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उत्तर प्रदेश में दो हजार चिकित्सक बन गए विशेषज्ञ डॉक्टर, जिलों में होगी तैनाती - Doctors became specialist in UP - DOCTORS BECAME SPECIALIST IN UP

उत्तर प्रदेश में दो हजार चिकित्सक विशेषज्ञ डॉक्टर बन गये हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक जल्द ही इनको जिलों में तैनात किया जाएगा.

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उत्तर प्रदेश में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हुई (Photo Credit- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 26, 2024, 5:07 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के तमाम जिला अस्पतालों में अब विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी जल्द दूर होने वाली है. प्रदेश के अलग-अलग जिलों के अस्पतालों में फिजिशियन, ऑर्थोपेडिक विशेषज्ञ, सर्जन, एनेस्थीसिया एवं मानसिक रोग विशेषज्ञ इत्यादि विशेषज्ञों की कमी लगातार बरकरार थी. लेकिन, अब जिला अस्पतालों में विशेषज्ञों की कमी दूर होगी. दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी दूर हो गई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट (लखनऊ बेंच) के एक आदेश से विभाग की समस्या का समाधान हो गया. वर्तमान में सेवारत करीब दो हजार डिप्लोमाधारी डॉक्टर विभागीय रिकार्ड में विशेषज्ञ बना दिये गए हैं.

जन सामान्य को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए पिछले कई दशक से राज्य सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में कार्यरत एमबीबीएस डॉक्टरों को विभिन्न विषयों में डिप्लोमा करने भेजा जाता था. प्रदेश के आठ मेडिकल कॉलेजों में संसाधन बढ़ने के साथ ही डिप्लोमा लेने वालों की संख्या में भी इजाफा होने लगा. नतीजतन हर साल पीएमएसएच के 150-200 एमबीबीएस डॉक्टर दो वर्षीय डिप्लोमा मिलने लगा था.

पंजीकरण को लेकर हुई परेशानी: मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया ने मेडिकल कॉलेजों को डिप्लोमा सीट नहीं बढ़ाईं. लिहाजा मेडिकल कॉलेजों के पास प्रति डिप्लोमा जितनी अधिकृत सीटें होती थीं, उतने ही डॉक्टरों को उप्र. स्टेट मेडिकल फैकल्टी में बतौर विशेषज्ञ पंजीकृत किया जाता था. यानी हर विभाग में केवल सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले चिकित्सक ही पंजीकृत होते थे. अन्य सभी बतौर एमबीबीएस अस्पतालों में विशेषज्ञता युक्त सेवाएं दे रहे हैं. इन डॉक्टरों ने न्यायालय की शरण ली. बीते दिनों डिप्लोमाधारी डॉक्टरों के पक्ष में निर्णय आने के बाद सभी ने को बड़ी राहत मिली.

लंबित मामलों में मिलेगी राहत:डिप्लोमाधारी एमबीबीएस चिकित्सकों के विशेषज्ञ बनने से स्वास्थ्य विभाग को विभिन्न न्यायालयों में लंबित मामलों में राहत मिलेगी. कई मरीजों के परिजन समुचित इलाज न होने का आरोप लगाते हैं. रिकार्ड में विशेषज्ञ चिकित्सक न होने की वजह से न्यायालय में स्वास्थ्य विभाग को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था.

यूपी स्टेट मेडिकल फैकल्टी सचिव डॉ. आलोक कुमार ने बताया कि संबंधित मेडिकल कॉलेज से अपने प्रमाण पत्र को अवलोकन कराकर डॉक्टरों को स्टेट मेडिकल फैकल्टी में ऑन लाइन आवेदन करना होगा. आवेदन करने वाले डॉक्टरों का विशेषज्ञ के रूप में पंजीकरण किया जाएगा. पीएमएसएच प्रांतीय महामंत्री डॉ. अमित सिंह ने बताया कि डिप्लोमाधारी डॉक्टरों के साथ ही स्वास्थ्य विभाग के लिए भी अच्छा है. सरकारी अस्पतालों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए राज्य सरकार को दोबारा डिप्लोमा कोर्सेस शुरू कराने की पहल करनी चाहिए.

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