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कांगड़ा को-ऑपरेटिव बैंक में करोड़ों के लोन का फर्जीवाड़ा, विजिलेंस ब्यूरो ने दर्ज की FIR - LOAN FRAUD IN KCB UNA

केसीसीबी में गलत तरीके से 20 करोड़ की लोन राशि का वितरण किया गया. अब विजिलेंस में इस मामले में FIR दर्ज कर ली है.

केसीसीबी बैंक में लोन घोटाला विजिलेंस ने दर्ज की एफआईआर
केसीसीबी बैंक में लोन घोटाला विजिलेंस ने दर्ज की एफआईआर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 11 hours ago

Updated : 10 hours ago

ऊना: जिला में केसीसीबी बैंक में लोन के नाम पर घोटाले के आरोप लगे हैं. विजिलेंस ब्यूरो ने होटल बनाने के नाम करोड़ों के लोन के फर्जीवाडे मामले में मनाली के होटल मालिकों के साथ-साथ कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

होटल बनाने के नाम पर करीब 60 करोड़ के लोन का आवेदन किया गया था, जिसमें 20 करोड़ की लोन की राशि जारी कर दी गई. मामले की जानकारी देते हुए स्टेट बिजनेस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी फिरोज खान ने बताया कि, 'विजिलेंस ने इस मामले में प्रदेश सरकार के सहकारिता सचिव से शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया है.' आरोप है कि होटल के संचालक ने कांगड़ा बैंक की ब्रांच से कई लोन लिए थे, लेकिन बैंक के अधिकारियों ने अपने बैंक की नीतियों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के दिशा निर्देशों का भी खुलेआम उल्लंघन किया है. बैंक ने ऋण लेने वाले व्यक्ति को 20 करोड रुपए की राशि का वितरण सीधे तौर पर कर डाला.

विजिलेंस की ओर से मिली जानकारी
विजिलेंस की ओर से मिली जानकारी (FIR कॉपी)

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

अब विजिलेंस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 420, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13 (1) (ए)/13 (2) के तहत अपने ऊना पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि होटल बनाने के लिए नियमों को ताक पर रख कर लोन सेंक्शन किया गया. विजिलेंस को इसकी शिकायत प्राप्त हुई थी. प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद केस में एफआईआर दर्ज की गई है. अब मामले की जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा होगा.

ये भी पढ़ें: पुरानी गाड़ी स्क्रैप करने पर मिलेंगे ये लाभ, हिमाचल में स्क्रैपिंग पर दी जाने वाली छूट की समय सीमा बढ़ी, आदेश जारी

ये भी पढ़ें: हिमाचल के जलशक्ति विभाग में पानी की सप्लाई में ₹1.13 करोड़ का गबन, दस अफसर सस्पेंड, विजिलेंस को सौंपी जांच

ऊना: जिला में केसीसीबी बैंक में लोन के नाम पर घोटाले के आरोप लगे हैं. विजिलेंस ब्यूरो ने होटल बनाने के नाम करोड़ों के लोन के फर्जीवाडे मामले में मनाली के होटल मालिकों के साथ-साथ कांगड़ा सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.

होटल बनाने के नाम पर करीब 60 करोड़ के लोन का आवेदन किया गया था, जिसमें 20 करोड़ की लोन की राशि जारी कर दी गई. मामले की जानकारी देते हुए स्टेट बिजनेस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो के डीएसपी फिरोज खान ने बताया कि, 'विजिलेंस ने इस मामले में प्रदेश सरकार के सहकारिता सचिव से शिकायत मिलने के बाद केस दर्ज किया है.' आरोप है कि होटल के संचालक ने कांगड़ा बैंक की ब्रांच से कई लोन लिए थे, लेकिन बैंक के अधिकारियों ने अपने बैंक की नीतियों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक और राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के दिशा निर्देशों का भी खुलेआम उल्लंघन किया है. बैंक ने ऋण लेने वाले व्यक्ति को 20 करोड रुपए की राशि का वितरण सीधे तौर पर कर डाला.

विजिलेंस की ओर से मिली जानकारी
विजिलेंस की ओर से मिली जानकारी (FIR कॉपी)

इन धाराओं के तहत मामला दर्ज

अब विजिलेंस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 420, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराओं 13 (1) (ए)/13 (2) के तहत अपने ऊना पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की है. आरोप है कि होटल बनाने के लिए नियमों को ताक पर रख कर लोन सेंक्शन किया गया. विजिलेंस को इसकी शिकायत प्राप्त हुई थी. प्रारंभिक जांच में गड़बड़ी मिलने के बाद केस में एफआईआर दर्ज की गई है. अब मामले की जांच के बाद पूरे मामले का खुलासा होगा.

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Last Updated : 10 hours ago
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