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देवास में मौत के मुंह से पीने का पानी लाते हैं ग्रामीण, प्यास ने छुड़ाई मासूमों की पढ़ाई - DEWAS WATER CRISIS

देवास के खेड़ीपुरा गांव में अभी से पानी की किल्लत शुरू हो गई. ग्रामीण डेढ़ किलोमीटर दूर कुएं से पीने का पानी ला रहे. पढ़िए देवास से ओमप्रकाश परमार की रिपोर्ट.

DEWAS WATER CRISIS
कुएं से पानी निकालते हुए ग्रामीण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 5, 2025, 10:59 PM IST

Updated : 21 hours ago

देवास: गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत की खबरें आपने सुनी होंगी, लेकिन देवास में ठंड के मौसम में ही पेयजल की किल्लत सामने आने लगी है. दरअसल, देवास के कन्नौद जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भिलाई के पास खेड़ीपुरा में लोगों को पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. यहां बारेला समाज के 25 घर हैं. जिनकी आबादी करीब 150 के आसपास है. ये लोग पेयजल के लिए खेत-खेत भटकने को मजबूर हैं. ग्रामीण बताते हैं कि कभी-कभी तो पूरा दिन पानी की जुगाड़ में ही निकल जाता है.

स्कूल जाने के बजाय पानी का इंतजाम कर रहे बच्चे

सरकार पेयजल के लिए जल निगम के माध्यम से करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. फिर भी प्रदेश के कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. बच्चे स्कूल जाने के बजाय दिन भर अपने परिवार के साथ पानी के इंतजाम में लगे रहते हैं. खेड़ीपुरा गांव के लोग पानी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक खुले कुएं पर पानी भरने जाते हैं. कुएं में भी पानी सतह पर आ गया है. बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी पानी के लिए जाते हैं, कुछ तो बाल्टी और रस्सी की मदद से पानी निकालते हैं. वहीं, कुछ को पानी के लिए कुएं में ही उतरना पड़ता है.

देवास में पानी की किल्लत (ETV Bharat)

कई बार जिम्मेदारों से ग्रामीणों ने की शिकायत

खेड़ापुर निवासी विष्णु बारेला, राजेश बारेला और कुंवर सिंह बारेला ने बताया कि "हमने कई बार सरपंच-मंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन करीब 2 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. हमने 15 दिन पहले सरकारी हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी शिकायत की थी, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया." ग्रामीणों ने बताया कि "गांव के सभी हैंडपंप से पानी आना बंद हो गया है. हमें पानी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर दूर कुएं पर जाना पड़ता है. इस वजह से खेती बाड़ी सहित घर के दूसरे काम प्रभावित होते हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते."

जान जोखिम में डालकर पानी का इंतजाम कर रहे ग्रामीण

ग्रामीणों ने आगे बताया कि "भिलाई गांव में पिछले साल से टंकी के माध्यम से घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है. जबकि हमारे यहां अभी पाइप लाइन का इंतजार है. गांव की शायरीबाई और सोनाबाई ने बताया कि "चुनाव के समय नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए कि पानी चूल्हे तक पहुंचा देंगे, लेकिन अब हम सरपंच-मंत्री से कहते है तो कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हमारे छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने की बजाय पानी भरकर लाने में लगे हुए हैं. गांव के आसपास कोई भी कुआं ट्यूबवेल नहीं है. बिना मुंडेर के कुएं से पानी भरते वक्त पैर फिसलने और गिरने का डर बना रहता है."

जिम्मेदार अधिकारियों ने दिया आश्वासन

इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई. भिलाई ग्राम पंचायत के सहायक पवन प्रजापति ने कहा, "भिलाई में पीने का पानी पर्याप्त न होने से सप्ताह में एक बार नल द्वारा पानी दिया जा रहा है. खेड़ीपुरा गांव दूर है इसलिए वहां टंकी का पानी नहीं पहुंच रहा है. हमने सरपंच-सचिव के साथ मौका मुआयना किया और पीएचई के अधिकारी को अवगत कराया है."

कन्नौद पीएचई एसडीओ नवनीत सिंह ने बताया कि "ग्राम भिलाई में पानी की उपलब्धता बहुत कम है. हमने वहां ट्यूबवेल खनन कराया उसमें भी पानी नहीं आया. जल निगम के द्वारा गांव-गांव पाइप लाइन लगाई जा रही है. उसी से ग्रामीणों की समस्या हल होगी."

देवास: गर्मी के दिनों में पानी की किल्लत की खबरें आपने सुनी होंगी, लेकिन देवास में ठंड के मौसम में ही पेयजल की किल्लत सामने आने लगी है. दरअसल, देवास के कन्नौद जनपद पंचायत की ग्राम पंचायत भिलाई के पास खेड़ीपुरा में लोगों को पीने के पानी की समस्या उत्पन्न हो गई है. यहां बारेला समाज के 25 घर हैं. जिनकी आबादी करीब 150 के आसपास है. ये लोग पेयजल के लिए खेत-खेत भटकने को मजबूर हैं. ग्रामीण बताते हैं कि कभी-कभी तो पूरा दिन पानी की जुगाड़ में ही निकल जाता है.

स्कूल जाने के बजाय पानी का इंतजाम कर रहे बच्चे

सरकार पेयजल के लिए जल निगम के माध्यम से करोड़ों रुपये खर्च कर रही है. फिर भी प्रदेश के कई ऐसे इलाके हैं जहां लोगों को पीने के पानी के लिए जद्दोजहद करना पड़ रहा है. बच्चे स्कूल जाने के बजाय दिन भर अपने परिवार के साथ पानी के इंतजाम में लगे रहते हैं. खेड़ीपुरा गांव के लोग पानी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर दूर एक खुले कुएं पर पानी भरने जाते हैं. कुएं में भी पानी सतह पर आ गया है. बड़ों के साथ-साथ छोटे बच्चे भी पानी के लिए जाते हैं, कुछ तो बाल्टी और रस्सी की मदद से पानी निकालते हैं. वहीं, कुछ को पानी के लिए कुएं में ही उतरना पड़ता है.

देवास में पानी की किल्लत (ETV Bharat)

कई बार जिम्मेदारों से ग्रामीणों ने की शिकायत

खेड़ापुर निवासी विष्णु बारेला, राजेश बारेला और कुंवर सिंह बारेला ने बताया कि "हमने कई बार सरपंच-मंत्री को अपनी समस्या से अवगत कराया, लेकिन करीब 2 महीने बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. हमने 15 दिन पहले सरकारी हेल्पलाइन नंबर 181 पर भी शिकायत की थी, लेकिन वहां से भी कोई जवाब नहीं आया." ग्रामीणों ने बताया कि "गांव के सभी हैंडपंप से पानी आना बंद हो गया है. हमें पानी के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर दूर कुएं पर जाना पड़ता है. इस वजह से खेती बाड़ी सहित घर के दूसरे काम प्रभावित होते हैं. बच्चे स्कूल नहीं जा पाते."

जान जोखिम में डालकर पानी का इंतजाम कर रहे ग्रामीण

ग्रामीणों ने आगे बताया कि "भिलाई गांव में पिछले साल से टंकी के माध्यम से घर-घर पानी पहुंचाया जा रहा है. जबकि हमारे यहां अभी पाइप लाइन का इंतजार है. गांव की शायरीबाई और सोनाबाई ने बताया कि "चुनाव के समय नेताओं ने बड़े-बड़े वादे किए कि पानी चूल्हे तक पहुंचा देंगे, लेकिन अब हम सरपंच-मंत्री से कहते है तो कोई सुनवाई नहीं हो रही है. हमारे छोटे-छोटे बच्चे स्कूल जाने की बजाय पानी भरकर लाने में लगे हुए हैं. गांव के आसपास कोई भी कुआं ट्यूबवेल नहीं है. बिना मुंडेर के कुएं से पानी भरते वक्त पैर फिसलने और गिरने का डर बना रहता है."

जिम्मेदार अधिकारियों ने दिया आश्वासन

इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से बात की गई. भिलाई ग्राम पंचायत के सहायक पवन प्रजापति ने कहा, "भिलाई में पीने का पानी पर्याप्त न होने से सप्ताह में एक बार नल द्वारा पानी दिया जा रहा है. खेड़ीपुरा गांव दूर है इसलिए वहां टंकी का पानी नहीं पहुंच रहा है. हमने सरपंच-सचिव के साथ मौका मुआयना किया और पीएचई के अधिकारी को अवगत कराया है."

कन्नौद पीएचई एसडीओ नवनीत सिंह ने बताया कि "ग्राम भिलाई में पानी की उपलब्धता बहुत कम है. हमने वहां ट्यूबवेल खनन कराया उसमें भी पानी नहीं आया. जल निगम के द्वारा गांव-गांव पाइप लाइन लगाई जा रही है. उसी से ग्रामीणों की समस्या हल होगी."

Last Updated : 21 hours ago
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