लखनऊ:उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (Uttar Pradesh Public Service Commission) की तरफ से मंगलवार को जारी हुए पीसीएस परीक्षा के परिणाम में मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत विभिन्न जिलों में संचालित कोचिंग में पढ़ रहे 19 अभ्यर्थियों ने सफलता प्राप्त कर उपज़िलाधिकारी, डिप्टी एसपी, डिप्टी जेलर, ट्रेजरी ऑफिसर, सब रजिस्ट्रार बने हैं. वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय के 4 विद्यार्थियों ने भी सफलता पाई है.
मंत्री ने सफल अभ्यर्थियों को दी बधाईःसमाज कल्याण मंत्री असीम अरुण ने इस परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों को सफलता हेतु बधाई देते हुए उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी है. उन्होंने कहा कि समाज कल्याण विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के युवाओं को समान अवसर प्रदान करने एवं विभिन्न सेवाओं के चयन में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में संचालित की जा रही है. जिसमें ग्रामीण परिवेश से जुड़े, आर्थिक रूप से पिछड़े एवं संसाधनों के अभाव में भी लक्ष्य के प्रति समर्पित उत्साही छात्रों को निःशुल्क कोचिंग की सुविधा प्रदान की जाती है. साथ ही विभाग द्वारा संचालित निःशुल्क आवासीय सुविधायुक्त परीक्षा पूर्व प्रशिक्षण केंद्रों में भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए मार्गदर्शन और प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है. साथ ही सभी अभ्यर्थियों को ई-कंटेंट भी उपलब्ध कराए जाते हैं. साथ ही मेंस की परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का मॉक इंटरव्यू भी ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन माध्यम से दिया जाता है.
लखनऊ विश्वविद्यालय के 4 विद्यार्थियों ने पाई सफलता
वहीं, लखनऊ विश्वविद्यालय चार छात्रों ने भी पीसीएस की परीक्षा में सफल हुए हैं. विश्वविद्यालय के मध्यकालीन और आधुनिक इतिहास के छात्र दीपक सिंह डिप्टी कलेक्टर, भूगोल की आकांक्षा गुप्ता डीएसपी, राजनीति विज्ञान की दीप्ति त्रिपाठी को मालकर अधिकारी और प्राणीशास्त्र की रिया सिन्हा को लेखाधिकारी बनी हैं. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आलोक कुमार राय ने कहा कि "यूपीपीएससी परीक्षाओं में हमारे छात्रों की सफलता लखनऊ विश्वविद्यालय के लिए बेहद गर्व का क्षण है. यह अकादमिक प्रतिबद्धता, हमारे संकाय, और हमारे छात्रों के समर्पण का एक प्रमाण है. यूपीपीएससी परीक्षा में 20वीं रैंक हासिल करने वाले दीपक सिंह ने कहा कि 'लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा प्रदान किए गए समर्थन और मार्गदर्शन के कारण ही इस परीक्षा में सफलता प्राप्त कर पाया हूं. यहां के शिक्षकों के मार्गदर्शन और व्यापक पाठ्यक्रम, समर्पित संकाय और उपलब्ध संसाधन कैंपस ने मेरी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. यह उपलब्धि सिर्फ मेरी नहीं है बल्कि विश्वविद्यालय में मुझे मिली उत्कृष्ट शिक्षा का प्रतिबिंब है.'