शिमला: हिमाचल में समोसा विवाद को लेकर सुक्खू सरकार के करीबी सीपीएस संजय अवस्थी ने भाजपा पर पलटवार किया है. उन्होंने पत्रकार वार्ता में कहा कि भाजपा जिस प्रकरण को सोशल मीडिया के माध्यम से जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रही है उससे हिमाचल प्रदेश शर्मसार हुआ है. मुख्यमंत्री का नाम ऐसे प्रकरण में जोड़ा जा रहा है, जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं है. संजय अवस्थी ने भाजपा को अपना कार्यकाल याद दिलाया. उन्होंने कहा हिमाचल में जनमंच के नाम पर 6 करोड़ के फुलकों का बिल बनाया गया था.
इसी तरह से भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल में जनमंच और स्थापना दिवस के नाम पर करोड़ों रुपये की फिजूलखर्ची की थी. वहीं, कर्मचारियों को हजारों करोड़ रुपये का एरियर और डीए नहीं दिया गया जिसका बोझ वर्तमान सरकार पर डाला गया है.
15वें वित्त आयोग के पास पूर्व की भाजपा सरकार ने सही तरह से प्रदेश की पैरवी नहीं की थी जिसका हिमाचल को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है. इसी तरह से धर्मशाला में आयोजित हुई इन्वेस्टर मीट में भी भाजपा सरकार ने 19 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. वहीं, जनमंच के लिए लगाई गई बसों का किराया नहीं चुकाया गया है.
पूर्व भाजपा सरकार के समय में मंडी हवाई अड्डे के एक हजार करोड़, कांगड़ा हवाई अड्डे के 400 करोड़ और ज्वालामुखी माता मंदिर के लिए 20 करोड़ रुपये वित्त आयोग से नहीं आये. ऐसे में कुल मिलाकर ये राशि 1420 करोड़ रुपये बनती है.
किसी नेता पर नहीं लगा भ्रष्टाचार का आरोप
संजय अवस्थी ने कहा हिमाचल में मौजूदा सरकार अगले महीने दो साल का कार्यकाल पूरा करने जा रही है लेकिन भाजपा सरकार के खिलाफ एक भी मुद्दा नहीं ढूंढ पाई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ये पहली सरकार है जो दो साल के कार्यकाल में किसी भी नेता पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है जो हमारी सबसे बड़ी उपलब्धि है.
अवस्थी ने कहा कि भाजपा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की लोकप्रियता से घबरा गई है इसलिए भाजपा स्थाई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है. पहले भी भाजपा ने सरकार को अस्थिर करने का असफल प्रयास किया था. उन्होंने कहा बीते साल आई प्राकृतिक आपदा से लोगों के नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार अपने स्तर पर 4500 करोड़ रुपये का पैकेज लेकर आई थी, लेकिन केंद्र ने आपदा से निपटने में एक रुपये की भी मदद नहीं की.
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