भागलपरः बिहार के भागलपुरी सिल्क, जर्दालु आम, कतरनी चावल और चूरा देश-विदेशों में पहचान बना चुका है. अब भागलपुर की मनराजी लीची की भी मिठास विदेश पहुंचनी शुरू हो गयी है. इसकी पहली खेप एक्सपोर्ट कर दिया गया है. अन्य देशों से भी लीची के ऑर्डर आ रहे हैं.
पिता के सपना को पूरा कर रहे दो भाईः दरअसल, ऐसा करने वाले भागलपुर के दो किसान हैं जिन्होंने बिहार से लीची को दुबई भेजने का काम किया. भागलपुर के किसान चंदन कुमार सिंह ने बताया कि उनके पिता का सपना था कि भागलपुर की लीची को विदेशों तक पहुंचायी जाए. उन्हीं के सपना को साकार कर रहे हैं. भागलपुर की लीची अब दुबई तक पहुंची चुकी है. दुबई के शेख अब बिहार की लीची का स्वाद लेंगे.
"मेरे पिता जी का सपना था कि बिहार की लीची देश के बाहर जाए. इसके लिए 2022 में FPO बनाया गया. सरस वसुधा फार्मर प्रोडूसर लिमिटेड के नाम से कंपनी बनायी. साल 2023 में APEDA से लाइसेंस लिए. इसमें भागलुर की संस्था आत्मा और डीएम साहब का अहम योगदान रहा. आज बाबू जी का जो सपना था उसे हमदोनों भाई कर रहे हैं."-चंदन कुमार सिंह, किसान
जीआई टैग की मांगः किसान चंदन सिंह बताते हैं कि पहली खेप में 571 किलो लीची दुबई भेजी गयी है. संयुक्त अरब अमीरात के अन्य शहर से 500 किलो का ऑर्डर आय़ा है जिसे भेजने की तैयारी की जा रही है. बता दें कि भागलपुर के जर्दालु आम और चूरा को जीआई टैग मिल चुका है. मनराजी लीची को भी जीआई टैग देने की मांग की जा रही है. इसमें भागलपुर की संस्था आत्मा का बहुत बड़ा योगदान है.
मनराजी लीची का स्वाद चखेंगे शेखः किसान चंदन सिंह मूल रूप से गोपालपुर प्रखंड के लत्तीपाकर धरहरा के रहने वाले हैं. उन्होंने बताया कि बेंगलुरु के रास्ते लीची दुबई भेजी गयी और कई ऑर्डर भी मिल रहे हैं. अब भागलपुर की मनराजी लीची का स्वाद दुबई के शेख भी चख रहे हैं. चंदन सिंह बताते हैं कि लीची दुबई भेजने के लिए उन्होंने FPO बनवाया जिसमें भागलपुर की संस्था आत्म का अहम सहयोग है.