हैदराबाद: आने वाले साल नौकरी बाजार में एक बड़ा बदलाव लेकर आने वाला है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की "फ्यूचर ऑफ जॉब्स रिपोर्ट 2025" के अनुसार, 2030 तक दुनिया में 17 करोड़ नई नौकरियां सृजित होंगी, लेकिन इसके साथ ही लगभग 9.2 करोड़ नौकरियां खत्म भी हो जाएंगी. ये बदलाव तकनीकी विकास, डिजिटल परिवर्तन, और हरित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ते विश्व के कारण हो रहे हैं. इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट है कि पुराने कौशल की मांग धीरे-धीरे कम होती जाएगी, और तकनीकी कौशल सीखना अनिवार्य हो जाएगा. भविष्य में नौकरी के अवसरों को सुरक्षित रखने का एकमात्र तरीका है नई तकनीकों को अपनाना और खुद को लगातार अपडेट रखना.
डिजिटल परिवर्तन: मुख्य बदलाव का कारण
WEF की रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल पहुंच का व्यापक होना सबसे परिवर्तनकारी प्रवृत्ति होगी. लगभग 60% नियोक्ताओं का मानना है कि यह प्रवृत्ति 2030 तक उनके व्यवसाय में बड़े बदलाव लाएगी. इसके अलावा, तकनीकी प्रगति नौकरी बाजार पर गहरा प्रभाव डालेगी. आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (AI) और बिग डेटा (86%), रोबोटिक्स और ऑटोमेशन (58%) और ऊर्जा उत्पादन, भंडारण और वितरण (41%) जैसे क्षेत्र प्रमुख बदलाव लाएंगे. एक ओर, इन क्षेत्रों में नई नौकरियां सृजित होंगी, तो दूसरी ओर कई पारंपरिक नौकरियां खत्म हो जाएंगी.
भारत पर प्रभाव
भारत जैसी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में यह बदलाव और भी स्पष्ट होगा. डिजिटल इंडिया और हरित ऊर्जा परियोजनाओं के कारण आईटी और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में नई नौकरियों का विस्तार होगा. वहीं, पारंपरिक नौकरियां जैसे डाटा एंट्री ऑपरेटर और प्रिंटिंग उद्योग के श्रमिकों की नौकरियाँ खत्म होने की संभावना है.
तेजी से खत्म हो रही नौकरियां
आने वाले दशक में निम्नलिखित क्षेत्रों में नौकरियां तेजी से खत्म हो सकती हैं:
- पोस्टल सर्विस क्लर्क
- बैंक टेलर्स और संबंधित क्लर्क
- डाटा एंट्री ऑपरेटर्स
- कैशियर और टिकट क्लर्क
- एडमिनिस्ट्रेटिव असिस्टेंट और एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी
- प्रिंटिंग और संबंधित ट्रेड वर्कर्स
- अकाउंटिंग, बुककीपिंग और पे-रोल क्लर्क
- स्टॉक-कीपिंग और मटेरियल रिकॉर्डिंग क्लर्क
- ट्रांसपोर्टेशन अटेंडेंट और कंडक्टर
- डोर-टू-डोर सेल्स वर्कर्स और न्यूज़ वेंडर
- ग्राफिक डिजाइनर्स
- क्लेम एडजस्टर्स और इन्वेस्टिगेटर्स
- लीगल ऑफिसर्स
- टेलीमार्केटर्स
नौकरी बाजार में परिवर्तन और स्किल की आवश्यकता
2025 से 2030 के बीच नौकरी बाजार में कुल नौकरियों का 22% परिवर्तन होगा। इसमें 14% नई नौकरियाँ आएंगी, जबकि 8% नौकरियां खत्म हो जाएंगी. कुल मिलाकर, यह बदलाव 7% की सकारात्मक वृद्धि करेगा, जिससे 78 मिलियन (7.8 करोड़) नौकरियां बढ़ेंगी. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2030 तक नौकरी बाजार में 39% प्रमुख कौशल बदल जाएंगे. इसलिए, नियोक्ता अब लगातार अपस्किलिंग (नई कौशल सीखना) और रिस्किलिंग (पुराने कौशल को अपडेट करना) पर जोर दे रहे हैं.
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