पालन करना चाहिए, ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके.

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