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डेब्यू टेस्ट में आकाशदीप सिंह ने गेंद से बरपाया कहर, संघर्षों से भरी है बिहार के लाल की कहानी - Akash Deep Debut

Akash Deep Singh : रांची टेस्ट में इंग्लैंड के खिलाफ आकाशदीप सिंह ने नई गेंद से भारत को शानदार शुरुआत दिलाई है. उन्होंने अपने पहले ही स्पेल में 24 रन देकर तीन विकेट झटके. आखिर कौन हैं आकाशदीप, जिन्होंने अपनी आग उगलती हुई गेंदों से इंग्लैंड के खिलाड़ियों का वेलकम किया है और क्या है आकाशदीप बिहार कनेक्शन? पढ़ें पूरी खबर

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Feb 23, 2024, 3:55 PM IST

Updated : Feb 23, 2024, 4:45 PM IST

रोहतास:रांची में भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का चौथा टेस्ट मैच खेला जा रहा है. इस टेस्ट मैच में बिहार के लाल आकाशदीप सिंह को मौका मिला है. आकाशदीप के लिए रांची टेस्ट ड्रीम डेब्यू साबित हुआ है. बंगाल के लिए घरेलू क्रिकेट खेलने वाले आकाशदीप ने रांची टेस्ट में लंच से पहले अपनी धारदार गेंदबाजी की बदौलत तीन खिलाड़ियों को पवेलियन भेजा.

आकाशदीप के लिए ड्रीम डेब्यू साबित हुआ रांची टेस्ट : बिहार के रोहतास जिले के शिवसागर प्रखंड के बड्डी गांव के रहने वाले आकाशदीप सिंह (27) को रांची टेस्ट में तेज गेंदबाज जसप्रीम बुमराह की जगह खेलने का मौका मिला. लेकिन आकाशदीप ने इस टेस्ट में बुमराह की कमी खलने नहीं दी और टीम इंडिया को अच्छी शुरुआत दिलाई. उन्होंने अपने पहले ही स्पेल में 24 रन देकर तीन विकेट झटके.

पहले स्पेल में झटके तीन विकेट :आकाशदीप सिंह ने अपनी आग उलगती गेंद से पहले दोनों सलामी बल्लेबाज बेन डकेट (11) और जैक क्रॉली (42) को पवेलियन भेजा. इसके बाद अगले बल्लेबाज ओली पोप को शून्य के स्कोर पर चलता किया. इससे पहले आकाशदीप ने अपने दूसरे ही ओवर में जैक क्राली को बोल्ड किया था, लेकिन अंपायर ने उसे नो बॉल करार दिया था.

बड्डी गांव में जश्न का माहौल :रांची टेस्ट में आकाशदीप की धारदार गेंदबाजी से उनके बड्डी गांव में जश्न का माहौल है. गांव के खेत-खलिहानों में क्रिकेट खेलने वाले लड़कों में काफी खुशी है. क्योंकि इन्हीं खेत-खलिहानों में आकाशदीप क्रिकेट खेलकर आज उस मुकाम पर पहुंचे हैं. उनके दोस्तों का कहना है कि उन्होंने भारतीय टीम में स्थान बनाकर और पहले ही मैच में ऐसा प्रदर्शन कर गांव का नहीं देश का नाम रोशन किया है.

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''पहले विश्वास था कि आकाश भैया जरूर देश का नाम रोशन करेंगे. अब उन लोगों के बीच भी आशा की किरण जगी है कि वह लोग भी कभी ना कभी उनकी तरह मुकाम हासिल करेंगे. रांची में हो रहे इंडिया और इंग्लैंड के टेस्ट सीरीज में आकाश भैया को आज मैच खेलते देखा उन्होंने तीन विकेट झटके, देख कर बहुत खुशी हुई. हम लोगों को मलाल है कि रांची नहीं जा सके, अगली बार मौका मिला तो जरूर जाएंगे.''- चंदन कुमार, आकाशदीप के दोस्त

आकाशदीप की दीवार पर फोटो.

''उम्मीद ही नहीं पूरा विश्वास था कि आकाशदीप भैया रांची में होने वाले टेस्ट सीरीज में अपनी कामयाबी का झंडा जरूर गाड़ेंगे, और हुआ कुछ ऐसा ही, पूरे गांव में खुशी की लहर है. हम लोग जश्न मना रहे हैं, यहां क्रिकेट खेलकर खुशी का इजहार कर रहे हैं.''- बिपिन सिंह, बचपन के दोस्त

दाएं हाथ के मिडियम पेसर हैं आकाशदीप : बता दें कि दाएं हाथ के पेसर आकाशदीप सिंह को एशियन गेम्स और साउथ अफ्रिका टूर (वनडे) के लिए चुना गया था, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला था. इससे पहले आकाशदीप ने इंडिया ए की ओर से खेलते हुए इंग्लैड लॉयंस के खिलाफ टेस्ट मैच में सर्वाधिक 13 विकेट चटकाए थे और सेलेक्टर्स को प्रभावित किया था. आकाशदीप आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रह चुके हैं.

2019 में किया वादा.. आज पूरा किया :इससे पहले साल 2019 में आकाशदीप को राजस्थान रॉयल्स ने 15 लाख में खरीदा था. उस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा था कि, मेहनत और लगन से इस मुकाम तक पहुंचे हैं और अपनी मिट्टी और देश का नाम एक दिन जरूर रोशन करेंगे. पांच साल बाद आकाशदीप टीम इंडिया में शामिल हुए और साबित कर दिया 'इस खिलाड़ी में दम है.'

संघर्षों से भरी है आकाशदीप की कहानी : रोहतास में जन्मे आकाशदीप को छोटी उम्र से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. लेकिन संसाधनों का अभाव और घर की परेशानियों के कारण उन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा. उनके पिता ने भी उनके इस सफर में ज्यादा योगदान नहीं दिया, क्योंकि दिल का दौरा पड़ने के कारण पिता कि मुत्यु हुई. उसके दो महीने बाद उनके भाई का भी निधन हो गया. पिता चाहते थे कि बेटा सरकारी नौकरी करें, लेकिन आकाशदीप ने क्रिकेट खेलना नहीं छोड़ा.

'कहते थे, आकाश से दूर रहो.. बिगड़ जाओगे' : आकाशदीप के दोस्त बताते हैं कि ''गांव के लोग उन्हें ताने देते थे, अपने बच्चे से कहते थे कि दिन भर बल्ला लेकर इधर उधर भटकता है, उसके साथ मत रहो, तुम भी बर्बाद हो जाओगे. फिर भी आकाशदीप ने हिम्मत नहीं हारी. 2010 में उन्होंने घर छोड़ने का फैसला किया और बंगाल शिफ्ट हो गए. यहां उनके चाचा ने आकाशदीप की मदद की और क्रिकेटर बनने के लिए प्रेरित किया.''

रोहतास का बड्डी गांव, आकाशदीप का सफर : साउथ अफ्रीका टूर पर जाने से पहले आकाशदीप अपने बड्डी गांव गांव आए थे. इस दौरान ईटीवी भारत से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि बिहार में उनका चयन नहीं हुआ था, जिसके बाद उन्होंने बंगाल से खेलना शुरू किया. बंगाल में रणजी ट्राफी और प्रथम श्रेणी मैंचों में अच्छा प्रदर्शन करते रहे. इसके बाद साल 2019 में आईपीएल फ्रेंचाइजी की नजर उन पर पड़ी और राजस्थान ने उन्हें खरीदा था.

मुश्ताक अली ट्रॉफी से टीम इंडिया तक :आकाशदीप ने 9 मार्च 2019 को सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में बंगाल के लिए अपना 20-20 डेब्यू किया था. आकाशदीप एक फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर है, जो निचले क्रम में बड़े शॉट्स लगाने के लिए जाने जाते हैं. आकाशदीप ने 29 मैचों में 103 विकेट भी चटकाए है. बता दें कि आज जब टीम इंडिया के कोच राहुल द्रविड़ से डेब्यू कैप मिला तो सबसे पहले आकाशदीप अपने मां लड्डूमा देवी के पास पहुंचे और उनके पैर छूकर आशिर्वाद लिया.

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"बचपन से खेत में क्रिकेट खेल कर बड़ा हुआ. उस वक्त यहां खेल का मैदान नहीं था. बसे उसे जुनून था क्रिकेट खेलने का. वो कहता था मैं एक दिन टीम इंडिया में खेलूंगा. मेरा आशिर्वाद मेरे बेटे के साथ हमेशा रहेगा. आज मुझे अपने बेटे पर गर्व है."- लड्डूमा देवी, आकाशदीप की मां

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Last Updated : Feb 23, 2024, 4:45 PM IST

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