बेंगलुरु: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं. दोनों केस कर्नाटक में मिले हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले मामले में आठ महीने के बच्चे की कथित पॉजिटिव रिपोर्ट आई है. प्रयोगशाला की रिपोर्ट के अनुसार, बच्चे का सैंपल 2 जनवरी को कलेक्ट किया गया था. इस बीच स्वास्थ्य मंत्रालय पहला संदिग्ध मामला सामने आने के बाद HMPV को लेकर एक एडवाइजरी जारी कर सकता है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सूत्रों ने बताया कि शिशु और उसके परिवार का हाल ही में यात्रा का कोई इतिहास नहीं था और उनमें कोई लक्षण नहीं दिखे. वहीं, भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने एक और अन्य मामले की पुष्टि की है, जिससे भारत में HMPV केस की संख्या बढ़कर 2 हो गई है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने कहा कि ICMR ने कर्नाटक में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) के दो मामलों का पता लगाया है. दोनों मामलों की पहचान कई श्वसन वायरल रोगजनकों के लिए नियमित निगरानी के माध्यम से की गई थी, जो देश भर में श्वसन संबंधी बीमारियों की निगरानी के लिए ICMR के चल रहे प्रयासों का हिस्सा है.
The Indian Council of Medical Research (ICMR) has detected two cases of Human Metapneumovirus (HMPV) in Karnataka. Both cases were identified through routine surveillance for multiple respiratory viral pathogens, as part of ICMR's ongoing efforts to monitor respiratory illnesses… pic.twitter.com/PtKYmgztKb
— ANI (@ANI) January 6, 2025
बता दें कि एचएमपीवी मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और दुनिया भर में फ्लू के लगभग 0.7 प्रतिशत मामलों में पाया जाता है. हालांकि, कर्नाटक के स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि उनके पास इस स्ट्रेन के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं है.
HMPV क्या है?
ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) ने हाल ही में सोशल मीडिया पर सर्कूलेट वीडियो और रिपोर्ट के कारण ध्यान आकर्षित किया है, जिसमें बताया गया है कि चीन के अस्पतालों में HMPV सहित श्वसन संबंधी बीमारियों के मरीजों में वृद्धि हो रही है. पोस्ट में यह भी दावा किया गया है कि HMPV, इन्फ्लूएंजा ए, माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया और COVID-19 सहित कई वायरस के प्रकोप ने अस्पतालों में भीड़भाड़ बढ़ा दी है.
अमेरिकन लंग एसोसिएशन के अनुसार HMPV, जिसे पहली बार 2001 में नीदरलैंड के शोधकर्ताओं ने पहचाना था. इसकी वजह से तीव्र श्वसन संक्रमण होता है. वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क के माध्यम से फैलता है. यह या तो खांसने, छींकने से श्वसन बूंदों के माध्यम से, या फिर दूषित सतहों जैसे कि दरवाजे के हैंडल या खिलौनों को छूने से फैलता है.
संयुक्त राज्य अमेरिका में HMPV आमतौर पर सर्दियों और वसंत के महीनों के दौरान ज्यादा फैलता है, जो श्वसन संबंधी अन्य संक्रमणों जैसे कि रेस्पिरेटरी सिन्सिटियल वायरस (RSV) और फ्लू के साथ ओवरलैप होता है.
एचएमपीवी के लक्षण
एचएमपीवी के लक्षण गंभीरता में भिन्न हो सकते हैं और आम तौर पर खांसी, बुखार, बहती या भरी हुई नाक और गले में खराश शामिल हैं. कुछ व्यक्तियों को घरघराहट और सांस की तकलीफ (डिस्पेनिया) का भी अनुभव हो सकता है. कुछ मामलों में वायरस से दाने विकसित हो सकते हैं.
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