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CAA की वजह से 39 साल बाद मिली भारतीय नागरिकता, बोलीं- 'बांग्लादेशी बोलकर लोग मारते थे ताने' - SUMITRA PRASAD

बिहार में पहली बार किसी विदेशी नागरिक को भारतीय नागरिकता दी गई है. सुमित्रा प्रसाद 39 साल से भोजपुर में रह रही थी.

परिवार के साथ भोजपुर की सुमित्रा प्रसाद
परिवार के साथ भोजपुर की सुमित्रा प्रसाद (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 5, 2025, 8:04 PM IST

Updated : Jan 5, 2025, 9:02 PM IST

भोजपुर. देश में सीसीए लागू होने के बाद बिहार में पहली बार एक विदेशी महिला को भारतीय नागरिकता मिली है. आरा की रहने वाली इस महिला ने भारतीय नागरिकता के लिए 39 वर्षों का लंबा इंतजार किया. महिला पिछले करीब 39 वर्षों से आरा शहर के चित्रटोली रोड में वीजा लेकर रह रही थी लेकिन अब महिला को भारतीय नागरिकता मिल चुका है.

1985 के बाद कभी बांग्लादेश नहीं गई: सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा को इंडिया में उन्हें रहने के लिए बार-बार वीजा को रिन्यूअल कराना पड़ता था. आरा की रहने वाली महिला सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा ने बताया कि जब वह 5 वर्ष की थी तब अपनी बुआ के घर बांग्लादेश गई थी. उस समय बांग्लादेश का विभाजन नहीं हुआ था. जहां उन्होंने बुआ के घर रहकर पढ़ाई पूरी की और 1985 में भारत आ गई. सुमित्रा 1985 के बाद कभी बांग्लादेश लौट कर नहीं गई.

भोजपुर की सुमित्रा प्रसाद को मिली भारतीय नागरिकता (ETV Bharat)

39 वर्षों बाद मिली भारत की नागरिकता: सुमित्रा रानी साहा ने बताया कि भारत लौटने के बाद वो बिहार के कटिहार जिले में अपने पिता के पास गई. जहां 10 मार्च 1985 को आरा शहर के चित्रटोली रोड में उनकी शादी परमेश्वर प्रसाद से हुई. उसके बाद से ही सुमित्रा आरा में अपने परिवार के साथ रहने लगी. सुमित्रा रानी साहा को तीन बेटी प्रियंका प्रसाद, प्रियदर्शिनी और ऐश्वर्या हुई.

"मुझे भारत की नागरिकता मिल गया है और मैं बहुत खुश हूं. इतनी खुशी है कि कल से खाना भी नहीं खा पा रहे है. मैं मोदी सरकार को बहुत धन्यवाद देती हूं. जिनकी वजह से मुझे भारतीय नागरिकता मिल सका." - सुमित्रा प्रसाद

हर साल वीजा के लिए होती थी परेशानी: उन्होंने बताया कि 2010 में बैक बोन कैंसर की वजह से सुमित्रा रानी साहा के पति परमेश्वर प्रसाद की मृत्यु हो गई. इस दौरान सुमित्रा रानी साहा को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सुमित्रा वीजा लेकर यहां रह रही थीं. हर साल वीजा के लिए इन्हें परेशान होना पड़ता था. इन 39 वर्षों में बहुत बार वीजा के लिए भटकना पड़ा.

भोजपुर में परिवार के साथ सुमित्रा प्रसाद
भोजपुर में परिवार के साथ सुमित्रा प्रसाद (ETV Bharat)

बांग्लादेशी बोलकर चिढ़ाते थे: उन्होंने कहा कि मोहल्ले में भी कई लोग उन्हें बार बार बांग्लादेश जाने के लिए बोलते थे. वहीं 2023 में वीजा में देरी होने के कारण टाउन थाना में बुलाकर पुलिस वाले भी आते थे और कहते थे कि आप बांग्लादेश चले जाइए. आपका यहां पर कुछ भी नहीं है, लेकिन हमने हार नहीं मानी और लड़ाई जारी रखी.

महिला ने मोदी सरकार को दिया धन्यवाद: नागरिकता संशोधन कानून में किया आवेदन: नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पता चलने के बाद सुमित्रा की बेटी ऐश्वर्या प्रसाद ने सीएए के लिए आवेदन दिया. इस बीच उन्हें वीजा का एक्सटेंशन भी तीन साल का मिल गया. अक्टूबर 2024 से ही ऐश्वर्या CAA के लिए आवेदन किया. दरअसल भारत आने के बाद से ही ये परिवार संघर्षों से भरा जीवन जी रहा था. वहीं भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सुमित्रा का परिवार काफी खुश है. सुमित्रा प्रसाद इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

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भोजपुर. देश में सीसीए लागू होने के बाद बिहार में पहली बार एक विदेशी महिला को भारतीय नागरिकता मिली है. आरा की रहने वाली इस महिला ने भारतीय नागरिकता के लिए 39 वर्षों का लंबा इंतजार किया. महिला पिछले करीब 39 वर्षों से आरा शहर के चित्रटोली रोड में वीजा लेकर रह रही थी लेकिन अब महिला को भारतीय नागरिकता मिल चुका है.

1985 के बाद कभी बांग्लादेश नहीं गई: सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा को इंडिया में उन्हें रहने के लिए बार-बार वीजा को रिन्यूअल कराना पड़ता था. आरा की रहने वाली महिला सुमित्रा प्रसाद उर्फ रानी साहा ने बताया कि जब वह 5 वर्ष की थी तब अपनी बुआ के घर बांग्लादेश गई थी. उस समय बांग्लादेश का विभाजन नहीं हुआ था. जहां उन्होंने बुआ के घर रहकर पढ़ाई पूरी की और 1985 में भारत आ गई. सुमित्रा 1985 के बाद कभी बांग्लादेश लौट कर नहीं गई.

भोजपुर की सुमित्रा प्रसाद को मिली भारतीय नागरिकता (ETV Bharat)

39 वर्षों बाद मिली भारत की नागरिकता: सुमित्रा रानी साहा ने बताया कि भारत लौटने के बाद वो बिहार के कटिहार जिले में अपने पिता के पास गई. जहां 10 मार्च 1985 को आरा शहर के चित्रटोली रोड में उनकी शादी परमेश्वर प्रसाद से हुई. उसके बाद से ही सुमित्रा आरा में अपने परिवार के साथ रहने लगी. सुमित्रा रानी साहा को तीन बेटी प्रियंका प्रसाद, प्रियदर्शिनी और ऐश्वर्या हुई.

"मुझे भारत की नागरिकता मिल गया है और मैं बहुत खुश हूं. इतनी खुशी है कि कल से खाना भी नहीं खा पा रहे है. मैं मोदी सरकार को बहुत धन्यवाद देती हूं. जिनकी वजह से मुझे भारतीय नागरिकता मिल सका." - सुमित्रा प्रसाद

हर साल वीजा के लिए होती थी परेशानी: उन्होंने बताया कि 2010 में बैक बोन कैंसर की वजह से सुमित्रा रानी साहा के पति परमेश्वर प्रसाद की मृत्यु हो गई. इस दौरान सुमित्रा रानी साहा को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. सुमित्रा वीजा लेकर यहां रह रही थीं. हर साल वीजा के लिए इन्हें परेशान होना पड़ता था. इन 39 वर्षों में बहुत बार वीजा के लिए भटकना पड़ा.

भोजपुर में परिवार के साथ सुमित्रा प्रसाद
भोजपुर में परिवार के साथ सुमित्रा प्रसाद (ETV Bharat)

बांग्लादेशी बोलकर चिढ़ाते थे: उन्होंने कहा कि मोहल्ले में भी कई लोग उन्हें बार बार बांग्लादेश जाने के लिए बोलते थे. वहीं 2023 में वीजा में देरी होने के कारण टाउन थाना में बुलाकर पुलिस वाले भी आते थे और कहते थे कि आप बांग्लादेश चले जाइए. आपका यहां पर कुछ भी नहीं है, लेकिन हमने हार नहीं मानी और लड़ाई जारी रखी.

महिला ने मोदी सरकार को दिया धन्यवाद: नागरिकता संशोधन कानून में किया आवेदन: नागरिकता संशोधन कानून के बारे में पता चलने के बाद सुमित्रा की बेटी ऐश्वर्या प्रसाद ने सीएए के लिए आवेदन दिया. इस बीच उन्हें वीजा का एक्सटेंशन भी तीन साल का मिल गया. अक्टूबर 2024 से ही ऐश्वर्या CAA के लिए आवेदन किया. दरअसल भारत आने के बाद से ही ये परिवार संघर्षों से भरा जीवन जी रहा था. वहीं भारतीय नागरिकता मिलने के बाद सुमित्रा का परिवार काफी खुश है. सुमित्रा प्रसाद इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया.

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Last Updated : Jan 5, 2025, 9:02 PM IST
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