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पटना में ब्लैक फंगस के 14 नए मरीज मिले, बिहार में कुल संक्रमितों की संख्या 30 के पार

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Published : May 16, 2021, 9:33 AM IST

बिहार में ब्लैक फंगस के मामले अब लगातार मिल रहे हैं. शनिवार को पटना में 14 नए मरीज मिले. 8 लोगों को एम्स में भर्ती कराया गया है. बता दें कि बिहार में अब तक दो लोगों की ब्लैक फंगस से मौत भी हो चुकी है.

ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस

पटना: प्रदेश में ब्लैक फंगस का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है. कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में यह मामला अधिक देखा जा रहा है. शनिवार को ब्लैक फंगस के पटना में 14 नए मरीज मिले. जिसमें पटना एम्स में 8 नए मरीज एडमिट हुए. अस्पताल में लगभग 20 के करीब ब्लैक फंगस के इलाजरत मरीजों की संख्या है.

पारस हॉस्पिटल में भी 3 और आईजीआईएमएस में 1 मरीज एडमिट हुए है. पटना एम्स में ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 20 बेड का स्पेशल वार्ड बनाया जा रहा है. इसे सोमवार से शुरू कर दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- पटना AIIMS में 'ब्लैक फंगस' के मरीजों के लिए 20 बेड का वार्ड तैयार, 12 मरीज भर्ती

इनमें दिख रहे हैं सबसे ज्यादा मामले
ऐसे कोरोना मरीज जो डायबिटिक हैं, गंभीर रूप से संक्रमित हुए हैं. इलाज के दौरान एस्ट्रॉयड का अधिक प्रयोग हुआ है. उनमें ब्लैक फंगस का मामला काफी देखने को मिल रहा है.

तेजी से फैलता है संक्रमण
प्रदेश में ब्लैक फंगस से 2 मरीजों की मौत हो गई है. एक मरीज की मौत मुजफ्फरपुर में हुई है. जबकि दूसरे की भागलपुर में हुई है. दोनों लास्ट स्टेज में अस्पताल में पहुंचे थे. ब्लैक फंगस म्यूकर माइकोसिस फंगल इंफेक्शन है. यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. इसका संक्रमण नाक, आंख, फेफड़ा और ब्रेन के साथ स्किन पर भी नजर आता है.

एंटीवायरल दवा है उपलब्ध
राजधानी पटना के दो बड़े निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के काफी मरीज आ रहे हैं. अस्पतालों के प्रबंध का कहना है कि ब्लैक फंगस के लिए जो एंटीवायरल दवा आती है, वह बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही है. इससे इलाज में परेशानी हो रही है. सरकार को चाहिए कि जल्द ही इन दवाओं के आसानी से उपलब्ध कराने की पहल करे.

यह भी पढ़ें- मौसमी ने सकारात्मक रहकर दी कोरोना को मात, ऑक्सीजन लेवल पहुंच गया था 70

यह भी पढ़ें- यह भी पढ़ें- औरंगाबाद: एक ही परिवार के 6 सदस्यों ने घर पर रहकर दी कोरोना को मात

पटना: प्रदेश में ब्लैक फंगस का मामला तेजी से बढ़ता जा रहा है. कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों में यह मामला अधिक देखा जा रहा है. शनिवार को ब्लैक फंगस के पटना में 14 नए मरीज मिले. जिसमें पटना एम्स में 8 नए मरीज एडमिट हुए. अस्पताल में लगभग 20 के करीब ब्लैक फंगस के इलाजरत मरीजों की संख्या है.

पारस हॉस्पिटल में भी 3 और आईजीआईएमएस में 1 मरीज एडमिट हुए है. पटना एम्स में ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए 20 बेड का स्पेशल वार्ड बनाया जा रहा है. इसे सोमवार से शुरू कर दिया जाएगा.

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इनमें दिख रहे हैं सबसे ज्यादा मामले
ऐसे कोरोना मरीज जो डायबिटिक हैं, गंभीर रूप से संक्रमित हुए हैं. इलाज के दौरान एस्ट्रॉयड का अधिक प्रयोग हुआ है. उनमें ब्लैक फंगस का मामला काफी देखने को मिल रहा है.

तेजी से फैलता है संक्रमण
प्रदेश में ब्लैक फंगस से 2 मरीजों की मौत हो गई है. एक मरीज की मौत मुजफ्फरपुर में हुई है. जबकि दूसरे की भागलपुर में हुई है. दोनों लास्ट स्टेज में अस्पताल में पहुंचे थे. ब्लैक फंगस म्यूकर माइकोसिस फंगल इंफेक्शन है. यह शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. इसका संक्रमण नाक, आंख, फेफड़ा और ब्रेन के साथ स्किन पर भी नजर आता है.

एंटीवायरल दवा है उपलब्ध
राजधानी पटना के दो बड़े निजी अस्पतालों में ब्लैक फंगस के काफी मरीज आ रहे हैं. अस्पतालों के प्रबंध का कहना है कि ब्लैक फंगस के लिए जो एंटीवायरल दवा आती है, वह बाजार में उपलब्ध नहीं हो पा रही है. इससे इलाज में परेशानी हो रही है. सरकार को चाहिए कि जल्द ही इन दवाओं के आसानी से उपलब्ध कराने की पहल करे.

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