पटना: प्रदेश गंभीर रूप से कोरोना संक्रमण की चपेट में है. संक्रमितों में अब कई स्वस्थ भी हो चुके हैं. अब स्वस्थ होने वालों में ब्लैक फंगस का मामला बढ़ता जा रहा है. रविवार देर रात प्रदेश में ब्लैक फंगस के 8 नए मरीज मिले हैं. इसके अलावा तीन सस्पेक्ट भी मिले हैं. जिन्हें एम्स में एडमिट कराया गया है.
ब्लैक फंगस के 8 मरीजों में पटना एम्स में 2, रूबन हॉस्पिटल में 2, पारस हॉस्पिटल में 2 और एम्स में 2 एडमिट हुए हैं. इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या 42 पहुंच हो गयी है. यह आंकड़ा रोज बढ़ रहा है.
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उपलब्ध हो गया इंजेक्शन
बता दें कि ब्लैक फंगस के इलाज में यूज होने वाले Liposmal amphotericin B की भारी कमी देखी जा रही थी. कई निजी अस्पताल प्रमुख खुलकर इस बात को सरकार के सामने रख रहे थे. ऐसे में रविवार को प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में 6000 वायल Liposmal amphotericin B इंजेक्शन मुहैया करा दिया गया है.
डॉक्टरों का कहना है कि ब्लैक फंगस में चेहरे के एक हिस्से में सूजन और आंखों का बंद होना, साथ ही नाक बंद होना और नाक के नजदीक सूजन होना अभी के समय प्रमुख लक्षण में नजर आ रहा है. ठीक हुए मरीज को इस प्रकार के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो वे नजरअंदाज ना करें. तुरंत चिकित्सीय परामर्श लें.
क्या है ब्लैक फंगस?
भारतीय चिकित्सा विज्ञान परिषद (आईसीएमआर) के मुताबिक, 'ब्लैक फंगस' एक विशेष तरह का फंगस है. यह फंगस शरीर में बहुत तेजी से फैलता है. यह इंफेक्शन उन लोगों में देखने को मिल रहा है जो कि कोरोना संक्रमित होने से पहले किसी दूसरी बीमारी से ग्रस्त है. इसके अलावा यह उन्हीं लोगों में देखने को मिल रहा है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है.
क्या है लक्षण?
यह संक्रमण ज्यादातर उन्हीं मरीजों में देखने को मिला है जो कि डायबिटीज से पीड़ित हैं. ऐसे मरीजों को डायबिटीज पर कंट्रोल रखना चाहिए. विशेषज्ञों के मुताबिक ब्लैक फंगस के कारण सिर दर्द, बुखार, आंखों में दर्द, नाक बंद या साइनस के अलावा देखने की क्षमता पर भी असर पड़ता है.
खतरनाक है ब्लैक फंगस!
इस बीमारी से मस्तिष्क, फेफड़े और त्वचा पर भी असर देखने को मिलता है. इसके कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है. वहीं कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी तक गल जाती है. अगर समय रहते इसका उपचार नहीं किया गया तो तो मरीज की मौत हो जाती है.
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