श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले के बदहाल गांव में दहशत और भय का माहौल है. गांव में अब तक तीन परिवारों के 11 बच्चों समेत 14 लोगों की रहस्यमयी तरीके से मौत हो चुकी है. इसके बाद भी सरकार मौतों के कारणों का पता लगाने में असफल है. गांव में भोजन, पानी और रक्त के नमूनों की गहन जांच के बाद भी सरकार को कोई सुराग नहीं मिल पाया है.
मंगलवार शाम को एक और 6 वर्षीय लड़की की मौत की सूचना मिली, जिससे अब तक मरने वालों की संख्या 14 हो गई है.
केंद्र शासित प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री सकीना इटू ने मंगलवार को श्रीनगर में मीडिया से बात करते हुए कहा, "हमें अभी तक मौतों के कारणों का पता नहीं चल पाया है. पिछले मामलों और ताजा मामलों में विभिन्न परीक्षण किए गए, लेकिन सभी नकारात्मक आए, उनमें मौतों के बारे में कुछ भी नहीं मिला. कारणों का पता लगाने के लिए हम कुछ और परीक्षण कर रहे हैं."
उन्होंने कहा कि बीते दिसंबर में कुछ मामले सामने आए थे, लेकिन उसके बाद कोई मौत नहीं हुई थी. उन्होंने कहा, "9 जनवरी को गांव में कुछ सामाजिक समारोह था, जिसमें सात बच्चे संक्रमित हो गए थे. उनमें से कुछ को जम्मू और राजौरी के अस्पतालों में रेफर किया गया, लेकिन उनमें से कुछ की मौत हो गई."
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बच्चों में बुखार, पसीना आना, उल्टी और निर्जलीकरण के लक्षण थे. इन बच्चों ने परिवार की तरफ से आयोजित एक सामाजिक समारोह में मीठा चावल खाया था.
दिसंबर में नौ लोगों की हुई थी मौत
दिसंबर में रहस्यमय परिस्थितियों में नौ लोगों की मौत हो गई थी, जिनमें ज्यादातर बच्चे थे.
दो दिन पहले छह और बच्चों के अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिनमें से तीन की जम्मू के एक अस्पताल में मौत हो गई और तीन अन्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं. अधिकारियों ने बताया कि दिसंबर में दो परिवारों के सदस्यों की मौत हुई थी, जो एक-दूसरे से संबंधित हैं. सूत्रों ने बताया, "नए मामले भी उसी परिवार से हैं, जो पिछले दो परिवारों से संबंधित है."
बुधल के विधायक जावेद इकबाल चौधरी ने कहा कि बदहाल गांव में कई लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौत उच्च स्तरीय वैज्ञानिक जांच के बावजूद रहस्य बनी हुई है. चौधरी ने कहा, "मैंने लोगों से सतर्क रहने की अपील की है, लेकिन घबराएं नहीं. इन दुखद मौतों के पीछे के कारणों का पता लगाने के लिए चिकित्सा और पुलिस जांच सहित कई स्तरों पर मामले की जांच होगी."
अधिकारियों ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा आक्रामक संपर्क ट्रेसिंग और सैंपलिंग की जा रही है. उन्होंने कहा, "संभावित स्वास्थ्य जोखिमों की पहचान करने और उन्हें दूर करने के लिए मंगलवार को कुल 272 नमूने लिए गए. क्षेत्र में आवश्यक आपूर्ति की गुणवत्ता और सुरक्षा का पता लगाने के लिए रविवार को भोजन और पानी के नमूने पहले ही लिए जा चुके थे."
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