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बनारस का तोते वाला घर; हर दिन आते हैं सैकड़ों पैरेट, बुलबुल और गौरैया, 2000 पक्षियों को पाल रहे जयप्रकाश - HUNDREDS OF PARROTS IN VARANASI

24 साल से पक्षियों की कर रहे देखभाल, सुबह-शाम खिलाते हैं दाना, सरकार से गुजारिश- इमारतों में घोंसला जरूर बनवाएं

बनारस का तोता वाला घर
बनारस का तोता वाला घर (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 5, 2025, 1:14 PM IST

Updated : Jan 6, 2025, 4:54 PM IST

वाराणसी: हर घर की खास कहानी होती है. जिसकी जीवंतता वहां रहने वाले लोगों पशु पक्षी व आसपास के वातावरण से होती है. आज हम आपको एक ऐसे ही घर से मिलवाने जा रहे हैं, जहां पर रहने वाले लोगों के खुशनुमा संसार से आसपास का पूरा वातावरण भी बेहद खूबसूरत होता है. यह घर बनारस के पांडेपुर इलाके में मौजूद है. जिसे तोता वाले घर के नाम से जाना जाता है. यहां हर दिन आने वाले सैकड़ों की संख्या में तोता व अन्य पक्षी इस घर के साथ पूरे आसपास के माहौल को अपने कलरव से और भी सुंदर बनाते हैं.

जी हां राष्ट्रीय पक्षी दिवस का मौका है. हर साल 5 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय पक्षी दिवस का उद्देश्य पक्षियों के प्रति लोगों को प्रेम दिखाने के साथ उनके सुरक्षा व संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. ऐसे में आज हम आपको बनारस के तोते वाले घर में लेकर के आए हैं, जिसके मुखिया हैं. जयप्रकाश सिंह जी. जो न सिर्फ पक्षियों के प्रति प्रेम करने की प्रेरणा लोगों को दे रहे हैं बल्कि किस तरीके से इन्हें सुरक्षित रखना है इसके बारे में भी अपनी मुहिम के जरिए बता रहे हैं. जयप्रकाश सिंह ने सन 2000 से पक्षियों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है, जिसका परिणाम है कि उनके घर हर दिन सैकड़ों की संख्या में तोता, कबूतर, बुलबुल, गिलहरी, गौरैया आती है और यह उन्हें हर सुबह और शाम दाना खिलाते हैं.


24 साल से कर रहे पक्षियों की सेवा: ईटीवी भारत से बातचीत में जयप्रकाश सिंह बताते हैं कि, सन 2000 से उन्होंने पक्षियों के देखभाल का बीड़ा उठाया. जिसकी प्रेरणा उन्हें दो गौरैया और उनके मित्र अशोक अग्रवाल से मिली. वह बताते हैं कि उनकी गली में एक गौरैया ने घोंसला लगाया था, एक दिन वह उनके छत पर आई और उन्होंने उसे दाना खिलाया. उसके बाद एक जोड़ा तोता इनके छत पर आए जिसे उन्होंने दाना खिलाया और उसके बाद तोतों के आने का सिलसिला इस कदर बढ़ गया कि एक जोड़े तोते को दान देने से शुरू हुआ सफर आज सैकड़ो तोतों की देखभाल तक पहुंच गया है.

बनारस का तोता वाला घर (Video Credit; ETV Bharat)


उनके मित्र उन्हें लगातार प्रेरित करते हैं.वह कहते हैं कि वह लगभग 24 साल से इन पक्षियों की देखभाल कर रहे हैं.वर्तमान में उनके यहां लगभग 2000 पक्षी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या तोते की है. उसके बाद बुलबुल, कबूतर और गोरिया भी है. उनके यहां गिलहरी और कौवे भी आते हैं जिनकी देखभाल करते हैं.

हर दिन 2 किलो चावल हैं खिलातेः जयप्रकाश बताते हैं कि यह पक्षी हर सुबह 7 से 8 बजे तक और हर शाम 3:30 से 5 बजे तक इनके छत पर आते. जिन्हें यह कच्चे चावल खिलाते हैं. हर सुबह वह उठ करके बाबा विश्वनाथ जाते हैं, उनका दर्शन करते हैं. वहां से आने के बाद यह एक पक्षियों को दान देने की शुरुआत करते हैं. हर दिन तीन से चार घंटा इन पक्षियों की देखभाल में इनका बीतता है.

यह बताते हैं कि तोता कबूतर को दो किलो कच्चे चावल, गिलहरी को रोटी और कौवे को दूध और रोटी खिलाया जाता है और यह सभी पक्षी बेहद चाव से अपने भोजन को करते भी हैं. जिस दिन यह पक्षी किसी कारणवश नहीं आ पाते है. उस दिन हमारा आंगन सूना लगता है. अब यह पक्षी हमारे परिवार के सदस्य बन चुके हैं.

बताते चले कि,जयप्रकाश जी के न रहने पर उनकी पत्नी सुशीला भी इन पक्षियों की देखभाल करती हैं.वह कहती हैं कि, यह पक्षी उनके घर के बच्चों जैसे हैं. जयप्रकाश जी के न रहने पर वह अपने घर के कर्मचारियों के साथ मिलकर सुबह और शाम इन्हें भोजन देती हैं. अब तो आलम यह हो गया है कि आवाज देने से ही आसपास के इलाके से सभी पक्षी के इनके घर पर चले आते हैं. वह कहती है कि,हमें बहुत अच्छा लगता है कि हमारे घर को तोता वाले घर के नाम से जाना जाता है. जो कोई भी यहां आता है वह हर सुबह इन पक्षियों को देखने के लिए हमारे घर जरूर आना चाहता है और लोग आकर के देखते भी हैं. वही जयप्रकाश जी के यहां आने वाले लोगों की माने तो उन्हें जयप्रकाश की इस मुहिम से बेहद प्रेरणा मिलती है. उनके यहां एक व्यक्ति ने बताया कि वह लगभग 10-12 सालों से जयप्रकाश जी को चिड़ियों को दाना डालते हुए देख रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने भी अपने घर पर पक्षियों को दान देने की शुरुआत की है.

आगे जयप्रकाश जी कहते हैं कि, हमारी सरकार से बस एक गुजारिश है कि वह जहां पर भी फ्लाईओवर, सरकारी भवन या बड़ी-बड़ी बिल्डिंग टावर बनवाते हैं तो वहां पर इन पक्षियों के लिए एक घोंसला जरूर बनवाएं. ताकि तोता, कबूतर, बुलबुल व अन्य पक्षियों को रहने के लिए यहां वहां भटकना न पड़े. बल्कि उनके भोजन की व्यवस्था हो जिससे पक्षी एक सुरक्षित स्थान पर रह सके. इस सेवा न सिर्फ हमारा पर्यावरण सुरक्षित होगा बल्कि विलुप्त हो रही इन प्रजातियों को भी सुरक्षित रखा जाएगा. गौरतलब हो कि,जयप्रकाश जी का घर बनारस का इकलौता ऐसा घर है. जहां पर सैकड़ों की संख्या में एक साथ तोता, बुलबुल देखे जाते हैं इनके अलावा शायद ही शहर का कोई इलाका हो जहां पर इस तरीके से पक्षियों का कलरव देखा जाता है.

यह भी पढ़ें: रोजगार मेले में चमकी किस्मत: 8381 को नौकरी, सबसे बड़ा पैकेज 4.20 लाख का, डिप्टी बैंक मैनेजर की जॉब ऑफर

यह भी पढ़े: बनारस को बेहद पसंद करते थे मनमोहन सिंह; पहले प्रधानमंत्री थे जिन्होंने की थी गंगा आरती


वाराणसी: हर घर की खास कहानी होती है. जिसकी जीवंतता वहां रहने वाले लोगों पशु पक्षी व आसपास के वातावरण से होती है. आज हम आपको एक ऐसे ही घर से मिलवाने जा रहे हैं, जहां पर रहने वाले लोगों के खुशनुमा संसार से आसपास का पूरा वातावरण भी बेहद खूबसूरत होता है. यह घर बनारस के पांडेपुर इलाके में मौजूद है. जिसे तोता वाले घर के नाम से जाना जाता है. यहां हर दिन आने वाले सैकड़ों की संख्या में तोता व अन्य पक्षी इस घर के साथ पूरे आसपास के माहौल को अपने कलरव से और भी सुंदर बनाते हैं.

जी हां राष्ट्रीय पक्षी दिवस का मौका है. हर साल 5 जनवरी को यह दिवस मनाया जाता है. राष्ट्रीय पक्षी दिवस का उद्देश्य पक्षियों के प्रति लोगों को प्रेम दिखाने के साथ उनके सुरक्षा व संरक्षण के प्रति जागरूक करना है. ऐसे में आज हम आपको बनारस के तोते वाले घर में लेकर के आए हैं, जिसके मुखिया हैं. जयप्रकाश सिंह जी. जो न सिर्फ पक्षियों के प्रति प्रेम करने की प्रेरणा लोगों को दे रहे हैं बल्कि किस तरीके से इन्हें सुरक्षित रखना है इसके बारे में भी अपनी मुहिम के जरिए बता रहे हैं. जयप्रकाश सिंह ने सन 2000 से पक्षियों के संरक्षण का बीड़ा उठाया है, जिसका परिणाम है कि उनके घर हर दिन सैकड़ों की संख्या में तोता, कबूतर, बुलबुल, गिलहरी, गौरैया आती है और यह उन्हें हर सुबह और शाम दाना खिलाते हैं.


24 साल से कर रहे पक्षियों की सेवा: ईटीवी भारत से बातचीत में जयप्रकाश सिंह बताते हैं कि, सन 2000 से उन्होंने पक्षियों के देखभाल का बीड़ा उठाया. जिसकी प्रेरणा उन्हें दो गौरैया और उनके मित्र अशोक अग्रवाल से मिली. वह बताते हैं कि उनकी गली में एक गौरैया ने घोंसला लगाया था, एक दिन वह उनके छत पर आई और उन्होंने उसे दाना खिलाया. उसके बाद एक जोड़ा तोता इनके छत पर आए जिसे उन्होंने दाना खिलाया और उसके बाद तोतों के आने का सिलसिला इस कदर बढ़ गया कि एक जोड़े तोते को दान देने से शुरू हुआ सफर आज सैकड़ो तोतों की देखभाल तक पहुंच गया है.

बनारस का तोता वाला घर (Video Credit; ETV Bharat)


उनके मित्र उन्हें लगातार प्रेरित करते हैं.वह कहते हैं कि वह लगभग 24 साल से इन पक्षियों की देखभाल कर रहे हैं.वर्तमान में उनके यहां लगभग 2000 पक्षी हैं, जिनमें सबसे ज्यादा संख्या तोते की है. उसके बाद बुलबुल, कबूतर और गोरिया भी है. उनके यहां गिलहरी और कौवे भी आते हैं जिनकी देखभाल करते हैं.

हर दिन 2 किलो चावल हैं खिलातेः जयप्रकाश बताते हैं कि यह पक्षी हर सुबह 7 से 8 बजे तक और हर शाम 3:30 से 5 बजे तक इनके छत पर आते. जिन्हें यह कच्चे चावल खिलाते हैं. हर सुबह वह उठ करके बाबा विश्वनाथ जाते हैं, उनका दर्शन करते हैं. वहां से आने के बाद यह एक पक्षियों को दान देने की शुरुआत करते हैं. हर दिन तीन से चार घंटा इन पक्षियों की देखभाल में इनका बीतता है.

यह बताते हैं कि तोता कबूतर को दो किलो कच्चे चावल, गिलहरी को रोटी और कौवे को दूध और रोटी खिलाया जाता है और यह सभी पक्षी बेहद चाव से अपने भोजन को करते भी हैं. जिस दिन यह पक्षी किसी कारणवश नहीं आ पाते है. उस दिन हमारा आंगन सूना लगता है. अब यह पक्षी हमारे परिवार के सदस्य बन चुके हैं.

बताते चले कि,जयप्रकाश जी के न रहने पर उनकी पत्नी सुशीला भी इन पक्षियों की देखभाल करती हैं.वह कहती हैं कि, यह पक्षी उनके घर के बच्चों जैसे हैं. जयप्रकाश जी के न रहने पर वह अपने घर के कर्मचारियों के साथ मिलकर सुबह और शाम इन्हें भोजन देती हैं. अब तो आलम यह हो गया है कि आवाज देने से ही आसपास के इलाके से सभी पक्षी के इनके घर पर चले आते हैं. वह कहती है कि,हमें बहुत अच्छा लगता है कि हमारे घर को तोता वाले घर के नाम से जाना जाता है. जो कोई भी यहां आता है वह हर सुबह इन पक्षियों को देखने के लिए हमारे घर जरूर आना चाहता है और लोग आकर के देखते भी हैं. वही जयप्रकाश जी के यहां आने वाले लोगों की माने तो उन्हें जयप्रकाश की इस मुहिम से बेहद प्रेरणा मिलती है. उनके यहां एक व्यक्ति ने बताया कि वह लगभग 10-12 सालों से जयप्रकाश जी को चिड़ियों को दाना डालते हुए देख रहे हैं, जिसके बाद उन्होंने भी अपने घर पर पक्षियों को दान देने की शुरुआत की है.

आगे जयप्रकाश जी कहते हैं कि, हमारी सरकार से बस एक गुजारिश है कि वह जहां पर भी फ्लाईओवर, सरकारी भवन या बड़ी-बड़ी बिल्डिंग टावर बनवाते हैं तो वहां पर इन पक्षियों के लिए एक घोंसला जरूर बनवाएं. ताकि तोता, कबूतर, बुलबुल व अन्य पक्षियों को रहने के लिए यहां वहां भटकना न पड़े. बल्कि उनके भोजन की व्यवस्था हो जिससे पक्षी एक सुरक्षित स्थान पर रह सके. इस सेवा न सिर्फ हमारा पर्यावरण सुरक्षित होगा बल्कि विलुप्त हो रही इन प्रजातियों को भी सुरक्षित रखा जाएगा. गौरतलब हो कि,जयप्रकाश जी का घर बनारस का इकलौता ऐसा घर है. जहां पर सैकड़ों की संख्या में एक साथ तोता, बुलबुल देखे जाते हैं इनके अलावा शायद ही शहर का कोई इलाका हो जहां पर इस तरीके से पक्षियों का कलरव देखा जाता है.

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Last Updated : Jan 6, 2025, 4:54 PM IST
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