दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

गाजियाबाद नगर निगम: मेयर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त आमने-सामने, जानें क्या है पूरा मामला - ghaziabad nagar nigam - GHAZIABAD NAGAR NIGAM

गाजियाबाद में नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक और मेयर सुनीता दयाल के बीच तल्खी खुलकर सामने आ गई है. नगरायुक्त ने नगर निगम के सभी विभागों को पत्र लिखकर आदेश जारी कहा कि शासकीय कार्य की पत्रावलियां उनकी बिना अनुमति महापौर के पति के समक्ष प्रस्तुत की जा रही हैं जो आफि‌शियल सीक्रेट का खुला उल्लंघन हैं.

delhi news
गाजियाबाद नगर निगम (File Photo)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 8, 2024, 10:28 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद की महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के बीच तल्खी बढ़ गई है. नगर आयुक्त ने पत्र लिखकर कहा कि महापौर के पति को नगर निगम के फाइलों को देखने का अधिकार नहीं है. फाइलों को अप्रूवल से पहले मंगाकर देखने की बात सामने आई है. नगर आयुक्त ने सभी विभागाध्यक्षों को लेटर भेजा है. वहीं, महापौर ने भी आयोग की तरफ से लगाए गए तमाम आरोपों का पत्र जारी कर जवाब दिया है. नगर आयुक्त को संबोधित करते हुए महापौर ने लिखा कि आप शायद यह स्थापित करना चाहते है कि आपको नगर निगम में निरंकुश शासन करने का अधिकार है.

नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि शासकीय कार्य की पत्रावलियां बिना हस्ताक्षर की स्वीकृति प्राप्त किये बिना ही महापौर के पति के समक्ष प्रस्तुत की जा रही हैं. जबकि, आप नगर निगम की महापौर निर्वाचित है तथा नगर निगम अधिनियम-1959 के अनुसार महापौर को ही बैठक में सम्मलित होने का अधिकार है. शासकीय कार्य की पत्रावली वे केवल नगरााक्त की आज्ञा से देख सकती हैं. विधिवत आवेदन के बाद उन्हें पत्रावली अवलोकन करने की इजाजत दी जाएगी.

आदेश में कहा गया है कि महापौर के पति नगर निगम अधिकारियों से फोन करके उचित माध्यम के बिना पत्रावलियों की कॉपी मंगाते हैं. यह सरकारी कार्य में हस्तक्षेप की श्रेणी में आता है. यह आफि‌सियल सीक्रेट एक्ट-1923 का खुला उल्लंघन और एक दंडनीय अपराध है. इसके पश्चात भी निरंतर उनके द्वारा इस प्रकार का कार्य आपके सहयोग निरंतर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कोई भी पत्रावली उपलब्ध न कराएं और न ही सरकारी.

नगर आयुक्त ने निगम के सभी विभागाध्यक्ष को आदेश जारी करते हुए कहा है कि कोई भी पत्रावली और अभिलेख उपलब्ध न करायें जाये और न ही सरकारी रिकॉर्ड्स की फोटो कॉपी स्केनिंग प्रश्नगत आशय से करायी जाये. यदि निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया जाता है तो संबंधित अधिकारी भी ऑफिसियल सिक्रेट एक्ट-1923 के अन्तर्गत संलिपत्ता के आधार पर दोषी होंगे तथा उनके खिलाफ भी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

वही, महापौर सुनीता दयाल ने भी नगर आयुक्त को पत्र लिखा कि आपके कुछ अधिकारी और कर्मचारी नहीं चाहते कि नगर निगम की कार्यप्रणाली में सुचिता तथा पारदर्शिता आये, वे निरंकुश तथा मनमाने ढ़ग से कार्य करते रहे है और वहीं लोग आपको भ्रमित कर रहे हैं, क्योंकि उनके अनियमित कार्य उजागर हो रहे है.

ये भी पढ़ें:Ghaziabad Mayor Sunita Dayal: गंदगी के अंबार, स्मार्ट ट्रांसफर स्टेशन मिला बंद, कर्मचारी अनुपस्थित

ये भी पढ़ें:Ghaziabad Landfill Site: गाजियाबाद में डंप हो रहा दिल्ली का कूड़ा, महापौर ने पकड़े MCD के 9 ट्रक

ABOUT THE AUTHOR

...view details