जबलपुर: पीथमपुर की रामकी कंपनी में रखे यूनियन कार्बाइड के रासायनिक कचरे का क्या होगा, इसका फैसला आज जबलपुर हाईकोर्ट में होगा. मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव हाईकोर्ट के सामने जवाब पेश करेंगे, फिर कोर्ट तय करेगा कि अब आगे की रणनीति क्या होगी.
प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन हाईकोर्ट में रखेंगे सरकार का पक्ष
यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 337 मीट्रिक टन जहरीला कचरा नष्ट करने के मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में सोमवार को सुनवाई होगी. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार और जस्टिस विवेक जैन की पीठ मामले को सुनेगी. शीतकालीन अवकाश खत्म होने के बाद सबसे पहले यही मामला हाई कोर्ट में सुना जाएगा.
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इससे पहले हाईकोर्ट ने यूनियन कार्बाइड के कचरे को पीथमपुर में नष्ट करने का आदेश दिया था, जिसे 3 जनवरी तक नष्ट करना था. लेकिन पीथमपुर के आसपास के लोगों ने कचरे को नष्ट करने का विरोध शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से कचरे को अभी तक नष्ट नहीं किया जा सका है. मौजूदा कानून व्यवस्था की स्थिति के बारे में मध्य प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव अनुराग जैन और गैस त्रासदी राहत और पुनर्वास विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव सोमवार को हाईकोर्ट में पेश होकर जवाब देंगे.
पीथमपुर के रामकी कंपनी में 12 कंटेनर में सील बंद होकर रखा है यूनियन कार्बाइड का कचरा
यूनियन कार्बाइड का कचरा 12 कंटेनर में सील बंद होकर पीथमपुर के रामकी कंपनी में पहुंच गया है और फिलहाल इसे यहीं पर रखा गया है. इस कचरे को जलाकर खत्म करने की कार्रवाई की जानी थी. वहीं मुख्यमंत्री मोहन यादव का कहना है कि इस मामले में हाईकोर्ट जो आदेश देगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी.
यूनियन कार्बाइड का कचरा राज्य सरकार के लिए गले की फांस बन गया है. यदि इसे जलाते हैं तो स्थानीय जनता विरोध करेगी और नहीं जलाते हैं तो कोर्ट के आदेश की अवमानना मानी जाएगी. ऐसी स्थिति में आज हाई कोर्ट इस मामले में क्या आदेश करता है यह महत्वपूर्ण होगा.