मांस छोड़ घास खाने लगा बाघ शावक, दुर्लभ व्यवहार देख चौंक गई दुनिया, वीडियो वायरल
Tiger Cub Eats Grass: कहते हैं की बाघ कभी घास नहीं खाता, लेकिन बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक बाघ शावक के घास खाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. शावक को घास खाते देख पर्यटक भी हैरान रह गए.
उमरिया। जिले में बाघों के लिए विश्व प्रसिद्ध बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व स्थित है. जहां एक बाघ शावक घास खाते हुए पर्यटकों को दिखाई दिया. यह वीडियो काफी दुर्लभ है, क्योंकि अक्सर बाघों को शिकार करते हुए देखा होगा. लेकिन बाघों को घास खाते हुए आपने कभी नहीं देखा होगा. बांधवगढ टाइगर रिजर्व में पनपथा बफर में पर्यटक जंगल सफारी के लिए गये हुए थे. जहा जंगल में वन्य प्राणियों के दीदार के लिए सैर कर रहे थे. तभी पर्यटकों को शावक का अंचभित कर देने वाला नजारा देखने को मिला. शावक जंगल में घास खाते हुए दिखाई दिया है.
एक्सपर्ट ने बताया क्यों खाई घास
पनपथा बफर की प्रसिद्ध बाघिन बिरुहली का यह शावक बताया जा रहा है. शावक जंगल के वाटर होल के पास घास खाते हुए दिखाई दिया है. अक्सर बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के कोर और बफर दोनों ही जोन में बाघ, बाघिन और शावकों के दीदार पर्यटकों को हो जाते हैं. जो अपने अंदाज से पर्यटकों का मन मोह लेते हैं. लेकिन शावक का घास खाने का नजारा पर्यटकों के लिए कभी ना भूल पाने वाला नजारा बन गया है. शावक के घास खाने के वीडियो को लेकर रिटायर्ड आईएफएस आर एस सिकरवार ने बताया कि ''जब बाघ, बाघिन और शावकों को डाइजेशन को लेकर समस्या होती हैं, तब वे घास खाया करते हैं और डाइजेशन सही करते हैं.''
उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में नए डॉग माया की नियुक्ति की गई है. वह अपने हैंडलर के साथ बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व पहुंची. बांधवगढ टाइगर रिजर्व की एसडीओ रैंक की फीमेल डॉग बैली की 21 दिसम्बर को मौत हो गई थी. उसने जिले में लंबे समय तक अपनी सूझबूझ से आपराधिक मामलों के खुलासों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था. डॉग बैली का जन्म मार्च 2017 में हुआ था. बैली की मौत के बाद वन अपराध को लेकर प्रबंधन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था. डॉग स्क्वायड न होने से सर्चिग और गश्त में दिक्कत हो रही थी. अब डॉग माया के आने से वन अपराधों से जुड़े मामले हल करने में आसानी होगी.
नेशनल डॉग शो में मिल चुका है अवॉर्ड
जबलपुर से डॉग माया बांधवगढ पहुंची. माया बेल्जियम मैलोनाइस नस्ल की श्वान है, इसकी उम्र लगभग ढाई वर्ष है. माया वन अपराध पकड़ने में वन विभाग की टीम का सहयोग कर चुकी है. इसे जबलपुर में हुए नेशनल डॉग शो में अवॉर्ड भी मिल चुका है. बीटीआर के उप संचालक पी के वर्मा ने बताया कि ''माया एसटीएफ जबलपुर में थी. माया को बांधवगढ में नियुक्त किया गया है, उसका हैंडलर भी साथ आया है. रोस्टर और वन अपराध, गश्त के अनुसार माया से सर्चिग करवाई जाएगी.''