समस्तीपुर: बिहार के समस्तीपुर में पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर के 101वीं जयंती पर उनके पैतृक गांव कर्पूरीग्राम में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस मौके पर उपराष्ट्रपति समेत केंद्र व बिहार के बड़े दिगज्ज मौजूद रहे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर "सामाजिक न्याय के मसीहा" थे और उन्होंने गरीबों और वंचितों की हमेशा मदद की.
कर्पूरी ठाकुर को उपराष्ट्रपति ने किया याद: देश की सियासत के केंद्र में रहने वाले बिहार के पूर्व सीएम कर्पूरी ठाकुर की 101वीं जयंती इस बार कई मायनों में खास है. दरअसल कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने के बाद यह उनकी पहली जयंती है. इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर की सोच और उनके सपने पर सही मायनों में केंद्र व राज्य की सरकार काम कर रही.
"हम उनके इस कार्यक्रम में आकर खुद पर गर्व महसूस कर रहे हैं. कर्पूरी ठाकुर की सोच थी कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ लेकर आगे बढ़ा जाए. वो सामाजिक न्याय के मसीहा थे. आज इसी सोच को केंद्र और राज्य की सरकार भी आगे बढ़ा रही है."-जगदीप धनखड़, उपराष्ट्रपति
कर्पूरी ठाकुर के विचारों पर नीतीश कुमार: वहीं इस कर्यक्रम मौजूद राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि सही मायनों में नीतीश कुमार कर्पूरी ठाकुर के विचारों को लगातार 2005 के बाद से आगे बढ़ा रहे हैं. उनकी जो सोच थी उसपर नीतीश कुमार काम कर रहे हैं. नीतीश कुमार परिवारवाद से दूर रहकर लगातार काम कर रहे हैं.
"कर्पूरी ठाकुर के राजनितिक सपनों को 2005 के बाद नीतीश कुमार ने धरातल पर उतारा है. नीतीश कुमार हमेशा उनके बताए गए रास्ते पर चलते हैं. वो परिवारवाद से दूर रहकर, महिलाओं को पंचायतों में आरक्षण देकर, ऐसे पद पर लंबे समय से रहकर बेदाग रहना और उनके अनेक प्रयास कर्पूरी ठाकुर के गरीबों और वंचितों के लिए देखे गए विकास के सपने का संपूर्ण विस्तार है."-हरिवंश, उपसभापति, राज्यसभा
शिवराज सिंह चौहान ने किया याद: कार्यक्रम में उपस्थित केन्द्रीय कृषि, किसान कल्याण एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कर्पूरी ठाकुर के सामाजिक सोच का जिक्र किया. केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो आजीवन जनता के लिए ही जिये और पिछड़ों को सर्वप्रथम आरक्षण देने का काम भी उन्होंने ही किया.
"कर्पूरी ठाकुर जनता के लिए जिये. उन्होंने हर क्षण जनता और देश के नाम किया. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी काम किया है."- शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री
कर्पूरी ठाकुर क्यों थे खास: गौरतलब हो कि कर्पूरी ठाकुर का निधन 1988 में हो गया था. वो बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहने वाले पहले गैर-कांग्रेसी समाजवादी नेता थे. वो पहली बार दिसंबर 1970 में सात महीने के लिए मुख्यमंत्री बने थे. इसके बाद में 1977 में वो दो साल के लिए मुख्यमंत्री बने थे. वो प्यार से 'जन नायक' (जनता के नेता) के रूप में जाने जाते थे. पिछले साल 2024 में उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया है.
बड़े वोट बैंक को साधने की है कड़ी: बता दें कि बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होना है. जिसे लेकर लगभग सभी सियासी दल कर्पूरी ठाकुर के विचारों की बात करते नजर आ रहे हैं. सियासी सच्चाई यह भी है कि कर्पूरी एक बड़े वोट बैंक को साधने की कड़ी माने जाते हैं. कमोवेश मकसद जो भी हो जननायक के इस जयंती कार्यक्रम में पंहुचे खास अथितियों ने सभी से उनके विचारों पर चलने की अपील की है.
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