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जरा संभल के! बर्फबारी में ड्राइव करना खतरनाक, टायर छोड़ जाते हैं साथ, ब्रेक बन जाती है दुश्मन - VEHICLE SKID IN SNOWFALL

"ऐसा काम नहीं करना जाणा कारां ते ते आनां अखबारां ते". हिमाचल में फिसलन भरी बर्फ की सड़कों पर ये लाइन सटीक बैठती है.

बर्फबारी में वाहन चलाना खतरनाक
बर्फबारी में वाहन चलाना खतरनाक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 14 hours ago

Updated : 14 hours ago

शिमला: पहाड़ों में गाड़ी ड्राइव करते समय अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत होती है. यहां घुमावदार और तंग सड़कें बदलते मौसम के साथ और भी खतरनाक हो जाती हैं. इन दिनों उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में जमकर बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी में नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में पहाड़ों पर बर्फबारी के समय वाहन चलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है अन्यथा यहां बड़ा हादसा होने में देरी नहीं लगती.

हिमाचल में बीते कुछ दिनों में बर्फबारी के बाद सड़क पर पड़ी बर्फ में कई वाहनों के स्किड होने के वीडियो सामने आए हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. इन्हीं में से एक शिमला के नारकंडा से सामने आया है. यहां एक HRTC बस बर्फबारी में मोड़ पर मुड़ नहीं पाई और सड़क के बाहर निकल गई. ऐसे में बस सड़क किनारे पार्क हुई पिकअप के साथ जा टकराई जिसके बाद बस रुक पाई. अगर सड़क किनारे पिकअप खड़ी नहीं होती तो बड़ा हादसा हो सकता था.

वहीं, मनाली के सोलंगनाला में बीते दिन शुक्रवार रात को एक वीडियो सामने आया है. यहां एक छोटा हाथी बर्फ पर फिसलते हुए लुढ़क कर सड़क से नीचे गिर गया. वाहन को अनियंत्रित होता देखकर ड्राइवर ने पहले ही गाड़ी से छलांग लगा दी और किसी तरह अपनी जान बचाई.

आखिर बर्फ पर क्यों स्किड होती हैं गाड़ियां?

टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया "बर्फ पर गाड़ियों के स्किड होने का कारण टायर का ना घूमना है. बर्फ में फिसलन होने के कारण टायर स्किड होता है और ब्रेक लगाने पर यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है. ब्रेक लगाने पर टायर जाम हो जाता है. ऐसे में बर्फबारी के समय सड़क पर गाड़ी चलाते समय अचानक ब्रेक लगाने से बचना चाहिए."

ब्लैक आइस भी बड़ा खतरा

टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया सर्दियों के दिनों में सबसे बड़ा खतरा ब्लैक आइस का रहता है. हालांकि बर्फ को सड़क पर आसानी से देखा जा सकता है लेकिन ब्लैक आइस सड़क पर नहीं दिखती. यह ट्रांसपेरेंट होती है और अगर गलती से इस पर ब्रेक लगा दी तो टायर का स्किड होना निश्चित है. ब्लैक आइस से बचने के लिए सुबह-शाम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वाहन चलाने से बचना चाहिए. धूप पड़ने पर ब्लैक आइस पिघल जाती है. ऐसे में दोपहर के समय ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दियों के मौसम में ब्लैक आइस का खतरा कम हो जाता है.

बर्फबारी में गाड़ी चलाते समय रखें इन चीजों का ख्याल
बर्फबारी में गाड़ी चलाते समय रखें इन चीजों का ख्याल (ETV Bharat GFX)

आपातकाल में स्नो चेन लगाकर चलाएं गाड़ी

टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया "वैसे तो सड़क पर बर्फ जमा होने पर या ब्लैक आइस की संभावना होने पर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए. रोड से बर्फ हटने का इंतजार करना ही ऐसे समय में समझदारी है. वहीं, अगर आपातकाल में गाड़ी चलानी भी पड़े तो स्नो चेन लगाकर गाड़ी चलानी चाहिए जिससे गाड़ी के टायर स्किड नहीं होते. स्नो चेन बर्फ को काटती है जिससे टायर के स्कीड होने का खतरा काफी कम हो जाता है."

हिमाचल पुलिस लोगों को कर रही जागरूक

बर्फबारी को लेकर इन दिनों हिमाचल पुलिस के जवान सड़कों पर तैनात हैं. हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों को पुलिस जागरूक कर रही है. वहीं, बर्फबारी में सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके इसके लिए जरूरत पड़ने पर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पर्यटकों के वाहनों को जाने से रोका जा रहा है. मनाली में गाड़ियों को केवल सोलंगनाला तक जाने की अनुमति है. इससे आगे अटल टनल की ओर जाने पर अभी वाहनों के जाने की मनाही है. हिमाचल पुलिस ने पर्यटकों से रास्ता साफ ना होने तक अपने-अपने होटलों में रुकने की अपील की है. सड़कें खुलने पर पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जाएगा. हिमाचल पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रही है.

ये भी पढ़ें: Watch: बर्फ पर फिसलकर खाई में गिरा "छोटा हाथी", ड्राइवर ने छलांग लगाकर बचाई जान

शिमला: पहाड़ों में गाड़ी ड्राइव करते समय अतिरिक्त सतर्कता की जरूरत होती है. यहां घुमावदार और तंग सड़कें बदलते मौसम के साथ और भी खतरनाक हो जाती हैं. इन दिनों उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू कश्मीर में जमकर बर्फबारी हो रही है. बर्फबारी में नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटक पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में पहाड़ों पर बर्फबारी के समय वाहन चलाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है अन्यथा यहां बड़ा हादसा होने में देरी नहीं लगती.

हिमाचल में बीते कुछ दिनों में बर्फबारी के बाद सड़क पर पड़ी बर्फ में कई वाहनों के स्किड होने के वीडियो सामने आए हैं. ये वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहे हैं. इन्हीं में से एक शिमला के नारकंडा से सामने आया है. यहां एक HRTC बस बर्फबारी में मोड़ पर मुड़ नहीं पाई और सड़क के बाहर निकल गई. ऐसे में बस सड़क किनारे पार्क हुई पिकअप के साथ जा टकराई जिसके बाद बस रुक पाई. अगर सड़क किनारे पिकअप खड़ी नहीं होती तो बड़ा हादसा हो सकता था.

वहीं, मनाली के सोलंगनाला में बीते दिन शुक्रवार रात को एक वीडियो सामने आया है. यहां एक छोटा हाथी बर्फ पर फिसलते हुए लुढ़क कर सड़क से नीचे गिर गया. वाहन को अनियंत्रित होता देखकर ड्राइवर ने पहले ही गाड़ी से छलांग लगा दी और किसी तरह अपनी जान बचाई.

आखिर बर्फ पर क्यों स्किड होती हैं गाड़ियां?

टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया "बर्फ पर गाड़ियों के स्किड होने का कारण टायर का ना घूमना है. बर्फ में फिसलन होने के कारण टायर स्किड होता है और ब्रेक लगाने पर यह खतरा और अधिक बढ़ जाता है. ब्रेक लगाने पर टायर जाम हो जाता है. ऐसे में बर्फबारी के समय सड़क पर गाड़ी चलाते समय अचानक ब्रेक लगाने से बचना चाहिए."

ब्लैक आइस भी बड़ा खतरा

टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया सर्दियों के दिनों में सबसे बड़ा खतरा ब्लैक आइस का रहता है. हालांकि बर्फ को सड़क पर आसानी से देखा जा सकता है लेकिन ब्लैक आइस सड़क पर नहीं दिखती. यह ट्रांसपेरेंट होती है और अगर गलती से इस पर ब्रेक लगा दी तो टायर का स्किड होना निश्चित है. ब्लैक आइस से बचने के लिए सुबह-शाम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में वाहन चलाने से बचना चाहिए. धूप पड़ने पर ब्लैक आइस पिघल जाती है. ऐसे में दोपहर के समय ऊंचाई वाले इलाकों में सर्दियों के मौसम में ब्लैक आइस का खतरा कम हो जाता है.

बर्फबारी में गाड़ी चलाते समय रखें इन चीजों का ख्याल
बर्फबारी में गाड़ी चलाते समय रखें इन चीजों का ख्याल (ETV Bharat GFX)

आपातकाल में स्नो चेन लगाकर चलाएं गाड़ी

टैक्सी यूनियन कुल्लू के चेयरमैन कविंद्र ठाकुर ने बताया "वैसे तो सड़क पर बर्फ जमा होने पर या ब्लैक आइस की संभावना होने पर गाड़ी नहीं चलानी चाहिए. रोड से बर्फ हटने का इंतजार करना ही ऐसे समय में समझदारी है. वहीं, अगर आपातकाल में गाड़ी चलानी भी पड़े तो स्नो चेन लगाकर गाड़ी चलानी चाहिए जिससे गाड़ी के टायर स्किड नहीं होते. स्नो चेन बर्फ को काटती है जिससे टायर के स्कीड होने का खतरा काफी कम हो जाता है."

हिमाचल पुलिस लोगों को कर रही जागरूक

बर्फबारी को लेकर इन दिनों हिमाचल पुलिस के जवान सड़कों पर तैनात हैं. हिमाचल घूमने आने वाले पर्यटकों को पुलिस जागरूक कर रही है. वहीं, बर्फबारी में सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके इसके लिए जरूरत पड़ने पर अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में पर्यटकों के वाहनों को जाने से रोका जा रहा है. मनाली में गाड़ियों को केवल सोलंगनाला तक जाने की अनुमति है. इससे आगे अटल टनल की ओर जाने पर अभी वाहनों के जाने की मनाही है. हिमाचल पुलिस ने पर्यटकों से रास्ता साफ ना होने तक अपने-अपने होटलों में रुकने की अपील की है. सड़कें खुलने पर पर्यटकों को सुरक्षित निकाला जाएगा. हिमाचल पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा ले रही है.

ये भी पढ़ें: Watch: बर्फ पर फिसलकर खाई में गिरा "छोटा हाथी", ड्राइवर ने छलांग लगाकर बचाई जान

Last Updated : 14 hours ago
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