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नये साल पर आउटसोर्स कर्मियों को लगा झटका, IGMC ने 132 कर्मचारियों को हटाया, यूनियन ने दी हड़ताल की चेतावनी - SHIMLA IGMC

आईजीएमसी शिमला में कार्यरत 132 आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त हो गई है. ऐसे में आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन ने कल हड़ताल की चेतावनी दी है.

आईजीएमसी शिमला
आईजीएमसी शिमला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 6:56 PM IST

शिमला: आईजीएमसी में आउटसोर्स पर तैनात 132 कर्मियों सेवाएं समाप्त हो गई है. इसके विरोध में कल आउटसोर्स कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है. इससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी प्रभावित होगी. 132 आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में यह अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी. आउटसोर्स कर्मियों से जुड़ी यूनियन ने आज गेट मीटिंग में यह निर्णय लिया.

सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने कहा, "सुपरवाइजर के माध्यम से उन्हें उनकी सेवाएं समाप्त करने का नोटिस मिला है. जिसके तहत 1 जनवरी से उनकी रोजी रोटी खत्म हो गई है. इसमें कई विधवा महिलाएं भी शामिल हैं, जो सालों से यहां सेवाएं दे रही हैं".

निशा ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करने का प्रयास किया. लेकिन उनका रवैया कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक है, जिसके कारण उन्होंने कल से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. उनके समर्थन में सभी आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर जांएगे.

आउटसोर्स कर्मचारी निशा ने बताया कि अस्पताल में कर्मचारियों को टाल मटोल किया जा रहा है. कर्मचारियों को कभी बोला जाता है कि सुबह बताते है. कभी बोला जाता है कि शाम को बताते है, लेकिन ठीक से बताया ही नहीं जा रहा है. इसके कारण कर्मचारियों को बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है.

आईजीएमसी अस्पताल में गुरुवार कौन आउटसोर्स कर्मचारी परेशान होते रहें. अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारी पहुंचे तो थे, लेकिन सुबह के समय इन लोगों ने अस्पताल में कोई भी काम नहीं किया है. कर्मचारियों के काम न करने से अस्पताल के सभी विभागों में गंदगी फैली हुई थी. इसके कारण अस्पताल में आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

आईजीएमसी में आउटसोर्सिंग के तहत 132 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे है. अस्पताल प्रशासन ने इसको लेकर अस्पताल में बैठक की गए थी, लेकिन इस बैठक में कोई भी नतीजा नहीं निकला है. कर्मचारियों के साथ कुछ ऐसे कर्मचारियों को भी ले लिया है, जो अस्पताल में 2011, 2017 व 2018 से काम कर रहें है. अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना है कि वार्ड में कल शाम को सफाई हुई है, लेकिन अभी तक कोई सफाई नहीं हुई है. हर जगह गंदगी फैली हुई है. आपातकालीन से लेकर शौचालय में गंदगी फैली है.

आईजीएमसी में अस्पताल में सुबह के समय आउटसोर्स कर्मचारियों के काम न करने से अस्पताल के आपातकालीन विभाग, ओटी, वार्ड और शौचालय पूरी तरह से गंदे पड़े हुए थे. अस्पताल के सभी विभाग में बोतल से लेकर ऑपरेशन के लिए जो कपड़े दिए जाते है. वो भी पूरी तरह से ओपीडी के अंदर फैले हुए थे.

आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र पामटा ने कहा, "यदि अस्पताल प्रशासन ने यूनियन की बात नहीं सुनता है तो शुक्रवार से कर्मचारी अपने काम को बंद कर देगा. शुक्रवार को पूरे दिन अस्पताल में कोई काम नहीं होगा.

ये भी पढ़ें: 1.68 करोड़ का गबन करने वाले पूर्व जिला कोषागार अधिकारी को जेल, IPC की 5 धाराओं में कोर्ट ने सुनाई सजा

शिमला: आईजीएमसी में आउटसोर्स पर तैनात 132 कर्मियों सेवाएं समाप्त हो गई है. इसके विरोध में कल आउटसोर्स कर्मचारियों ने हड़ताल की चेतावनी दी है. इससे अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाएं बुरी प्रभावित होगी. 132 आउटसोर्स कर्मियों की सेवाएं समाप्त करने के विरोध में यह अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी. आउटसोर्स कर्मियों से जुड़ी यूनियन ने आज गेट मीटिंग में यह निर्णय लिया.

सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने कहा, "सुपरवाइजर के माध्यम से उन्हें उनकी सेवाएं समाप्त करने का नोटिस मिला है. जिसके तहत 1 जनवरी से उनकी रोजी रोटी खत्म हो गई है. इसमें कई विधवा महिलाएं भी शामिल हैं, जो सालों से यहां सेवाएं दे रही हैं".

निशा ने कहा कि इसको लेकर उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करने का प्रयास किया. लेकिन उनका रवैया कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक है, जिसके कारण उन्होंने कल से हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है. उनके समर्थन में सभी आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर जांएगे.

आउटसोर्स कर्मचारी निशा ने बताया कि अस्पताल में कर्मचारियों को टाल मटोल किया जा रहा है. कर्मचारियों को कभी बोला जाता है कि सुबह बताते है. कभी बोला जाता है कि शाम को बताते है, लेकिन ठीक से बताया ही नहीं जा रहा है. इसके कारण कर्मचारियों को बहुत ज्यादा दिक्कत हो रही है.

आईजीएमसी अस्पताल में गुरुवार कौन आउटसोर्स कर्मचारी परेशान होते रहें. अस्पताल में आउटसोर्स कर्मचारी पहुंचे तो थे, लेकिन सुबह के समय इन लोगों ने अस्पताल में कोई भी काम नहीं किया है. कर्मचारियों के काम न करने से अस्पताल के सभी विभागों में गंदगी फैली हुई थी. इसके कारण अस्पताल में आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था.

आईजीएमसी में आउटसोर्सिंग के तहत 132 कर्मचारी अपनी सेवाएं दे रहे है. अस्पताल प्रशासन ने इसको लेकर अस्पताल में बैठक की गए थी, लेकिन इस बैठक में कोई भी नतीजा नहीं निकला है. कर्मचारियों के साथ कुछ ऐसे कर्मचारियों को भी ले लिया है, जो अस्पताल में 2011, 2017 व 2018 से काम कर रहें है. अस्पताल में भर्ती मरीजों का कहना है कि वार्ड में कल शाम को सफाई हुई है, लेकिन अभी तक कोई सफाई नहीं हुई है. हर जगह गंदगी फैली हुई है. आपातकालीन से लेकर शौचालय में गंदगी फैली है.

आईजीएमसी में अस्पताल में सुबह के समय आउटसोर्स कर्मचारियों के काम न करने से अस्पताल के आपातकालीन विभाग, ओटी, वार्ड और शौचालय पूरी तरह से गंदे पड़े हुए थे. अस्पताल के सभी विभाग में बोतल से लेकर ऑपरेशन के लिए जो कपड़े दिए जाते है. वो भी पूरी तरह से ओपीडी के अंदर फैले हुए थे.

आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष वीरेंद्र पामटा ने कहा, "यदि अस्पताल प्रशासन ने यूनियन की बात नहीं सुनता है तो शुक्रवार से कर्मचारी अपने काम को बंद कर देगा. शुक्रवार को पूरे दिन अस्पताल में कोई काम नहीं होगा.

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