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ऐसे मिलेगा गुम या चोरी हुआ मोबाइल, बस कर लें ये काम चोर के हाथ में डब्बा बन जाएगा आपका फोन - CEIR PORTAL

खोए-चोरी हुए मोबाइल को ढूंढने के लिए इस साल सरकार ने नया सिस्टम लॉन्च किया था. इसका नाम सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) है.

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 29, 2024, 5:49 PM IST

शिमला: मोबाइल फोन आज हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. मोबाइल फोन में हमारे जरूरी दस्तावेज, सीक्रेट डॉक्यूमेंट तक होते हैं. जरा सोचिए आपका मोबाइल फोन चोरी हो जाए या फिर कहीं गुम हो जाए तो आपको कितनी परेशानी होगी. आपका फोन किसी अपराधी किस्म के व्यक्ति हाथ लग जाए तो और भी परेशानी होगी. सबसे ज्यादा डर पर्सनल डाटा के चोरी होने का रहता है.

फोन चोरी होने या गुम होने पर अब घबराने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार ने चोरी या गुम हुए फोन को ढूंढने के लिए एक नया सिस्टम लॉन्च किया है. इसका नाम सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) है. इसे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक औ पूर्वोतर रीजन में 2019 में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर लॉन्च किया था, लेकिन इसी साल 17 मई को इसे देशभर में लॉन्च किया गया था. इस सिस्टम को CDoT ने विकसित किया है. CEIR पर जाकर आप अपने फोन को ब्लॉक कर सकते है और इससे आपके फोन को ढूंढने में आसानी होगी.

क्या है CEIR?

CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) एक केंद्रीकृत प्रणाली है. सीईआईआर मोबाइल के IMEI नंबरों के डेटाबेस पर मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ काम करता है. माना किसी का मोबाइल चोरी या गुम हो जाता है तो इसकी रिपोर्ट CEIR पर करके अपने मोबाइल को ब्लॉक करवाया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति ब्लॉक हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का प्रयास करता है, तो IMEI के जरिए मोबाइल का पता लगाया जा सकता है. यहां तक कि कोई व्यक्ति सिम बदलकर भी इसका उपयोग करना चाहेगा तो भी मोबाइल को ट्रेस किया जा सकता है. मोबाइल फोन मिल जाने के बाद फोन का असली मालिक इसे CEIR पोर्टल पर अनब्लॉक करके इस्तेमाल कर सकेगा.

ऐसे काम करता है ये सिस्टम?

ये सिस्टम एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म पर काम करता है. ये किसी भी टेलीकॉम नेटवर्क पर क्लोन किए गए मोबाइल फोन की पहचान करता है. CEIR पोर्टल सभी नेटवर्क ऑपरेटर्स के लिए ब्लैक लिस्टेड मोबाइल फोन के डेटा को साझा करने के लिए एक केंद्रीय प्रणाली के रूप में कार्य करता है. सरकार ने मोबाइल डिवाइस की बिक्री से पहले IMEI नंबर का खुलासा करना जरूरी कर दिया है. ऐसे में मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर के पास IMEI नंबरों की सूची होगी. मोबाइल चोरी के बाद कोई भी व्यक्ति अगर IMEI बदलने का प्रयास करेगा तो उसके बारे में पता लगाया जा सकेगा.

चोरी या गुम हुए मोबाइल को ऐसे करें ब्लॉक

  • मोबाइल चोरी होने या गुम होने पर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाकर रिपोर्ट की एक कॉपी अपने पास रखें.
  • अपने मोबाइल सर्विस प्रोवाइजर (जैसे जियो, एयरटेल, बीएसएनएल) से खोए हुए नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड लें, क्योंकि IMEI को ब्लॉक करने का रिकवेस्ट करने पर आपके मोबाइल नंबर पर OTP आएगा.
  • इसके बाद CEIR की वेबसाइट पर जाकर IMEI को ब्लॉक करने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज सबमिट करें.
  • मोबाइल फोन के आइएमईआइ नंबर को डिसेबल करने के लिए सीईआइआर की वेबसाइट https://ceir.gov.in/Home/index.jsp पर जाएं.
  • होम पेज पर आपको ब्लॉक स्टोलेन/लॉस्ट मोबाइल (Block Stolen/Lost Mobile) का ऑप्शन नजर आएगा. इस ऑप्शन पर क्लिक करें
  • CEIR पोर्टल पर IMEI नंबर को ब्लॉक करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे. फॉर्म पर जाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें. https://ceir.gov.in/Request/CeirUserBlockRequestDirect.jsp
  • फॉर्म में मोबाइल किस कंपनी का था, फोन के चोरी या गुम होने का स्थान, तारीख, अपना नाम, पता, मोबाइल का बिल दर्ज करें.
  • पोर्टल पर मोबाइल नंबर/आईएमईआई नंबर भरकर इसे सबमिट करें.
  • फॉर्म सबमिट होने के बाद एक रिक्वेस्ट आईडी जेनरेट होगी. फोन मिलने के बाद IMEI को अनब्लॉक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

अब तक इतने फोन हुए ट्रेस

ब्लॉक रिकवेस्ट को सफलतापूर्वक सब्मिट करने के बाद, उपयोगकर्ता का फोन 24 घंटे के अंदर ब्लॉक हो जाता है. फोन के ब्लॉक होने के बाद, इसका उपयोग पूरे भारत में किसी भी नेटवर्क पर नहीं किया जा सकता है. सीईआईआर के आंकड़ों के मुताबिक 29 दिसंबर 2024 तक भारत में 25,65,191 मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है, जबकि 15,36,524 मोबाइल को ट्रेस किया जा चुका है. वहीं, 3,04,971 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं. वहीं, हिमाचल में 12,561 मोबाइल फोन ब्लॉक किए गए 8,849 मोबाइल फोन ट्रेस किए गए, जबकि 2,760 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. सीईआईआर पर शिकायत दर्ज करने के बाद से आपको फोन को आसानी से ढूंढा जा सकता है और इसका गलत इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा. इससे कलोन्ड मोबाइल फोन का भी पता लगाया जा सकता है.

फोन मिलने के बाद ऐसे करें अनब्लॉक

उपयोगकर्ता को अपने फोन के आईएमईआई को केवल तभी अनब्लॉक करना चाहिए जब वो मिल गया हो और उपयोगकर्ता के कब्जे में हो. किसी खोए / चोरी हुए डिवाइस को अनब्लॉक करने के लिए, उपयोगकर्ता को स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट करना होगा कि अपका फोन मिल गया है. उसके बाद उपयोगकर्ता निम्नलिखित में से किसी भी एक माध्यम से डिवाइस को अनब्लॉक कर सकता है.

  • सीईआईआर वेबसाइट पर उपलब्ध एक फॉर्म के माध्यम से इसे अनब्लॉक किया जा सकता है. फोन के आईएमईआई को अनब्लॉक करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें. फॉर्म पर जाने के लिए यहां क्लिक करें.
  • फॉर्म सबमिट करने के बाद, आईएमईआई को अनब्लॉक कर दिया जाएगा.

नोट: यदि उपयोगकर्ता ने ब्लॉक करने का अनुरोध राज्य पुलिस में दर्ज किया है, तो उन्हें अपने फ़ोन के लिए अनब्लॉकिंग अनुरोध दर्ज करने के लिए राज्य पुलिस से संपर्क करना होगा.

ये भी पढ़ें: जलोड़ी सुरंग की अलाइनमेंट को मिली स्वीकृति, इतने किलोमीटर होगी लंबाई - JALORI TUNNEL

शिमला: मोबाइल फोन आज हमारी जिंदगी का हिस्सा बन चुका है. मोबाइल फोन में हमारे जरूरी दस्तावेज, सीक्रेट डॉक्यूमेंट तक होते हैं. जरा सोचिए आपका मोबाइल फोन चोरी हो जाए या फिर कहीं गुम हो जाए तो आपको कितनी परेशानी होगी. आपका फोन किसी अपराधी किस्म के व्यक्ति हाथ लग जाए तो और भी परेशानी होगी. सबसे ज्यादा डर पर्सनल डाटा के चोरी होने का रहता है.

फोन चोरी होने या गुम होने पर अब घबराने की जरूरत नहीं है. केंद्र सरकार ने चोरी या गुम हुए फोन को ढूंढने के लिए एक नया सिस्टम लॉन्च किया है. इसका नाम सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (CEIR) है. इसे पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक औ पूर्वोतर रीजन में 2019 में पायलट प्रोजेक्ट के आधार पर लॉन्च किया था, लेकिन इसी साल 17 मई को इसे देशभर में लॉन्च किया गया था. इस सिस्टम को CDoT ने विकसित किया है. CEIR पर जाकर आप अपने फोन को ब्लॉक कर सकते है और इससे आपके फोन को ढूंढने में आसानी होगी.

क्या है CEIR?

CEIR (सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर) एक केंद्रीकृत प्रणाली है. सीईआईआर मोबाइल के IMEI नंबरों के डेटाबेस पर मोबाइल फोन निर्माता कंपनियों और टेलीकॉम ऑपरेटर्स के साथ काम करता है. माना किसी का मोबाइल चोरी या गुम हो जाता है तो इसकी रिपोर्ट CEIR पर करके अपने मोबाइल को ब्लॉक करवाया जा सकता है. अगर कोई व्यक्ति ब्लॉक हुए मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने का प्रयास करता है, तो IMEI के जरिए मोबाइल का पता लगाया जा सकता है. यहां तक कि कोई व्यक्ति सिम बदलकर भी इसका उपयोग करना चाहेगा तो भी मोबाइल को ट्रेस किया जा सकता है. मोबाइल फोन मिल जाने के बाद फोन का असली मालिक इसे CEIR पोर्टल पर अनब्लॉक करके इस्तेमाल कर सकेगा.

ऐसे काम करता है ये सिस्टम?

ये सिस्टम एक इन-बिल्ट मैकेनिज्म पर काम करता है. ये किसी भी टेलीकॉम नेटवर्क पर क्लोन किए गए मोबाइल फोन की पहचान करता है. CEIR पोर्टल सभी नेटवर्क ऑपरेटर्स के लिए ब्लैक लिस्टेड मोबाइल फोन के डेटा को साझा करने के लिए एक केंद्रीय प्रणाली के रूप में कार्य करता है. सरकार ने मोबाइल डिवाइस की बिक्री से पहले IMEI नंबर का खुलासा करना जरूरी कर दिया है. ऐसे में मोबाइल नेटवर्क प्रोवाइडर के पास IMEI नंबरों की सूची होगी. मोबाइल चोरी के बाद कोई भी व्यक्ति अगर IMEI बदलने का प्रयास करेगा तो उसके बारे में पता लगाया जा सकेगा.

चोरी या गुम हुए मोबाइल को ऐसे करें ब्लॉक

  • मोबाइल चोरी होने या गुम होने पर पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाकर रिपोर्ट की एक कॉपी अपने पास रखें.
  • अपने मोबाइल सर्विस प्रोवाइजर (जैसे जियो, एयरटेल, बीएसएनएल) से खोए हुए नंबर का डुप्लीकेट सिम कार्ड लें, क्योंकि IMEI को ब्लॉक करने का रिकवेस्ट करने पर आपके मोबाइल नंबर पर OTP आएगा.
  • इसके बाद CEIR की वेबसाइट पर जाकर IMEI को ब्लॉक करने के लिए रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरें और जरूरी दस्तावेज सबमिट करें.
  • मोबाइल फोन के आइएमईआइ नंबर को डिसेबल करने के लिए सीईआइआर की वेबसाइट https://ceir.gov.in/Home/index.jsp पर जाएं.
  • होम पेज पर आपको ब्लॉक स्टोलेन/लॉस्ट मोबाइल (Block Stolen/Lost Mobile) का ऑप्शन नजर आएगा. इस ऑप्शन पर क्लिक करें
  • CEIR पोर्टल पर IMEI नंबर को ब्लॉक करने के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरे. फॉर्म पर जाने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें. https://ceir.gov.in/Request/CeirUserBlockRequestDirect.jsp
  • फॉर्म में मोबाइल किस कंपनी का था, फोन के चोरी या गुम होने का स्थान, तारीख, अपना नाम, पता, मोबाइल का बिल दर्ज करें.
  • पोर्टल पर मोबाइल नंबर/आईएमईआई नंबर भरकर इसे सबमिट करें.
  • फॉर्म सबमिट होने के बाद एक रिक्वेस्ट आईडी जेनरेट होगी. फोन मिलने के बाद IMEI को अनब्लॉक करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.

अब तक इतने फोन हुए ट्रेस

ब्लॉक रिकवेस्ट को सफलतापूर्वक सब्मिट करने के बाद, उपयोगकर्ता का फोन 24 घंटे के अंदर ब्लॉक हो जाता है. फोन के ब्लॉक होने के बाद, इसका उपयोग पूरे भारत में किसी भी नेटवर्क पर नहीं किया जा सकता है. सीईआईआर के आंकड़ों के मुताबिक 29 दिसंबर 2024 तक भारत में 25,65,191 मोबाइल को ब्लॉक किया जा चुका है, जबकि 15,36,524 मोबाइल को ट्रेस किया जा चुका है. वहीं, 3,04,971 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं. वहीं, हिमाचल में 12,561 मोबाइल फोन ब्लॉक किए गए 8,849 मोबाइल फोन ट्रेस किए गए, जबकि 2,760 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं. सीईआईआर पर शिकायत दर्ज करने के बाद से आपको फोन को आसानी से ढूंढा जा सकता है और इसका गलत इस्तेमाल भी नहीं हो सकेगा. इससे कलोन्ड मोबाइल फोन का भी पता लगाया जा सकता है.

फोन मिलने के बाद ऐसे करें अनब्लॉक

उपयोगकर्ता को अपने फोन के आईएमईआई को केवल तभी अनब्लॉक करना चाहिए जब वो मिल गया हो और उपयोगकर्ता के कब्जे में हो. किसी खोए / चोरी हुए डिवाइस को अनब्लॉक करने के लिए, उपयोगकर्ता को स्थानीय पुलिस को रिपोर्ट करना होगा कि अपका फोन मिल गया है. उसके बाद उपयोगकर्ता निम्नलिखित में से किसी भी एक माध्यम से डिवाइस को अनब्लॉक कर सकता है.

  • सीईआईआर वेबसाइट पर उपलब्ध एक फॉर्म के माध्यम से इसे अनब्लॉक किया जा सकता है. फोन के आईएमईआई को अनब्लॉक करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर्म भरें. फॉर्म पर जाने के लिए यहां क्लिक करें.
  • फॉर्म सबमिट करने के बाद, आईएमईआई को अनब्लॉक कर दिया जाएगा.

नोट: यदि उपयोगकर्ता ने ब्लॉक करने का अनुरोध राज्य पुलिस में दर्ज किया है, तो उन्हें अपने फ़ोन के लिए अनब्लॉकिंग अनुरोध दर्ज करने के लिए राज्य पुलिस से संपर्क करना होगा.

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