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'भगवान जाने कितनी चप्पलें, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं', महाकुंभ हादसे पर BJP पर भड़के अखिलेश यादव - MAHAKUMBH STAMPEDE

अखिलेश यादव ने महाकुंभ में मची भगदड़ को लेकर भारतीय जनता पार्टी को घेरा और सरकार पर आंकड़े छुपाने का आरोप लगाया.

Akhilesh Yadav
संसद में बोलते अखिलेश यादव (ANI)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Feb 4, 2025, 1:01 PM IST

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में मरने वालों की वास्तविक संख्या छिपा रही है. बजट सत्र के दौरान लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़े जारी करने की मांग भी की.

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त नहीं किया. जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया. ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते..."

'भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं'
अखिलेश यादव ने कहा, "जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर उन पर फूल बरसाए. ये कैसी सनातनी परंपरा है?... भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया. कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया. सब कुछ छिपाने के लिए."

सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा, "सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है.वह महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और लॉस्ट-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए."

संसद में आंकड़े पेश किए जाएं
महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले. हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई गलती नहीं थी तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?..."

'सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही'
बता दें कि उनकी यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा बार-बार किए जा रहे दावों के बीच आई है कि भगदड़ के बाद सैकड़ों लोग लापता हैं. इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने मंगलवार को कहा कि घटना के बाद से 15,000 लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के लापता होने की सूचना दी है और सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है.

वहीं, एकजुट विपक्ष ने सोमवार को 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए चल रहे बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों को बाधित किया. बता दें कि कुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई थी.

यह भी पढ़ें- सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ रांची के थाने में शिकायत ,राष्ट्रपति से जुड़ा है मामला

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी (SP) के प्रमुख अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि सरकार 29 जनवरी को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेले में मची भगदड़ में मरने वालों की वास्तविक संख्या छिपा रही है. बजट सत्र के दौरान लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए अखिलेश यादव ने महाकुंभ में हुई भगदड़ में हुई मौतों के आधिकारिक आंकड़े जारी करने की मांग भी की.

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, "उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने शोक व्यक्त नहीं किया. जब देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने शोक व्यक्त किया तो 17 घंटे बाद (राज्य) सरकार ने इसे स्वीकार किया. ये वो लोग हैं जो आज भी सच्चाई को स्वीकार नहीं कर सकते..."

'भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं'
अखिलेश यादव ने कहा, "जब पता चला कि कुछ लोगों की जान चली गई है, उनके शव शवगृह और अस्पताल में पड़े हैं, तो सरकार ने अपने सरकारी हेलीकॉप्टर में फूल भरकर उन पर फूल बरसाए. ये कैसी सनातनी परंपरा है?... भगवान जाने कितने चप्पल, कपड़े और साड़ियां पड़ी थीं और उन सबको जेसीबी मशीन और ट्रैक्टर ट्रॉली से उठवाया गया. कोई नहीं जानता कि उन्हें कहां फेंका गया. सब कुछ छिपाने के लिए."

सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की
समाजवादी पार्टी के सांसद ने कहा, "सरकार लगातार बजट के आंकड़े दे रही है.वह महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े भी दे. मैं मांग करता हूं कि महाकुंभ की व्यवस्थाओं पर स्पष्टीकरण के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई जाए. महाकुंभ आपदा प्रबंधन और लॉस्ट-पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए."

संसद में आंकड़े पेश किए जाएं
महाकुंभ हादसे में हुई मौतों, घायलों के इलाज, दवाइयों, डॉक्टरों, भोजन, पानी, परिवहन की उपलब्धता के आंकड़े संसद में पेश किए जाएं. महाकुंभ त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई हो और सच्चाई छिपाने वालों को सजा मिले. हम डबल इंजन की सरकार से पूछते हैं कि अगर कोई गलती नहीं थी तो आंकड़े क्यों दबाए गए, छिपाए गए और मिटाए गए?..."

'सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही'
बता दें कि उनकी यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी के नेताओं द्वारा बार-बार किए जा रहे दावों के बीच आई है कि भगदड़ के बाद सैकड़ों लोग लापता हैं. इससे पहले समाजवादी पार्टी के सांसद राम गोपाल यादव ने मंगलवार को कहा कि घटना के बाद से 15,000 लोगों ने अपने परिवार के सदस्यों के लापता होने की सूचना दी है और सरकार कोई जानकारी नहीं दे रही है.

वहीं, एकजुट विपक्ष ने सोमवार को 29 जनवरी के महाकुंभ भगदड़ पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए चल रहे बजट सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों को बाधित किया. बता दें कि कुंभ में मची भगदड़ में 30 लोगों की जान चली गई थी.

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