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बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहा था परिवार, सुबह पांच लोग मिले अचेत - LIGHTING ANGITHI IN A ROOM UNA

ऊना में एक परिवार रात को कमरा बंद कर अंगीठी जलाकर सो गया और सुबह पूरा परिवार अचेत अवस्था में कमरे में पड़ा मिला.

बंद कमरे में अगीठी जलाने से पांच लोग हुए अचेत
बंद कमरे में अगीठी जलाने से पांच लोग हुए अचेत (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 4:29 PM IST

ऊना: ग्राम पंचायत धमांदरी में एक ही परिवार के पांच लोग एक कमरे में गुरुवार सुबह अचेत अवस्था में मिले हैं. मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत आसपास के लोगों ने पंचायत प्रतिनिधियों को सूचित किया और सभी अचेत लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंचाया. प्रभावित परिवार उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है.

कमरे में अंगीठी जलाकर सोया था परिवार

हरिचरण उनकी पत्नी और तीन बच्चे रात को कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे थे जिसके कारण जहरीली गैस से पूरा परिवार अचेत हो गया. क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत पांचों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई. हालांकि दो लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है जिसमें से एक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है. पुलिस ने भी इस मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है.ऊना जिला में एक सप्ताह में यह दूसरा मामला है. हाल ही में दो लोगों की मौत अंगीठी की गैस के कारण हो चुकी है.

डॉक्टर संजय मनकोटिया, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (ETV Bharat)

परिवार ऊना में करता है मजदूरी

परिवार लंबे अरसे से ऊना में रहकर दिहाड़ी मजदूरी करते हुए जीवन यापन कर रहा है. जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह प्रवासी श्रमिक जब काम पर निकलने लगे तो उन्होंने अपने ही एक साथी हरिचरण के कमरे से किसी प्रकार की कोई हरकत ना होना पाया. इसके बाद कमरे का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन अंदर से किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला.

अंगीठी की गैस से अचेत हुआ शख्स
अंगीठी की गैस से अचेत हुआ शख्स (ETV Bharat)

ऐसे में उन्होंने हरिचरण की बेटी और दामाद को इस मामले की सूचना दी और पंचायत प्रतिनिधियों को भी मौके पर बुलाया. लोगों ने जब कमरे का दरवाजा खोल कर देखा तो सभी लोग अंदर अचेत अवस्था में पड़े थे. ऐसे में 108 एंबुलेंस के माध्यम से पांचों लोगों को रीजनल अस्पताल ऊना पहुंचाया गया.

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर संजय मनकोटिया ने बताया "इन लोगों में दो की हालत ज्यादा नाजुक है जिसमें से एक को गंभीर हालत के चलते पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है जबकि तीन लोग खतरे से बाहर हैं." लोगों से अपील करते हुए चिकित्सा अधीक्षक ने कहा बंद कमरे में अंगीठी जलाकर ना सोएं यह जानलेवा है और कमरे में अंगीठी जलाते समय खिड़कियों को खुला रखें.

ये भी पढ़ें: सीएम सुक्खू ने "चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट" को दिया तोहफा, हवाई जहाज में सफर, 3 स्टार होटल में स्टे, चंडीगढ़, दिल्ली और गोवा का ट्रिप

ऊना: ग्राम पंचायत धमांदरी में एक ही परिवार के पांच लोग एक कमरे में गुरुवार सुबह अचेत अवस्था में मिले हैं. मामले की जानकारी मिलते ही तुरंत आसपास के लोगों ने पंचायत प्रतिनिधियों को सूचित किया और सभी अचेत लोगों को क्षेत्रीय अस्पताल ऊना पहुंचाया. प्रभावित परिवार उत्तर प्रदेश के बदायूं का रहने वाला है.

कमरे में अंगीठी जलाकर सोया था परिवार

हरिचरण उनकी पत्नी और तीन बच्चे रात को कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे थे जिसके कारण जहरीली गैस से पूरा परिवार अचेत हो गया. क्षेत्रीय अस्पताल में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ ने तुरंत पांचों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई. हालांकि दो लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है जिसमें से एक को पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है. पुलिस ने भी इस मामले को लेकर जांच शुरू कर दी है.ऊना जिला में एक सप्ताह में यह दूसरा मामला है. हाल ही में दो लोगों की मौत अंगीठी की गैस के कारण हो चुकी है.

डॉक्टर संजय मनकोटिया, अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक (ETV Bharat)

परिवार ऊना में करता है मजदूरी

परिवार लंबे अरसे से ऊना में रहकर दिहाड़ी मजदूरी करते हुए जीवन यापन कर रहा है. जानकारी के मुताबिक गुरुवार सुबह प्रवासी श्रमिक जब काम पर निकलने लगे तो उन्होंने अपने ही एक साथी हरिचरण के कमरे से किसी प्रकार की कोई हरकत ना होना पाया. इसके बाद कमरे का दरवाजा खटखटाया गया लेकिन अंदर से किसी भी प्रकार का जवाब नहीं मिला.

अंगीठी की गैस से अचेत हुआ शख्स
अंगीठी की गैस से अचेत हुआ शख्स (ETV Bharat)

ऐसे में उन्होंने हरिचरण की बेटी और दामाद को इस मामले की सूचना दी और पंचायत प्रतिनिधियों को भी मौके पर बुलाया. लोगों ने जब कमरे का दरवाजा खोल कर देखा तो सभी लोग अंदर अचेत अवस्था में पड़े थे. ऐसे में 108 एंबुलेंस के माध्यम से पांचों लोगों को रीजनल अस्पताल ऊना पहुंचाया गया.

अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर संजय मनकोटिया ने बताया "इन लोगों में दो की हालत ज्यादा नाजुक है जिसमें से एक को गंभीर हालत के चलते पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया है जबकि तीन लोग खतरे से बाहर हैं." लोगों से अपील करते हुए चिकित्सा अधीक्षक ने कहा बंद कमरे में अंगीठी जलाकर ना सोएं यह जानलेवा है और कमरे में अंगीठी जलाते समय खिड़कियों को खुला रखें.

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