लाहौल-स्पीति: हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में भारी बर्फबारी होने के चलते जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. प्रदेश में मौसम विभाग शिमला द्वारा 14 मार्च तक भारी बारिश और बर्फबारी को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. ऐसे में ऊंचाई वाले इलाकों में हालात और बदतर होने की आशंका जताई जा रही है. बर्फ से ढके पहाड़ जहां एक ओर हिमाचल प्रदेश की खूबसूरती को चार चांद लगा रहे हैं. वहीं, बर्फबारी के कारण यहां के स्थानीय निवासियों की परेशानियां भी बढ़ गई हैं. बारिश और बर्फबारी के चलते पहाड़ी इलाके शीतलहर की चपेट में हैं.
बर्फबारी ने बढ़ाई मुश्किलें
बात करें जिला लाहौल स्पीति की तो यहां पर जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. घाटी में बर्फबारी का दौर जारी है. कई-कई फीट तक जमा बर्फ से सड़कें बंद हो गई हैं. पानी के स्त्रोत जम गए हैं. कड़ाके की ठंड के बीच खाने-पीने की अन्य चीजें भी जाम हो रही हैं. माइनस तापमान के चलते यहां पर लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कई गांवों में बिजली की आपूर्ति नहीं हो रही है. लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हैं.
याक पर ढो रहे पीने का पानी
लाहौल-स्पीति में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में पानी की पाइपें जम गई हैं. जिससे लोगों के घरों में पीने के पानी तक की सप्लाई नहीं हो रही है. स्पीति घाटी के सबसे बड़े गांव रंगरिक में भी भारी बर्फबारी के बाद से लोगों को पीने के पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्पीति घाटी में लोग दूर-दराज के इलाकों से याक पर पानी ढो रहे हैं. हालांकि जल शक्ति विभाग द्वारा पानी की पाइपों की मरम्मत की जा रही है, लेकिन लगातार बर्फबारी होने के चलते पाइपें दोबारा से जम जा रही हैं.
बर्फबारी से अंधेरे में कई गांव
लाहौल-स्पीति में भारी बर्फबारी के चलते कई गांवों में बिजली आपूर्ति नहीं है. लोगों को मजबूरन अंधेरे में रहना पड़ रहा है. रंगरिक पंचायत के उप प्रधान संजीव ने बताया कि पूरे इलाके में पिछले 10 दिनों से बिजली नहीं है. इसी तरह घाटी के कई गांवों में बिजली नहीं है. ऐसे में अंधेरे और खराब मौसम ने लोगों की मुसीबतों को बढ़ा दिया है. प्रदेश में बार-बार बदलता मौसम लोगों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है.
मरीजों को किया जा रहा एयरलिफ्ट
लाहौल-स्पीति में भारी बर्फबारी के चलते सड़कें बंद हैं. ऐसे में मरीजों को अस्पताल पहुंचाना भी मुश्किल हो गया है. खासकर जिन मरीजों को लाहौल-स्पीति से कुल्लू रेफर किया जा रहा है, उन्हें सड़क मार्ग के जरिए कुल्लू ले जाना संभव नहीं हो पा रहा है. जिसके चलते जिले से मरीजों को एयरलिफ्ट कर कुल्लू पहुंचाया जा रहा है. 9 मार्च को भी लाहौल घाटी से 2 मरीजों को एयरलिफ्ट कर कुल्लू के अस्पताल में भर्ती करवाया था. वहीं, 12 मार्च को गोहरमा के एक बुजुर्ग मरीज को सिस्सु पुलिस के जवानों ने स्ट्रेचर पर उठाकर कई किलोमीटर पैदल चलकर अटल टनल के दूसरी ओर पहुंच गया था. जिन्हें वहां से कुल्लू अस्पताल के लिए रवाना किया गया.